बिहार: सासाराम में शख्स की मौत से पहले ही बना दी गई पोस्टमार्टम रिपोर्ट

Bihar Postmortem Report Controversy: बिहार के रोहतास जिले से एक अजीब मामला सामने आया है, जहां सत्यनारायण गुप्ता की मौत से एक दिन पहले ही उनकी पोस्टमार्टम रिपोर्ट तैयार कर दी गई.

ihar Viral News: मौत से पहले बना पोस्टमार्टम रिपोर्ट
बिहार के सासाराम में मौत से पहले बना पोस्टमार्टम रिपोर्ट

न्यूज तक

• 03:30 PM • 26 Jun 2025

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Bihar Postmortem Report Controversy: हाल के दिनों में बिहार से कई तरह की कहानियां सामने आ रही है. इसी बीच बिहार के एक जिले से  एक अजीबो-गरीब मामला सामने आया है जिसने सबको चौंका दिया है. यहां स्वास्थ्य विभाग ने एक शख्स की मौत से एक दिन पहले ही उसका पोस्टमार्टम रिपोर्ट बना दिया. मामला सामने आते ही सब एक-दूसरे को देखने लगे. हालांकि सदर अस्पताल उपाधीक्षक ने इस मामले में हस्तक्षेप कर कुछ बातें बताई है, लेकिन यह घटना लोगों के बीच चर्चा का विषय बनी हुई है. आइए जानते है इस पूरे मामले की कहानी.

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आखिर क्या है पूरा मामला?

ये पूरा मामला रोहतास जिला के बिक्रमगंज का है. यहां सत्यनारायण गुप्ता नाम के शख्स की मौत के एक दिन पहले ही स्वास्थ्य विभाग ने उनका पोस्टमार्टम रिपोर्ट बना दिया. दरअसल, 16 मई को बिक्रमगंज नटवार रोड में एसडीओ आवास के पास शाम के 7 बजे एक सड़क हादसे में सत्यनारायण गुप्ता गंभीर रूप से घायल हो गए थे. घायल अवस्था में उन्हें इलाज के लिए जमुहार के मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था.

लेकिन घटना के 6 दिन बाद ही 22 मई को इलाज के दौरान ही उनकी मौत हो गई. इसके बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए सासाराम लाया गया और 22 मई को ही उनका पोस्टमार्टम हुआ. जिसके बाद शव के साथ रिपोर्ट भी परिजनों को सौंप दिया गया.

मृत्यु से एक दिन पहले ही बना पोस्टमार्टम रिपोर्ट

जब मृतक सत्यनारायण के पुत्र विजय ने अपने पिता के दुर्घटना में मौत को लेकर क्लेम किया तब उनके पांव तले जमीन खिसक गई. क्योंकि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में तारीख 21 मई की लिखी हुई थी, जबकि सत्यनारायण की मौत 22 मई को हुई थी. फिर उन्होंने सासाराम अस्पताल प्रबंधन से इसे लेकर जवाब मांगा तब उन्हें बताया गया कि ये मानवीय भूल है.

सासारम अस्पताल प्रबंधन ने बताई ये बात

मामले के सामने आते ही अधिकारियों ने सफाई दी कि यह कोई साजिश नहीं बल्कि एक मानवीय भूल है. सदर अस्पताल सासाराम के उपाधीक्षक डॉ. बीके पुरस्कार ने बताया की जब इस मामले में  संबंधित डॉक्टर से बात की गई तो  उन्होंने भी गलती स्वीकार की और कहा कि पोस्टमार्टम 22 तारीख को ही किया गया था, लेकिन तारीख लिखने में चूक हो गई. प्रशासन ने कहा कि मामले को अनावश्यक विवाद न बनाया जाए, सुधार की प्रक्रिया जारी है और डॉक्टर से स्पष्टीकरण भी लिया जाएगा.

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