मोतिहारी: जिस पत्नी की हत्या के आरोप में रंजीत जेल पहुंचा वो प्रेमी के साथ नोएडा में पकड़ी गई! शॉकिंग स्टोरी ने उड़ाए होश

इस खबर के सामने आने के बाद मोतिहारी के अरेराज पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठ गए हैं. पुलिस ने मामले में निष्पक्ष तरीके से जांच करने की बजाय पति को दोषी मानते हुए कार्रवाई शुरू कर दी और उसे जेल की सलाखों के पीछे पहुंचा दिया.

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रंजीत की पत्नी को पुलिस परिजनों की मदद से नोएडा से दस्तयाब कर ले आई.
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बिहार के मोतिहारी जिले में एक ऐसी शॉकिंग खबर सामने आई है जिसने लोगों के होश फाख्ता कर दिए हैं. अभी तक आपने खबरों में कलियुगी पत्नी को पति की हत्या करते हुए, नीले ड्रम में सीमेंट के साथ भरते हुए, प्रेमी के जरिए हत्याकांड को अंजाम देते हुए पढ़ा और सुना होगा. इस बार कलियुगी पत्नी का एक नया चेहरा सामने आया है. पति अपनी पत्नी की हत्या के आरोप में पिछले 5 महीने से जेल की सजा काट रहा है. आरोप है कि पत्नी अपने प्रेमी के साथ पकड़ी गई है. 

ये कहानी है मोतिहारी जिले के अरेराज के वार्ड नंबर दस का. यहां के रहने वाले रंजीत कुमार अपनी पत्नी के साथ रहते थे. एक दिन अचानक पत्नी गायब हो गई. ससुराल पक्ष ने पुलिस में शिकायत कर दी कि दामाद ने बेटी हत्या कर दी है. मामला दर्ज होती ही अरेराज पुलिस एक्शन में आ गई. आनन-फानन में पुलिस ने भी रंजीत को दोषी मान लिया और कार्रवाई तेज कर दी. 

CCTV फुटेज देता रहा रंजीत पर पुलिस नहीं मानी 

इधर रंजीत बार-बार पुलिस से गुहार लगाता रहा कि वो निर्दोष है. उसने पुलिस को CCTV फुटेज भी देने की कोशिश जिसके जरिए दावा किया कि वो घर से भाग गई है. पर पुलिस कहां मानने वाली. उसने रंजीत के खिलाफ केस बनाया और कोर्ट में पेश कर दिया. मामला चलने लगा और रंजीत जेल में बंद हो गया.

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पुलिस कोर्ट में पेश नहीं कर पाई सबूत 

इधर मामले में कार्रवाई के दौरान कोर्ट ने जब पुलिस से चार्जशीट और सबूत मांगे तो वो महिला की हत्या का सबूत देने में नाकाम रही. इस दौरान पिछले 5 महीनों से रंजीत जेल में ही रहा. 

पता चला पत्नी नोएडा में है, पुलिस को नहीं हुआ भरोसा 

रंजीत के पिता ने बताया कि इसी बीच जानकारी मिली कि उनकी बहू नोएडा में किसी युवक के साथ रह रही है. उन्होंने पुलिस को जानकारी दी पर वो मानने को तैयार नहीं हुई. 

खुद 20 हजार रुपए खर्च कर कराया खुलाया- रंजीत के पिता 

रंजीत के पिता ने बताया कि पुलिस के नहीं मानने पर उन्होंने मोतिहारी से नोएडा जाने-आने का खर्च खुद वहन किया जो करीब 20,000 रुपए था. पुलिस इनके साथ गई. वहां रंजीत की पत्नी को दस्तयाब कर पुलिस मोतिहारी ले आई. कुल मिलाकर सत्य की जीत हुई. मेरा बेटा निदोर्ष निकाला.

शादी से पहले पत्नी का था प्रेमी से संबंध 

बताया जा रहा है कि रंजीत की पत्नी अपने मायके में ही पड़ोस के युवक से प्रेम करती थी. शादी के वक्त रंजीत को ये बात पता नहीं चली. एक दिन अचानक वो घर से फरार हो गई. मायके वालों ने ससुराल वालों पर बेटी की हत्या का शव ठिकाने लगा देने का आरोप लगा दिया.

पुलिस और रंजीत की पत्नी पर होनी चाहिए कार्रवाई-वकील

रंजीत के वकील का कहना है कि मामला पूरी तरह से अनुसंधान का था और पुलिस ने ठीक से अनुसंधान नहीं किया. इस कारण एक निर्दोष व्यक्ति 5 महीने से जेल की सजा काट रहा है. अब पुलिस पर भी कार्रवाई होनी चाहिए और जिस महिला ने मानसिक प्रताड़ना दी है उसपर भी मुकदमा चलना चाहिए. 

एसडीपीओ कुमार रवि ने बताया इस तरह के मामले संज्ञान में आया है. मामले की फिर से जांच कराई जा रही है. साथ ही हर बिंदु पर पुलिस जांच करेगी और जो भी गड़बड़ी होगी उसपर कार्रवाई होगी.  

जिस तरह से एक जिंदा पत्नी की हत्या मामले में पुलिस ने बिना किसी वैज्ञानिक अनुसंधान के एक व्यक्ति को जेल के सलाहों के पीछे भेज दिया और अब महिला को महिला को सकुशल बरामद कराया गया है इससे अब जाहिर होता है अगर बिहार की पुलिस  बेहतर तरीके से जांच करती तो निर्देश व्यक्ति बिना किसी जुर्म के जेल की सलाखों के पीछे नहीं होता. 

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