Bihar Election 2025: महागठबंधन में विवाद खत्म? तेजस्वी यादव के साथ बंद कमरे में अशोक गहलोत से क्या हुई बात, सामने आई तस्वीर

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले महागठबंधन के भीतर चल रहे विवाद को सुलझाने के लिए अशोक गहलोत पटना पहुंचे. तेजस्वी यादव और लालू यादव के साथ हुई बंद कमरे की बैठक की तस्वीरें सामने आईं. गहलोत ने कहा कि इंडिया गठबंधन पूरी तरह एकजुट है और भाजपा फूट डालने की कोशिश कर रही है.

अशोक गहलोत ने की राजद के शीर्ष नेतृत्व से मुलाकात
अशोक गहलोत ने की राजद के शीर्ष नेतृत्व से मुलाकात(Photo-X/@ashokgehlot51)
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बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले महागठबंधन में घमासान मचा हुआ है. इसी को शांत कराने के लिए पार्टी ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को आज पटना भेजा है. अब अशोक गहलोत ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर इस बंद कमरे में मुलाकात की तस्वीरें शेयर की है, जिसके बाद माना जा रहा है कि महागठबंधन में चल रहा विवाद अपने आखिरी दौर में है और जल्द ही सब सुलझ जाएगा. आइए विस्तार से जानते है पूरा मामला.

अशोक गहलोत ने शेयर की तस्वीरें

अशोक गहलोत ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X(पहले ट्विटर) पर 2 तस्वीरें शेयर की. इन तस्वीरों में लालू यादव, अशोक गहलोत, राबड़ी देवी, तेजस्वी यादव, संजय यादव, कृष्णा अल्लावरू समेत कई अन्य नेता भी शामिल है. इस पोस्ट के कैप्शन में अशोक गहलोत ने लिखा कि, 

'आज AICC बिहार प्रभारी @Allavaru के साथ @laluprasadrjd एवं @yadavtejashwi के साथ बेहद सकारात्मक मुलाकात हुई. बिहार में इंडिया गठबंधन पूरी तरह एकजुट है एवं मजबूती से चुनाव लड़ रहा है. कल महागठबंधन की प्रेस कॉन्फ्रेंस में पूरी स्थिति स्पष्ट हो जाएगी.'

'बिहार अब बदलाव चाहता है'

इसी पोस्ट में आगे अशोक गहलोत ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि, बिहार में भाजपा द्वारा महागठबंधन में फूट डालने एवं माहौल खराब करने के उद्देश्य से प्रायोजित कैंपेन चलाया गया. ऐसा माहौल बना दिया गया जैसे महागठबंधन में आपस में फूट डल गई है. 243 सीटों में 5-7 सीटों पर स्थानीय नेताओं एवं समीकरणों के कारण कई बार फ्रेंड्ली फाइट जैसी परिस्थिति बन जाती है. 

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आगे उन्होंने लिखा कि, यह बहुत छोटी संख्या है परन्तु इसे लेकर मीडिया में महागठबंधन के खिलाफ कैंपेन चला दिया गया जबकि असलियत में कोई भी परेशानी नहीं है. बिहार अब बदलाव चाहता है एवं पूरे बिहार की जनता समझ रही है कि प्रदेश में इंडिया गठबंधन की जीत देश एवं प्रदेश के हित में है.

यहां देखें अशोक गहलोत का पोस्ट

क्या है विवाद की जड़?

दरअसल चुनाव के लिए महागठबंधन में सीट शेयरिंग को लेकर अंतिम समय तक कोई ठोस फॉर्मूला सामने नहीं आया. नतीजा यह हुआ है कि राज्य के 12 सीटों पर महागठबंधन के प्रत्याशी ही आमने-सामने हो गए है. साथ ही अब चुनाव को लेकर काफी कम समय बचा हुआ है और महागठबंधन की कोई संयुक्त घोषणा पत्र भी तैयार नहीं हो पाया है और दोनों पार्टियां अपने-अपने चुनावी वादे कर रही है.

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