महाकुंभ: न जाम में फंसे, न पैदल चलना पड़ा और न भीड़ से हुई भेंट; 7 युवकों का IDEA हो गया वायरल

बक्सर बिहार के युवाओं ने नाव के सहारे 84 घंटे में 7 युवकों ने तय कर ली 550 किलोमीटर की महाकुंभ यात्रा बक्सर के कम्हरिया से निकले सात युवाओं ने नाव के सहारे यात्रा करके प्रयागराज में किया महाकुंभ का स्नान. इनका ये आइडिया चर्चा का विषय बन गया है.

बिहार के बक्सर के पांच युवकों का महाकुंभ पहुंचने का आइडिया वायरल हो गया.
बिहार के बक्सर के पांच युवकों का महाकुंभ पहुंचने का आइडिया वायरल हो गया.

इन्द्र मोहन

• 04:07 PM • 17 Feb 2025

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आस्था के महापर्व महाकुंभ में डुबकी लगाने के लिए बक्सर के युवाओं ने गजब कर दिया. उनका महाकुंभ पहुंचने का आइडिया अब देश भर में सुर्खियां बटोर रहा है. उन्होंने ऐसा जुगाड़ लगाया कि महाकुंभ पहुंचने के दौरान न उन्हें भीड़ मिली, न जाम और न ही किसी तरह फंसना पड़ा. उन्होंने महाकुंभ तक का सफर तय किया और स्नान करके फिर लौट आए.

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बक्सर के कम्हरिया ग्राम स्थित सात युवाओं ने नाव के सहारे गंगा के माध्यम से बक्सर से प्रयागराज के सफर को तय क्या किया, जो पूरे भारत में चर्चा का विषय बन गया. दरअसल 8 से 9 फरवरी को प्रयागराज आने वाले हर रास्ते में भीषण जाम ने महाकुंभ की यात्रा कर रहे श्रद्धालुओं के लिए समस्या खड़ा कर दी. ट्रेनों में जगह नहीं मिल रही थी और सीटें पूरी तरह से फुल थीं. 

आम जनता प्रयागराज जाने में 2 से 3 दिन का सफर भी नहीं कर पा रही थी. महाजाम के बीच गाड़ियां जहां रोड अरेस्ट हो चुकी थीं. वहीं,ट्रेन ओवरलोड की स्थिति में चल रही थीं. ऐसे में बक्सर के युवाओं के द्वारा एक नया कारनामा कर दिया गया जो इस समय चर्चा बिषय बना हुआ है.

550 किलोमीटर की यात्रा कैसे की?

दरअसल, बक्सर के कम्हरिया ग्राम के युवाओं के द्वारा नाव पर मोटर बांधकर करीब बक्सर से प्रयागराज तक 550 किलोमीटर की यात्रा की शुरुआत की. कम्हरिया के युवा बताते हैं कि रोड जाम होने की वजह से कमरिया ग्राम से सुखदेव चौधरी आडू चौधरी सुमन चौधरी मुन्नू चौधरी सहित सभी लोग ने यात्रा के बारे में सोचा लेकिन सड़क जाम था ट्रेन में सीट ही उपलब्ध नहीं थी. ऐसे में उनके दिमाग में नाव से यात्रा करने के विचार आया.

Bihar Tak से बात करने के दौरान युवा बताते हैं कि उन लोगों के द्वारा नाव का इस्तेमाल किया गया. जिस पर दो-दो मोटर को बांधा गया. क्योंकि अगर एक मोटर फेल कर जाए तो दूसरा मोटर कम करें. साथ में राशन पानी और पैसा लेकर यह 7 युवा बक्सर से निकल पड़े. वही भरौली निवासी मुन्नू ने बताया कि 5 से 6 किलोमीटर तक स्वयं चलाना पड़ता था. क्योंकि मोटर बोट पर लगा मोटर गर्म हो जाता था. जिसके बाद एक-एक करके सभी लोग चलाते रहते थे रात में लोग जागते थे और सभी लोग नाव चलाते हुए जा रहे थे.

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11 फरवरी को घर से निकले और 13 को संगम में डुबकी लगाई, फिर

यात्रा कर रहे सभी लोग बताते हैं कि11 तारिख घर से निकलने के बाद 13 फरवरी के तड़के संगम में उनके द्वारा डुबकी लगाई गई और 16 तारीख की रात 10 बजे तक हम लोग बक्सर से कुशल वापस आ गए. वहीं यात्रा कर रहे हैं सुमन चौधरी बताते हैं कि इस पूरे यात्रा में करीब ₹20,000 का खर्चा आया. जिसमें पेट्रोल का खर्च शामिल था. प्लास्टिक के कैनन शामिल था. साथ ही राशन पानी और अन्य खर्च शामिल था. हालांकि उनके द्वारा यह भी कहा गया कि यह यात्रा केवल प्रोफेशनल लोग ही कर सकते हैं. आम जनता के लिए यात्रा कठिनाई और खतरनाक भरा रहेगा.

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