बिहार चुनाव में प्रत्याशियों की घोषणा के वक्त पहले एनडीए फिर महागठबंधन में तकरार शुरू हो गया. NDA ने आपसी मान-मनौव्वल से सारे मामले सुलझा लिए पर महागंठबंधन में अभी भी सबकुछ ठीक नजर नहीं आ रहा है. 11 सीटों पर महागठबंधन के प्रत्याशी ही एक दूसरे के खिलाफ मैदान में हैं. कहीं न कहीं महागठबंधन की उलझी गांठों को सुलझाने में बिहार कांग्रेस के प्रभारी कृष्णा अल्लावरु नाकाम नजर आ रहे हैं. ऐसे में वहां अब राजस्थान के पूर्व सीएम अशोक गहलोत को भेजा जा रहा है.
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जानकारी के मुताबिक महागठबंधन में आपसी तकरार के बाद अब साझा चुनाव प्रचार अभियान पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं. कई सीटों पर फ्रेंडली फाइट के बाद आरजेडी और कांग्रेस के बीच दूरी बढ़ने लगी है. महागंठबंधन में साझा घोषणा पत्र पर भी बातचीत आगे नहीं बढ़ पा रही है. महागठबंधन की मेनिफेस्टो ड्राफ्ट कमेटी अबतक किसी नतीजे पर नहीं पहुंच पाई है.
आरजेडी और कांग्रेस के अपने-अपने चुनावी वादे
महागठबंधन को अपना सामूहिक चुनावी घोषणा पत्र जारी करना था, लेकिन यहां तो आरजेडी और कांग्रेस के अपने-अपने चुनावी वादे हैं.
कई वादें और घोषणाएं एक जैसी हैं, लेकिन उनके साझा प्रारूप पर अभी सहमति बननी है.
बिहार भेजे जा रहे गहलोत
सूत्रों के मुताबिक आरजेडी के साथ गतिरोध खत्म करने के लिए कांग्रेस के बड़े नेताओं को लगाने की तैयारी हो रही है. इसी क्रम में 22 अक्टूबर को राजस्थान के पूर्व सीएम अशोक गहलोत पटना दौरे पर रहेंगे. यहां उनकी तेजस्वी यादव से मुलाकात हो सकती है.
कृष्णा अल्लावरु को पीछे हटाया गया
सूत्र के मुताबिक अरजेडी और कांग्रेस के रिश्तों में बढ़ रहे खटास को सुलझा पाने में कहीं न कहीं नाकाम हो रहे कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी कृष्णा अल्लावरु को पीछे हटाया गया है.
तेजस्वी ने टाला सवाल
अशोक गहलोत के साथ मीटिंग से पहले तेजस्वी यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जीविका दीदीयों और संविदाकर्मियों को स्थायी करने की बड़ी घोषणा की. जब उनसे महागठबंधन में क्लैश को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि कोई क्लैश नहीं है. साथ ही उन्होंने 23 को प्रेस कॉन्फ्रेंस का इससे जुड़े सारे सवालों के जवाब देने की बात कही.
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