बिहार चुनाव 2025 में राजद की मुश्किलें कम होने का नाम ही नहीं ले रही हैं. एक ओर मोहनिया सीट से पार्टी की उम्मीदवार श्वेता सुमन का नामांकन रद्द हो गया है, तो दूसरी ओर पार्टी के एक स्टार प्रचारक ने इस्तीफा दे दिया है.
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राजद के वरिष्ठ नेता, पूर्व विधायक और पूर्व राज्यसभा सांसद डॉ अनिल कुमार साहनी ने राजद प्रदेश अध्यक्ष मंगनी लाल मंडल को सौंप दिया है. साथ ही उन्होंने बीजेपी भी जॉइन कर लिया है. चुनाव से पहले इस इस्तीफे ने सियासी गलियारों का पारा हाई कर दिया है और यह राजद के लिए एक बड़ा नुकसान बताया जा रहा है.
अनिल कुमार साहनी ने किया ये पोस्ट
इस्तीफे की खबर खुद अनिल कुमार साहनी ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक पर शेयर किया है. इस पोस्ट में इस्तीफा पत्र और मंगनी लाल मंडल के साथ फोटोज भी है. इस पोस्ट के कैप्शन में साहनी ने लिखा कि, 'आज मैंने राष्ट्रीय जनता दल के स्टार प्रचारक, सभी पदों एवं दल के प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है.'
अनिल साहनी ने पार्टी नेतृत्व पर लगाया आरोप
बताया जा रहा है कि डॉ. अनिल कुमार साहनी ने पार्टी पर गंभीर आरोप लगाए है. साहनी ने साफ तौर पर कहा है कि राजद लगातार अतिपिछड़ा वर्ग के नेताओं और कार्यकर्ताओं का अपमान कर रहा है. उन्होंने यह भी कहा है कि पार्टी में अब परिवारवाद और चापलूसी ज्यादा हो रही है. अनिल साहनी ने यह भी कहा कि भले ही पार्टी ने उन्हें स्टार प्रचारक बनाया था लेकिन टिकट बंटवारे से लेकर संगठन के हित में लिए जाने वाले फैसलों में अतिपिछड़ा वर्ग की उपेक्षा की गई है.
"राजद में अतिपिछड़ा वर्ग के लिए कोई जगह नहीं बची"
अनिल कुमार साहनी ने राजद पर यह भी आरोप लगाया है कि पार्टी की रणनीति और नेतृत्व के फैसलों से वे बहुत दिनों से नाखुश थे. लेकिन जिस तरह आरजेडी में अब व्यवस्थाएं है तो अब पार्टी में अतिपिछड़ा वर्ग के लोगों के लिए कोई जगह नहीं बची है. इस इस्तीफे ने राजनीतिक गलियारों में हलचल काफी तेज कर दी है क्योंकि साहनी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं में से एक है और उनका जमीनी स्तर पर जनता के बीच काफी मजबूत पैठ है.
वहीं मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो अनिल साहनी पिछले कुछ महीनों से संगठन से नाराज चल रहे थे और चुनाव से पहले टिकट बंटवारों के बाद उनकी नाराजगी सामने आई है.
यहां देखें उनका ट्विट
अनिल साहनी बीजेपी में हुए शामिल
राजद पार्टी से इस्तीफा देने के बाद डॉ अनिल कुमार साहनी ने भाजपा जॉइन कर लिया है. इस दौरान भाजपा के कई वरिष्ठ नेता मौजूद रहें. माना जा रहा है कि अब भाजपा को इससे चुनाव में फायदा होगा. अनिल साहनी का अतिपिछड़ा वर्ग में पकड़ काफी मजबूत है और लोगों के बीच उनकी एक अच्छी छवि भी है.
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