बिहार विधानसभा चुनाव में बाहुबलियों का गढ़ कहे जाने वाले मोकामा में एक बार फिर अनंत सिंह की जीत हुई और वे विधायक बन गए. लेकिन वे फिलहाल मोकामा में हुए दुलारचंद यादव की हत्या के आरोप में जेल में बंद है. इसी बीच अनंत सिंह को लेकर एक बड़ी जानकारी सामने आई है. जदयू के बाहुबली विधायक और छोटे सरकार के नाम से मशहूर अनंत सिंह की जमानत याचिक खारिज हो गई है. यानी की अनंत सिंह अभी जेल में ही बंद रहेंगे और उनके बाहर आने की कोई संभावना नहीं है.
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सिविल कोर्ट में याचिका खारिज
मोकामा के बाहुबलि विधायक को 1-2 नवंबर की दरमियानी रात गिरफ्तार कर लिया गया था और 2 नवंबर को उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था. अभी मिल रही जानकारी के मुताबिक अनंत सिंह की तरफ से पटना सिविल कोर्ट(निचली अदालत) में जमानत की याचिका दायर की गई थी. लेकिन उनकी यह याचिका खारिज कर दी गई है. निचली अदालत से झटका लगने के बाद अब अनंत सिंह की ओर से पटना हाईकोर्ट में जमानत के लिए याचिक दायर कर सकते हैं.
दुलारचंद यादव की हत्या के आरोपी है अनंत सिंह
30 अक्टूबर को मोकामा के टाल क्षेत्र में बाहुबली नेता दुलारचंद यादव की हत्या हो गई थी. दरअसल इस चुनाव में दुलारचंद यादव जन सुराज के प्रत्याशी पीयूष प्रियदर्शी के समर्थन में चुनाव प्रचार कर रहे थे. 30 अक्टूबर को चुनाव प्रचार के दौरान अनंत सिंह और पीयूष का काफिला आमने-सामने हुआ और दोनों पक्षों में झड़प हो गई. इसी घटनाक्रम में दुलारचंद यादव की हत्या हो गई थी. दुलारचंद यादव के परिजनों ने इस घटना का इल्जाम अनंत सिंह पर लगाया और दुलारचंद यादव के पोते ने ये तक कहा कि उसने अपने आंखों ने अनंत सिंह को गोली मारते हुए देखा था.
अनंत सिंह ने सूरजभान को बताया था जिम्मेदार
वहीं घटना के बाद अनंत सिंह ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा था कि, जब उनका काफिला गुजर रहा था, तब सामने से नारेबाजी की. लेकिन उन्होंने कुछ नहीं किया और आगे चलते बने, तभी उनके काफिले के पीछे की गाड़ियों पर पत्थरबाजी हुई. अनंत सिंह ने कहा था कि यह सब सूरजभान सिंह का किया हुआ है ताकि चुनाव के वक्त अशांति फैल जाए. वहीं दुलारचंद पर अनंत सिंह ने कहा कि उसने ही पहले हम लोगों के काफिले पर हमला किया था.
दिन में जन-संपर्क, रात को गिरफ्तारी
इस हत्याकांड के अगले दिन यानी 31 अक्टूबर को मोकामा में तनातनी का माहौल बना हुआ था. जब दुलारचंद यादव की शव यात्रा जा रही थी तब भी पत्थरबाजी हुई थी. फिर 1 नवंबर को अनंत सिंह अचानक से जनसंपर्क के लिए निकले और जनता के बीच अपना चुनाव प्रचार किया था. हालांकि इस दौरान उन्होंने मीडिया से दूरी बना रखी थी और वे अपने समर्थकों के घेरे में चल रहे थे. फिर उसी दिन रात में अनंत सिंह की गिरफ्तारी हुई थी.
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