बिहार चुनाव इस बार एक बड़ा ट्विस्ट है. लालू यादव के दो बेटे, लेकिन दोनों की पार्टी अलग-अलग है. तेजस्वी जहां पैतृक पार्टी RJD के साथ अपनी पैतृक सीट राघोपुर से मैदान में हैं वहीं परिवार से बागी हुए तेज प्रताप यादव ने जनशक्ति जनता दल नई पार्टी बना ली और महुआ सीट से लड़ गए. मतदान से पहले दैनिक भास्कर ने इन दोनों सीट पर सर्वे कर बता दिया कि हवा का रुख किधर है.
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वैशाली जिले की राघोपुर सीट पर RJD के तेजस्वी यादव, BJP के सतीश यादव और जनसुराज के चंचल सिंह मैदान में हैं. तेजस्वी यादव इस सीट महगठबंधन के सीएम पद के उम्मीदवार भी हैं. DB सर्वे के मुताबिक तेजस्वी यहां बड़े अंतर से आगे नजर आ रहे हैं. साल 2020 में तेजस्वी यादव ने BJP के सतीश कुमार से 38,000 मतों के बड़े अंतर से चुनाव जीता था.
लालू परिवार की सीट मानी जाती है राघोपुर
वैशाली जिले की राघोपुर सीट को लालू यादव फैमिली की सीट मानी जाती रही है. यहां पहली बार 1995 में लालू यादव जीते थे. साल 2000 में फिर यहां से लालू यादव ने जीत दर्ज की थी. 2010 में RJD के सतीश कुमार यादव, 2015 और 2020 में लगातार दो बार तेजस्वी यादव यहां से विधायक रहे.
महुआ सीट पर क्या है माहौल?
महुआ सीट पर जनशक्ति जनता दल (JJD) के अध्यक्ष और उम्मीदवार तेज प्रताप यादव मैदान में हैं. वहीं RJD से मुकेश रौशन और LJP (R) से संजय सिंह चुनाव लड़ रहे हैं. DB सर्वे के मुताबिक तेज प्रताप बाकी उम्मीदवारों के मुकाबले बड़े अंतर से आगे नजर आ रहे हैं.
ध्यान देने वाली बात है कि महुआ विधानसभा सीट पर भी RJD का लंबे समय से दबदबा रहा है. केवल 2010 को छोड़ दिया जाए तो 2000 से अब तक यहां RJD ही जीतती रही है. 2015 के चुनाव में तेज प्रताप यादव यहां से जीते थे। 2020 में RJD के मुकेश कुमार रौशन ने जीत दर्ज की थी. इस बार मुकेश रौशन और तेज प्रताप यादव दोनों मैदान में हैं.
महुआ भी RJD की सीट मानी जाती है. माना जा रहा है कि यहां से लोग तेज प्रताप यादव को इसलिए वोट देंगे कि वो लालू यादव के बेटे हैं...भले ही वे उउनकी पार्टी से अलग चुनावी मैदान में हैं.
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