भारत-नेपाल बॉर्डर पर छांगुर बाबा का क्या था 'बिग प्लान'? ATS की पूछताछ में हो गया एक्सपोज!
बलरामपुर के छांगुर बाबा उर्फ जमालुद्दीन की 100 करोड़ की संपत्ति ED के रडार पर है, जिसके लिए जल्द ही छापेमारी की जा सकती है. यह कार्रवाई उसके धर्मांतरण नेटवर्क और अवैध संपत्ति के बढ़ते आरोपों के मद्देनजर की जा रही है, फिलहाल बाबा लखनऊ जेल में बंद है.
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धर्मांतरण का रैकेट चलाने वाले छांगुर बाबा से एटीएस की पूछताछ कर रही है. सूत्रों की मानें तो बाबा का नेपाल बॉर्डर पर इस्लाम प्रचार का एक ग्लोबल केंद्र बनाने का प्लान था. इतना ही नहीं इस सेंटर के लिए विदेशों से लगभग 100 करोड़ रुपये की फंडिंग भी हुई थी.
एटीएस सूत्रों से ये भी खुलासा हुआ है कि छांगुर बाबा ने अपने रिश्तेदारों और चेलों के साथ मिलकर एक गैंग बनाया था, जिसका मकसद पूरे बलरामपुर को इस्लामी बनाना था.
कहां है बलरामपुर
बलरामपुर उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) राज्य के उत्तर-पूर्वी हिस्से में स्थित एक जिला है. यह नेपाल की सीमा से सटा हुआ है और ऐतिहासिक व धार्मिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण माना जाता है. बलरामपुर अवध क्षेत्र में आता है और इसकी पहचान खासतौर पर श्रावस्ती (बौद्ध धर्म से जुड़ा पवित्र स्थल) के नजदीक होने के कारण भी है. बलरामपुर की भौगोलिक स्थिति ने इसे नेपाल सीमा के पास होने के कारण रणनीतिक रूप से भी अहम बना दिया है.
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100 करोड़ की संपत्तियों की जांच में जुट गई है ईडी
खबर है कि प्रवर्तन निदेशालय (ED) उसकी करीब 100 करोड़ रुपये की संपत्ति की जांच में जुट गई है और जल्द ही छापेमारी भी हो सकती है. बाबा और उसके नजदीकी लोगों की संपत्तियों से जुड़े कागजात खंगाले जा रहे हैं. संपत्तियों की असल कीमत और उनके स्रोत को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं.
अंगूठी बेचने से आलीशान कोठी तक का सफर
छांगुर बाबा का असली नाम जमालुद्दीन है, बलरामपुर के उतरौला इलाके में कभी वह फुटपाथों पर अंगूठी बेचता था. अचानक कुछ साल पहले वह गायब हो गया और लौटते ही खुद को 'बाबा' बताने लगा. फिर शुरू हुआ उसका नया खेल. कहा जाता है कि बाबा ने समाज के कमजोर तबके की लड़कियों को निशाना बनाकर उन्हें पैसे और झूठे सपने दिखाकर धर्म बदलवाया. धीरे-धीरे उसका नेटवर्क बड़ा होता चला गया.
तीन बीघे में बना ‘किला’
धर्मांतरण से जुड़े मामलों में नाम आने के बावजूद बाबा की दौलत लगातार बढ़ती रही. उसने तीन बीघे जमीन पर ऐसी कोठी खड़ी कर ली, जो किसी किले से कम नहीं. वहां 50 से ज्यादा परिवारों के रहने की व्यवस्था थी.
इस कोठी में सुरक्षा के इतने पुख्ता इंतजाम थे कि कोई बाहरी व्यक्ति अंदर झांक भी नहीं सकता था चारों तरफ CCTV कैमरे, बिजली दौड़ते तार और खतरनाक गार्ड डॉग्स. खास बात ये है कि इस कोठी को तैयार करने में वो सामग्री इस्तेमाल हुई जो आमतौर पर बड़े पुलों के निर्माण में लगती है.
लखनऊ की जेल में बंद है बाबा
धर्मांतरण रैकेट में शामिल होने के आरोप में छांगुर बाबा को यूपी एटीएस पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है और फिलहाल वह लखनऊ की जेल में बंद है. मगर जांच की आंच अब उसके करीबियों और संपत्तियों तक पहुंच गई है.