Land for Job Case: लालू परिवार को मिली बड़ी राहत, अब 8 दिसंबर तक के लिए टल गया फैसला

Land for Job Case: लैंड फॉर जॉब केस में लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार को बड़ी राहत मिली है. राउज एवेन्यू कोर्ट में आरोप तय करने पर फैसला तीसरी बार टल गया है और अब अगली सुनवाई 8 दिसंबर को होगी. CBI ने इस केस में लालू परिवार समेत 103 लोगों को आरोपी बनाया था, जिनमें से 4 की जांच के दौरान मौत भी हो चुकी है.

Land for Job Scam Case Update
8 दिसंबर को होगी लैंड फॉर जॉब स्कैम केस की सुनवाई

संजय शर्मा

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Land for Job Case: राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार से जुड़ी एक बड़ी खबर सामने आई है. लैंड फॉर जॉब से जुड़े CBI के मामले में लालू प्रसाद यादव, तेजस्वी यादव,राबडी देवी, मीसा भारती, हेमा यादव, तेज प्रताप यादव और अन्य के खिलाफ राउज़ ऐवन्यू कोर्ट ने आरोप तय करने पर फैसला एक बार फिर टल गया है. यह तीसरी बार है जब फैसला टला है और कोर्ट ने अगली तारीख दे दी है. अब इस मामले में 8 दिसंबर को सुनवाई होगी और फैसला आ सकता है. आइए विस्तार से जानते हैं पूरा मामला.

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क्यों टला फैसला?

दरअसल इस मामले में CBI ने लालू परिवार सहित कुल 103 लोगों को आरोपी बनाया था, लेकिन जांच के दौरान ही इनमें से 4 आरोपियों की मौत हो चुकी है. राउज एवेन्यू कोर्ट में सीबीआई के विशेष जज विशाल गोगने की अदालत ने सीबीआई से आरोपियों का स्टेट्स मांगा. इस पर कहा गया कि कई आरोपियों की मौत हो चुकी है. इस पर कोर्ट ने CBI से आरोपियों की स्टेटस फाइल करने को कहा और मामले की सुनवाई 8 दिसंबर के लिए तय कर दी है.

CBI ने आरोप पत्र में लिखी ये बातें?

CBI ने आरोप पत्र में कहा है कि बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ है, कुछ सेलडीड को छोड़कर, जमीन की खरीद के लिए ज्यादातर पैसों का लेनदेन कैश में हुआ. CBI ने मामले में IPC की धारा 120, 420, 468, 467, 471 और प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट 1988 की धारा 11,12,13,8,9 के तहत चार्जशीट दाखिल की गई थी. इस मामले में पिछली बार 10 नवंबर को भी निर्णय चार दिसंबर के लिए टला था.

क्या है लैंड फॉर जॉब स्कैम?

लैंड फॉर जॉब स्कैम केस यानी नौकरी के बदले जमीन का मामला. इस मामले में लालू यादव समेत 100 से ज्यादा लोगों पर नौकरी के बदले जमीन लेने का आरोप है. CBI के मुताबिक, साल 2004-2009 के बीच तत्कालीन यूपीए सरकार में लालू प्रसाद यादव रेल मंत्री थे. रेल मंत्री के पद पर रहते हुए उन्होंने पश्चिम मध्य रेलवे में ग्रुप-डी की नौकरी के लिए जमीन लालू यादव या फिर उनके निजी लोगों के नाम कर दी गई. सीबीआई के चार्जशीट के अनुसार इसमें बड़ पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ था.

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