Atul Subhash: बिहार के समस्तीपुर के रहने वाले और बैंगलुरु में AI इंजीनियर के रूप में कार्यरत अतुल सुभाष ने दुनिया को अलविदा कह दिया. इस दुखद घटना ने न केवल उनके परिवार को, बल्कि पूरे समाज और न्याय प्रणाली को कठघरे में खड़ा कर दिया है. अतुल ने मरने से पहले 24 पन्नों का नोट और डेढ़ घंटे का वीडियो जारी कर अपनी पत्नी, ससुराल, न्याय व्यवस्था और भ्रष्ट सिस्टम पर गंभीर आरोप लगाए.
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पत्नी की प्रताड़ना और भ्रष्ट सिस्टम का शिकार
अतुल सुभाष ने अपने आखिरी नोट और वीडियो में बताया कि उनकी पत्नी और ससुराल वालों ने उन्हें दहेज उत्पीड़न और घरेलू हिंसा के झूठे मामलों में फंसा दिया. शादी के शुरुआती दिनों में सबकुछ ठीक था, लेकिन कुछ समय बाद उनकी पत्नी निकिता जौनपुर लौट गई और उन पर कानूनी मामलों का दबाव बनाया. अतुल ने बताया कि पत्नी की अजीबोगरीब मांगें और कोर्ट में भ्रष्टाचार ने उनकी मानसिक स्थिति को कमजोर कर दिया.
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न्याय प्रणाली और रिश्वत के आरोप
अतुल ने जौनपुर की फैमिली कोर्ट की जज पर गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने कहा कि जज ने मेंटिनेंस के रूप में 3 करोड़ रुपये देने का दबाव बनाया और रिश्वत के तौर पर 5 लाख रुपये की मांग की. उन्होंने अपने वीडियो में बताया कि अदालत में तारीख तय करने के लिए भी पेशकार को घूस देनी पड़ती है. यह घटना न्याय प्रणाली में व्याप्त भ्रष्टाचार और पुरुषों के अधिकारों की अनदेखी की ओर इशारा करती है.
परिवार और समाज की प्रतिक्रिया
अतुल की मौत के बाद उनके परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है. उनकी मां का रो-रोकर बुरा हाल है. परिवार ने आरोप लगाया कि न्याय प्रणाली और पत्नी की प्रताड़ना ने अतुल को यह कठोर कदम उठाने पर मजबूर किया. अतुल के अंतिम शब्द "JUSTICE IS DUE" उनके दर्द को दर्शाते हैं.
समाज के लिए सवाल और सबक
अतुल सुभाष की यह घटना समाज के हर व्यक्ति को सोचने पर मजबूर करती है. क्या हमारा सिस्टम वास्तव में निष्पक्ष है? क्या पुरुषों की आवाज सुनने की जरूरत नहीं है? यह घटना समाज, कानून और न्याय प्रणाली के लिए एक चेतावनी है कि समय रहते इन समस्याओं का समाधान निकाला जाए.
अतुल सुभाष की दुखद कहानी भ्रष्ट सिस्टम और समाज में फैली असमानताओं को उजागर करती है. उनकी मौत एक ऐसा सवाल छोड़ गई है जिसका जवाब खोजना हम सबकी जिम्मेदारी है.
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