Rohini Acharya Controversy: बिहार की राजनीति में पूर्व सांसद रिजवान जहीर के दामाद रमीज को लेकर सियासी बयानबाजी तेज हो गई है. यूपी से आए रमीज पर कई गंभीर आरोप हैं. बताया जा रहा है कि वह पहले जेल में बंद था और अपने भाई की हत्या के मामले में आरोपी है.
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इस बीच उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जिले के तुलसीपुर के चेयरमैन अफरोज आलम का बयान सामने आया. उन्होंने वीडिटो में कहा कि रमीज ने जमानत मिलने के बाद सीधे बिहार में तेजस्वी यादव के पास शरण ली. उनके अनुसार रमीज का असर लालू परिवार पर भी पड़ा है और उन्होंने परिवार में मारपीट जैसी घटनाओं को अंजाम दिया.
नेता ने कहा, 'ये बहुत बड़ा अपराधी है. तेजस्वी जी जैसे बड़े राजनीतिक परिवार को समझना चाहिए कि ऐसे लोगों को साथ लेकर चलना कितना जोखिम भरा हो सकता है.' उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि अगर ऐसे अपराधियों को संरक्षण मिलेगा तो बिहार में 'जंगल राज' की स्थिति बन सकती है.
नेताओं को चुनते समय सतर्क रहें
उन्होंने बिहार की जनता को भी आगाह किया कि ऐसे लोगों के साथ जुड़े नेताओं को चुनते समय सतर्क रहें. उनका कहना है कि रमीज और उसके परिवार ने पहले यूपी में कई अपराध किए हैं और अब बिहार में शरण ले ली है.
इस बयान से साफ है कि बिहार की सियासत में तेजस्वी यादव के नेतृत्व और उनके राजनीतिक फैसलों को लेकर चर्चा और आलोचना तेज होने वाली है.
क्या है पूरा मामला
दरअसल बिहार के चुनाव परिणाम के एक दिन बाद ही लालू प्रसाद यादव की बड़ी बेटी रोहिणी आचार्या ने घोषणा कर दी कि वह राजनीति छोड़ रही हैं. इसके साथ ही उन्होंने अपने परिवार से नाता तोड़ने की भी बात कह दी.
उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए कहा, 'मैं राजनीति छोड़ रही हूं और मैं अपने परिवार से नाता तोड़ रही हूं. यह वही बात है जो संजय यादव और रमीज ने मुझसे कही है और मैं इस फैसले सारी जिम्मेदारी खुद ले रही हूं.'
इसके बाद रोहिणी ने अलग- अलग ट्वीट पर परिवार पर उन्हें जलील करने उनपर हाथ उठा जाने जैसे तमाम गंभीर आरोप लगाए.
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