बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने चुनाव से ऐन पहले फिर पिटारा खोल दिया है. इस बार राज्य में दलितों के उत्थान को ध्यान में रखते हुए हर पंचायत में नियुक्त हुए विकास मित्रों को सौगात दी है. विकास मित्रों को टैबलेट खरीदने के लिए एकमुश्त 25,000 रुपए राज्य सरकार देगी. इसके अलावा इनके परिवहन और स्टेशनरी भत्ता में भी इजाफा किया गया है.
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मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोशल मीडया 'X' पर ये एक पोस्ट साझा कर ये जानकारी दी है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बताया कि विकास मित्रों को पहले परिवहन भत्ता जो 1900 रुपए प्रतिमाह था जिसे बढ़ाकर 2500 रुपए प्रतिमाह कर दिया गया है. यानी परिवहन भत्ते में मंथली 600 रुपए का इजाफा किया गया है. वहीं स्टेशनरी भत्ते को 900 रुपए से बढ़ाकर 1500 रुपए कर दिया गया है.
साल 2008 में हुई थी इस मिशन की शुरूआत
बिहार महादलित विकास मिशन की शुरुआत अप्रैल 2008 में हुई थी. इस योजना के तहत जिन ग्राम पंचायतों में दलितों की सख्या ज्यादा होती है वहां विकास मित्रों की नियुक्ति की जाती है. इनका काम सरकारी योजनाओं को दलित परिवारों तक पहुंचाने, उन्हें आवेदन में मदद करना, उसका लाभ दलित परिवारों तक पहुंचाना सुनिश्चित करना होता है.
विकास मित्र के लिए क्या होती है योग्यता
- विकास मित्र बनने के लिए आयु 18-35 वर्ष होती है.
- आवेदक को 10वीं पास होना चाहिए. उसके पास आवासीय औा जाति प्रमाण-पत्र होना जरूरी है.
- आवेदन ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह से होता है.
- इन्हें 15481 रुपए महीने का मानदेय दिया जाता है.
- इसके अलावा परिवहन खर्च और स्टेशनरी खर्च और संचार भत्ता भी दिया जाता है.
- परिवहन भत्ता- पहले 1900 रुपए था जो अब 2500 रुपए हो गया है.
- स्टेशनरी भत्ता- पहले 900 रुपए था जो अब 1500 रुपए हो गया है.
- संचार भत्ता- 250 रुपए प्रति माह. और जानकारी के लिए www.bmvm.bihar.gov.in क्लिक करें.
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