Muzaffarpur rape case: बिहार के मुजफ्फरपुर में जिंदगी और मौत से लड़ती हुई दुष्कर्म पीड़िता 11 साल की बच्ची ने आखिर दम तोड़ दिया. पीड़िता 6 दिन तक जिंदगी और मौत के बीच जूझती रही लेकिन अंत में इस जंग में हार हई. फिलहाल इस दुष्कर्म के मामले में एक वीडियो सामने आ रहा है. ये वीडियो अस्पताल का है जिसमें की बच्ची पेन से पेपर पर लिखकर कुछ बताना चाह रही है. हालांकि इस वीडियो को लेकर सोशल मीडिया पर इलाज में लापरवाही की बात कही जा रही थी लेकिन आज तक की पड़ताल में कुछ और बात ही सामने आई है.
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वीडियो की पूरी कहानी
इस वीडियो में साफ तौर देखा जा सकता है कि बच्ची पेन से पेपर पर कुछ लिख रही है और फिर नर्स को दे देती है. सोशल मीडिया पर लापरवाही की बात सामने आने के बाद आज तक ने इस मामले की तहकीकात की, जिसके बाद पता चला कि ये वीडियो वास्तव में SKMCH है और पीड़िता के इलाज के दौरान का है.
दरअसल 26 मई को देर रात 11 साल की पीड़िता को भर्ती कराया गया था जिसके बाद उसे 27 मई को होश आया था. लेकिन गले पर जख्म के कारण वो बोल नहीं पा रही थी. स्वास्थ्य कर्मी ने उससे जो बातें पूछी उसने पेपर पर लिख दिया. वीडियो में साफ तौर पर देखा जा सकता है कि पीड़िता अपनी परेशानी बता रही है.
यहां देखें वीडियो
लापरवाही के लिए गिरी गाज
मुजफ्फरपुर में 11 वर्षीय रेप पीड़िता बच्ची की मौत के मामले में राज्य सरकार ने बड़ी कार्रवाई की है. मंगलवार को SKMCH की अधीक्षक डॉ. कुमारी विभा को निलंबित कर दिया गया. स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी पत्र में कहा गया है कि उन्होंने रेफर पॉलिसी का पालन नहीं किया और अपने कर्तव्यों का समुचित निर्वहन नहीं किया. निलंबन की अवधि में उन्हें स्वास्थ्य विभाग, पटना में अटैच किया गया है.
इसके साथ ही, पटना मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (PMCH) के प्रभारी उपाधीक्षक डॉ. अभिजीत सिंह को भी उनके पद से हटा दिया गया है. विभागीय जांच में पाया गया कि उन्होंने प्रशासनिक स्तर पर गंभीर लापरवाही बरती, जो उनकी कार्यक्षमता की विफलता को दर्शाता है.
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स्वास्थ्य मंत्री के नेम प्लेट पर पोता गोबर
मुजफ्फरपुर की 11 वर्षीय रेप पीड़िता की मौत के बाद कांग्रेस ने स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे के इस्तीफे की मांग को लेकर बुधवार को उनके आवास का घेराव किया. हज भवन के पास पुलिस बैरिकेडिंग तोड़ कांग्रेस कार्यकर्ता आगे बढ़े और पोस्टर व नेम प्लेट पर गोबर व कालिख पोत दी. पुलिस से झड़प के बाद करीब आधे घंटे तक प्रदर्शन चला, फिर कार्यकर्ताओं को हटा दिया गया.
तेजस्वी यादव ने दी ये प्रतिक्रिया
आखिर क्या है पूरा मामला?
दरअसल 26 मई को सुबह करीब दस बजे घर के बाहर से आरोपी बच्ची को मौसी के पास पहुंचाने की बात बोलकर अपने साथ लेकर गया. फिर मक्के के खेत में उसने बच्ची के साथ पहले दुष्कर्म किया और फिर हत्या करने के नीयत से उसपर हमला किया. आरोपी ने मछली काटने वाले धारदार चाकू से बच्ची का गला काट दिया. आरोपी यहीं नहीं रुका उसने सीने और पेट पर कई वार किए और चीर दिया.
SKMCH में कराया था भर्ती
दोपहर में एक बजे परिवार को खेत में बच्ची दिखी फिर तो पूरे इलाके में हाहाकर मच गया. बच्ची की शरीर पर कोई कपड़ा नहीं था और चारों तरफ खून फैला हुआ था. इस दृश्य को देख वहां मौजूद सभी लोग घबरा गए और आनन फानन में उसे SKMCH में इलाज के लिए भर्ती कराया. बच्ची के पास से मौके पर चप्पल और चाकू मिले थे.
स्थिति बिगड़ी तो PMCH किया रेफर
इसी बीच 26 मई को देर रात पुलिस ने आरोपी को पकड़ लिया और अगले ही दिन कोर्ट ने उसे जेल भेज दिया. इलाज के दौरान बच्ची की 31 मई(शनिवार) को अचानक से हालत बिगड़ी तब उसे PMCH रेफर कर दिया गया. लेकिन 1 जून को उसने आखिर दम तोड़ ही दिया.
पीड़िता की मां ने बताई ये बात
रेप पीड़िता की मां ने इस मामले को लेकर कहा कि,
"PMCH में इलाज के लिए गए थे तो एंबुलेंस में ही तीन-चार घंटा उसे रहना पड़ गया. कोई डॉक्टर मेरी बेटी को भर्ती करने को तैयार नहीं हो रहा था. कई मीडिया कर्मी और कई लोग आए और हंगामा किए उसके बावजूद भी डॉक्टर उसे भर्ती नहीं कर रहे थे. वहां के डॉक्टर कहते थे कि सीट खाली नहीं है. तीन बार घूम कर बोल रहे थे तभी कोई सुनने को तैयार नहीं हो रहा था. डॉक्टर से मारपीट भी हुई. फिर उसके बाद कोई मंत्री और कई नेता पहुंचे तब जाकर सीट दिलवाए. मेरी बेटी का स्थिति काफी सुधार हुआ था वह सब चीज सारे में और लिखकर भी बता रही थी लेकिन सही समय पर भर्ती नहीं हुआ जिस वजह से उसकी मौत हो गई."
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