शादी का मतलब होता है एक नए रिश्ते की शुरुआत, भरोसे और प्यार का बंधन, लेकिन जब रिश्ते ही खून के खेल में बदल जाएं, तो सवाल सिर्फ कानून का नहीं, समाज के ताने-बाने का भी उठता है. कुछ वक्त पहले मेरठ की मुस्कान, औरैया की प्रगति और इंदौर की सोनम न अपने पतियों को मारकर एक खतरनाक ट्रेंड की शुरुआत की थी लेकिन अब इसी कतार में एक और नाम जुड़ गया है. वह है बिहार की गुंजा, जिसने न केवल पति को मरवाया बल्कि इस कत्ल की साजिश उसने अपने ही फूफा के साथ मिलकर रची.
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15 साल पुराना रिश्ता बना जानलेवा इश्क
गुंजा और प्रियांशु की शादी 10 मई 2025 को हुई थी. परिवारवालों की रजामंदी से हुई इस शादी के पीछे किसी को अंदेशा भी नहीं था कि सिर्फ 45 दिन बाद ही दुल्हन अपने ही पति के खून से रिश्ता तोड़ देगी. वजह? गुंजा का अपने सगे फूफा जीवन सिंह से 15 साल पुराना गुप्त अफेयर. उम्र में गुंजा से लगभग दोगुने जीवन सिंह न सिर्फ उसके साथ रिश्ते में थे, बल्कि इस रिश्ते की खातिर खून भी करवाने को तैयार थे.
मोबाइल कॉल डिटेल से खुली पोल
पुलिस जांच में जो सबसे चौंकाने वाली बात सामने आई, वो ये थी कि शादी वाले दिन ही गुंजा ने अपने फूफा से 99 बार फोन पर बातचीत की और जब प्रियांशु की हत्या की जांच में पुलिस ने उसका फोन खंगाला, तो असली साजिश का सिरा यहीं से मिलने लगा. बातचीत की टाइमिंग, कॉल की फ्रीक्वेंसी और भाषा ने पुलिस को शक की दिशा में धकेल दिया.
रेलवे स्टेशन से गांव लौटते वक्त बरसी गोलियां
24 जून की शाम, औरंगाबाद के नबीनगर रोड रेलवे स्टेशन से प्रियांशु अपने दोस्तों के साथ बाइक पर घर लौट रहा था. रास्ते में सिंदुरिया गांव के पास दो अजनबियों ने रास्ता पूछने के बहाने उसे रोका और फिर प्वाइंट ब्लैंक रेंज से गोलियों की बौछार कर दी. चार गोलियां सिर में लगते ही प्रियांशु ने मौके पर ही दम तोड़ दिया.
शूटर्स को मिली सुपारी
जांच में यह सामने आया कि इस पूरे मर्डर प्लान के पीछे थी सुपारी .फूफा जीवन सिंह ने शूटर्स को पैसे दिए और गुंजा ने वक्त और जगह तय की. प्लान पूरी तरह फिल्मी था, लेकिन हकीकत इतनी खौफनाक कि रूह कांप जाए.
मासूम चेहरा, हैवान दिल
शादी के बाद जब गुंजा प्रियांशु के घर आई तो सबको लगा एक सुलझी हुई लड़की बहू बनकर आई है, लेकिन अंदर ही अंदर वो अपने पुराने इश्क को नया अंजाम देने की तैयारी कर रही थी. पति के घर वालों के सामने वो खुद को बेसुध और गमगीन दिखाती रही, लेकिन पुलिस की नजरें उसकी एक्टिंग को जल्दी ही पहचान गईं.
खूनी सिंड्रोम की चौथी कड़ी
मुस्कान, प्रगति, सोनम... और अब गुंजा .चारों ने अलग-अलग शहरों में एक जैसी कहानियों को दोहराया .लेकिन गुंजा की कहानी इस सिंड्रोम की सबसे खतरनाक कड़ी बन गई है .बाकी मामलों में प्रेमी साथ थे, पर यहां प्रेमी था उसका फूफा .उम्र, रिश्ता और सामाजिक मर्यादा, सबको ताक पर रखकर इस खौफनाक मोहब्बत ने एक मासूम जान ले ली.
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