बिहार में नई सरकार के गठन के बाद ताबड़-तोड़ एक्शन का दौर शुरू हो चुका है. बिहार सरकार के हर मंत्री अपने-अपने विभाग के कामकाज को लेकर सख्त रुख अपनाए हुए है और किसी भी लापरवाही को बर्दाश्त नहीं करने के मूड में दिखाई दे रहे है. इसी बीच नगर निगम द्वारा भी कार्रवाई शुरू कर दी गई है. नई सरकार की गठन के बाद पूरे बिहार में बुलडोजर कार्रवाई यानी अतिक्रमण को हटाने का काम किया जा रहा है.
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इसी क्रम में आज खेसारी लाल यादव का गढ़ छपरा में भी बुलडोजर एक्शन देखने को मिला है. छपरा में चले बुलडोजर एक्शन के दौरान हमारे संवाददाता मौके पर पहुंचा और वहां पर लोगों से बातचीत की. आइए विस्तार से जानते है पूरी बात.
'सरकार का मकसद गरीब को ही खत्म कर दें'
बातचीत के दौरान एक कपड़े के दुकानदार अनवर आलम ने अपना दर्द बयां किया. उन्होंने कहा कि वह पिछले 25 सालों से दुकान लगा रहे है और उनके पास वेंडिंग जोन का कार्ड भी है, लेकिन उनके दुकान को हटा दिया गया है. अनवर ने कहा कि मेरे तीन बच्चे है और इसी दुकान से हमारा पालन-पोषण होता है, लेकिन ऐसी स्थिति में हम भूखमरी के कगार पर है.
अनवर ने आगे कहा कि हमें कोई स्थायी जगह मिल जाए तो अच्छा होगा, लेकिन ये जो सरकार है वो गरीबों की सरकार नहीं है, बल्कि पूंजीपतियों की सरकार है...अंबानी-अदानी की सरकार है. सरकार का मकसद यही है कि गरीब को ही खत्म कर दें, जिससे गरीबी अपने आप खत्म हो जाएगी.
'हमें चाहिए स्थायी जगह'
वहां मौजूद अन्य दुकानदार ने कहा कि, हम ठेला लगाकर अपना रोजी-रोटी चलाते है लेकिन प्रशासन हमें मार के भगा देता है. यहां 300-400 ठेला वाला होगा और सभी लोग परेशान हो चुके है और रोजीरोटी पर भी संकट आ गया है. वहीं मोहम्मद निजाम नाम के एक दुकानदार ने कहा कि, अभी लगन(शादी-विवाह) का समय चल रहा है और ऐसे में दुकान में जैकेट और तमाम कपड़े फंसे हुए है. हमें बस स्थायी जगह चाहिए जिससे की हम अपना काम कर सकें.
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