बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले सरगर्मियां काफी तेज हो चुकी है. इसी के साथ नेताओं के पाला बदलने का भी दौर शुरू हो गया है. चुनाव के ऐलान से ठीक पहले बिहार में एनडीए को तगड़ा झटका लगा है. एनडीए की सबसे बड़ी पार्टी भाजपा के दो पूर्व विधायकों ने पार्टी छोड़ राष्ट्रीय जनता दल का दामन थाम लिया है. माना जा रहा है इन दोनों नेताओं का चुनावी साल में पार्टी छोड़ना भाजपा और एनडीए दोनों को नुकसान पहुंचा सकता है.
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इन दोनों नेता ने बदला पाला
चैनपुर के पूर्व विधायक और पूर्व मंत्री बृज किशोर बिंद और मोहिनयां के पूर्व विधायक निरंजन राम ने पार्टी छोड़ राजद का हाथ पकड़ा है. इन दोनों से तेजस्वी यादव के नेतृत्व में आरजेडी में शामिल होने के लिए उनसे मुलाकात की. आपको बता दें कि बृज किशोर बिंद एनडीए सरकार में पहले मंत्री भी रह चुके है. 2020 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने चैनपुर से चुनाव लड़ा था लेकिन बीएसपी के उम्मीदवार जमा खान से हार गए थे.
हालांकि जमा खान ने चुनाव जीतने के बाद खेल कर दिया था. उन्होंने पाला बदल लिया और जेडीयू में शामिल हो गए. फिलहाल वे राज्य सरकार में मंत्री है और इस सीट से उनकी उम्मीदवारी तय मानी जा रही है.
निरंजन राम के टिकट पर भी संकट
मोहनियां से भाजपा के पूर्व विधायक निरंजन राम के टिकट पर भी इस बार संकट दिख रहा है. दरअसल साल 2020 के विधानसभा चुनाव में इस सीट पर आरजेडी विधायक संगीता कुमारी ने जीत दर्ज की थी. लेकिन 2024 में उन्होंने भी पाला बदल लिया था और बीजेपी में आ गई थी. अब माना जा रहा है कि बीजेपी मोहनियां सीट से संगीत कुमारी को ही उम्मीदवार बना सकती है. ऐसा माना जा रहा है कि इन्हीं परिस्थितियों को देखते हुए निरंजन राम में यह कदम उठाया है.
जदयू को भी लगा था तगड़ा झटका
चुनावी साल में पहली बार ऐसा नहीं हुआ है. इससे पहले 23 सितंबर को जदयू के पूर्व विधायक श्यामा बिहारी प्रसाद ने इस्तीफा दे दिया था. साथ ही उन्होंने कांग्रेस पार्टी का दामन भी थाम लिया था. माना जा रहा है कि चंपारण में जदयू को पहले से ही काफी परेशानी का सामना कर पड़ रहा है और ऐसे में वरिष्ठ नेता का पार्टी छोड़ना जदयू के लिए एक बड़ा झटका हो सकता है.
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