बिहार विधानसभा चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आ रहा हैं, इसके कई सियासी रंग देखने को मिल रहे है. कभी चिराग भरे मंच पर नीतीश के पैर छूते है तो कभी नीतीश तेजस्वी के घर खरना का प्रसाद खाने के लिए चले जाते है. इसी बीच 'जन नायक' की उपाधि को लेकर सियासी बयानबाजी भी तेज हो गई है.
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महागठबंधन के मुख्यमंत्री फेस तेजस्वी यादव के एक पोस्टर पर 'जन नायक' का टैग इस्तेमाल किए जाने पर लालू यादव के करीबी नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी ने सवाल खड़े कर दिए है. उन्होंने साफ कहा है कि तेजस्वी को जन नायक बनने में अभी वक्त लगेगा. साथ ही तेज प्रताप ने भी कहा है कि तेजस्वी यादव पर लालू जी का छत्रछाया है. आइए विस्तार से जानते है पूरी कहानी.
अब्दुल बारी सिद्दीकी के बयान से मचा बवाल
राजद के वरिष्ठ नेताओं में से एक और पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अब्दुल बारी सिद्दीकी का तेजस्वी यादव को लेकर बयान ने सियासी गलियारों में हलचल तेज कर दी है. माना जा रहा कि इस बयान ने पार्टी के आंतरिक कलह को सामने लाकर रख दिया है. क्योंकि यह बयान उस वक्त आया है जब तेजस्वी यादव खुद को युवा नेता और जनता के प्रतिनिधि के रूप में प्रोजेक्ट कर रहे हैं.
तेज प्रताप ने भी कसा तंज
इस मामले में लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे और जनशक्ति जनता दल के प्रमुख तेज प्रताप यादव ने भी टिप्पणी की है. तेज प्रताप ने अपने छोटे भाई तेजस्वी यादव के 'जन नायक' मानने से पूरी तरह के इनकार कर दिया है. तेज प्रताप ने कहा कि, तेजस्वी यादव लालू प्रसाद यादव की छत्रछाया में रहकर खुद को जननायक बता रहे हैं, जबकि सच्चे जननायक वे होते हैं जो जनता से सीधे जुड़कर उनके बीच में काम करते हैं. उन्होंने कहा कि कर्पूरी ठाकुर, राममनोहर लोहिया, लालू प्रसाद यादव जैसे लोग असली जननायक हैं.
उन्होंने आगे यह भी कहा कि, राहुल गांधी और तेजस्वी यादव को जननायक बताना गलत है. लालू यादव जी जननायक हैं. उनकी छत्रछाया में रहकर कोई जननायक नहीं बन सकता. छत्रछाया हटाकर जनता के बीच जाकर दिखाएं, तब पता चलेगा कि कौन असली जननायक है.
यहां देखें तेज प्रताप का बयान
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