बिहार के गया में होमगार्ड भर्ती के लिए आई महिला के साथ चलती एंबुलेंस में हुआ गैंगरेप, ड्राइवर-टेक्नीशियन गिरफ्तार

बिहार के गया में एक शर्मनाक घटना सामने आई है, जहां होमगार्ड भर्ती की दौड़ में बेहोश हुई एक महिला अभ्यर्थी के साथ अस्पताल ले जाते समय चलती एंबुलेंस में ड्राइवर और टेक्नीशियन ने दुष्कर्म किया.

Bihar Gaya News
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न्यूज तक

• 05:55 PM • 26 Jul 2025

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बिहार के गया जिले में एक बेहद ही दिल दहलाने वाला मामला सामने आया है, जहां होमगार्ड भर्ती की दौड़ में बेहोश हुई एक महिला अभ्यर्थी के साथ एंबुलेंस में ही सामूहिक दुष्कर्म किया गया. 

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इस घिनौने अपराध ने पूरे क्षेत्र में सनसनी फैला दी है और प्रशासन पर कई गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं.

क्या है पूरा मामला 

दरअसल ये घटना गुरुवार यानी 24 जुलाई की है, जब बोध गया के एक बीएमपी 3 परेड ग्राउंड में होमगार्ड भर्ती प्रक्रिया चल रही थी. उस दौरान फिजिकल के दौरान एक महिला अचानक बेहोश होकर गिर गई. 

शुरुआती इलाज के बाद उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाने के लिए एंबुलेंस बुलाई गई. लेकिन जिस एंबुलेंस को जीवन बचाने के लिए बुलाया गया था, वही दो दरिंदों का शिकार बन गई.

अस्पताल ले जानें के रास्ते में किया रेप 

पुलिस के अनुसार अस्पताल ले जाते समय रास्ते में एंबुलेंस के ड्राइवर विनय कुमार और टेक्नीशियन अजीत कुमार ने चलती एंबुलेंस के भीतर ही महिला के साथ दुष्कर्म किया. शुक्रवार को पीड़िता ने अस्पताल में डॉक्टरों को आपबीती बताई, जिसके बाद यह भयानक सच्चाई सामने आई.

पुलिस की त्वरित कार्रवाई

मामले की गंभीरता को देखते हुए, एसएसपी आनंद कुमार ने तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए. सूचना मिलने के मात्र दो घंटे के भीतर बोधगया एसडीपीओ सौरभ जायसवाल के नेतृत्व में एक विशेष टीम का गठन किया गया. पुलिस ने तेजी से कार्रवाई करते हुए सीसीटीवी फुटेज खंगाले और दोनों आरोपी, एंबुलेंस ड्राइवर विनय कुमार और टेक्नीशियन अजीत कुमार को गिरफ्तार कर लिया.

एसएसपी ने बताया कि इस मामले में बोधगया थाने में प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है और फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (FSL) की टीम को भी घटनास्थल पर सबूत जुटाने के लिए भेजा गया है. उन्होंने यह भी आश्वस्त किया कि मामले की गहन जांच कर जल्द से जल्द आरोप पत्र दाखिल किया जाएगा, ताकि दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा मिल सके.

यह घटना न केवल आपराधिक बल्कि सामाजिक सुरक्षा पर भी एक बड़ा प्रश्नचिन्ह लगाती है, खासकर तब जब चिकित्सा सहायता के लिए बुलाई गई एंबुलेंस ही असुरक्षा का कारण बन जाए. इस घटना ने एक बार फिर महिलाओं की सुरक्षा और ऐसी आपातकालीन सेवाओं में कार्यरत कर्मचारियों की पृष्ठभूमि जांचने की आवश्यकता को रेखांकित किया है.

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