पटना की गलियों से निकली ‘महारानी टेक्सटाइल’, बिहार की महिलाओं के लिए बनी ताकत

Women Empowerment in Bihar: पटना की अंजनी कुमारी ने सिलाई मशीन से ‘महारानी टेक्सटाइल’ शुरू कर दर्जनों महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाया. जानें कैसे यह पहल बिहार में बदलाव की मिसाल बनी.

पटना की महिला उद्यमी अंजनी कुमारी सिलाई मशीन पर काम करती हुई.

अंजनी कुमारी.

न्यूज तक

• 07:34 PM • 23 May 2025

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Women Empowerment Bihar: बिहार आए दिन सुर्खियों में बना रहता है. यहां की राजनीति में हो रहे छोटे-छोटे उथल-पुथल भी तहलका मचा देते है और लोगों का ध्यान अपनी ओर खींच लेते है. लेकिन बिहार सिर्फ अपनी राजनीति के लिए ही नहीं बल्कि अपनी विविधता के लिए भी काफी मशहूर है. ऐसे में ही पटना की तंग गलियों से निकलकर एक सिलाई मशीन ने ऐसा कमाल किया कि आज यह कहानी पूरे बिहार में गूंज रही है. अंजनी कुमारी ने ‘महारानी टेक्सटाइल’ की नींव रखी और दर्जनों महिलाओं को नई जिंदगी दी. यह सिर्फ एक बिजनेस नहीं, बल्कि हौसले और आत्मनिर्भरता की एक मिसाल है, जो बिहार की महिलाओं को आर्थिक और सामाजिक ताकत दे रहा है.

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एक सिलाई मशीन से बदली जिंदगी

अंजनी कुमारी ने 1 अक्टूबर 2023 को ‘महारानी टेक्सटाइल’ की शुरुआत की. एक छोटी सी सिलाई मशीन से शुरू हुआ यह सफर आज रेडीमेड गारमेंट्स की दुनिया में अपनी पहचान बना चुका है. अंजनी ने न सिर्फ कपड़े सिले, बल्कि अपने यूट्यूब चैनल ‘महारानी फाउंडेशन’ के जरिए लाखों महिलाओं को डिजाइनिंग और बिजनेस मैनेजमेंट की मुफ्त ट्रेनिंग भी दी. अंजनी कहती हैं, “हमने सिलाई से शुरुआत की, लेकिन जब मैंने देखा कि आसपास की महिलाएं घरेलू हिंसा से जूझ रही हैं, तो मैंने उन्हें काम देना शुरू किया. धीरे-धीरे मेरा बिजनेस बढ़ा और उन महिलाओं को भी आर्थिक ताकत मिली.”

बिहार सरकार की योजनाओं ने दी हिम्मत

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सोच ने बिहार की महिलाओं को नई दिशा दी है. उनकी योजनाओं के तहत महिला उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए ऋण सुविधा, प्रशिक्षण कार्यक्रम और डिजिटल मंच दिए गए. स्वयं सहायता समूह और जीविका जैसी योजनाओं से प्रेरणा लेकर अंजनी ने अपनी टीम बनाई. आज उनकी वर्कशॉप में काम करने वाली महिलाएं अपने परिवार की आर्थिक रीढ़ बन चुकी हैं. अंजनी मानती हैं कि सरकार की नीतियों ने उन्हें यह मुकाम हासिल करने में बड़ी मदद की.

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सशक्तिकरण की नई मिसाल

‘महारानी टेक्सटाइल’ सिर्फ कपड़ों का बिजनेस नहीं है, बल्कि यह महिलाओं को आर्थिक, सामाजिक और डिजिटल रूप से सशक्त बनाने का मॉडल है. ESKO की एक रिपोर्ट में इसे वित्तीय प्रबंधन, नवाचार और डिजिटल सशक्तिकरण के क्षेत्र में बेहतरीन उदाहरण बताया गया है. रिपोर्ट में कहा गया, “महारानी टेक्सटाइल का डिजिटल अपनापन और इनोवेशन इसे अनूठा बनाता है.” आज इस पहल से जुड़ी महिलाएं आत्मविश्वास से भरी हैं और अपने परिवार की आय बढ़ा रही हैं.

समाज में ला रहा बदलाव

पहले घर के काम तक सीमित रहने वाली महिलाएं अब ‘महारानी टेक्सटाइल’ के जरिए नई भूमिका निभा रही हैं. यह बदलाव सिर्फ आर्थिक ही नहीं, बल्कि सामाजिक सोच में भी क्रांति ला रहा है. महिलाएं अब न सिर्फ कमाई कर रही हैं, बल्कि समाज में अपनी एक अलग पहचान बना रही हैं. यह पहल बिहार में उद्यमशीलता और डिजिटल जागरूकता का एक शानदार त्रिकोण बन चुकी है.

बिहार की महिलाओं के लिए प्रेरणा

‘महारानी टेक्सटाइल’ की कहानी अब सिर्फ पटना तक सीमित नहीं है. नीतीश कुमार की योजनाओं के चलते पूरे बिहार में आत्मनिर्भरता का यह सिलसिला तेजी से फैल रहा है. यह सिर्फ कपड़ों की सिलाई का कारखाना नहीं, बल्कि महिलाओं के सपनों को बुनने की एक उम्मीद है. अंजनी कुमारी की यह पहल हजारों महिलाओं के लिए एक नई आशा बन चुकी है, जो बिहार को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में बढ़ रही है.

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