Rahul Gandhi Bihar Yatra: बिहार में आगामी चुनाव से पहले SIR के एक मुद्दे ने राजनीति को गर्म कर रखा है. इसी कड़ी में लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने वोट चोरी का एक मुद्दा उठाया जिससे यह मामला और भी बढ़ता गया. साथ ही राहुल गांधी ने 17 अगस्त से एक जन आंदोलन का भी ऐलान किया है जिसे उन्होंने वोट अधिकार यात्रा का नाम दिया है. इस यात्रा में राहुल गांधी समेत तमाम विपक्ष के नेता शामिल होंगे.
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इसी बीच आज यानी 14 अगस्त को एक वीडियो पोस्ट कर यह ऐलान किया कि बिहार की धरती से वोट चोरी के खिलाफ सीधी लड़ाई छेड़ रहे है. बस इसके बाद राजनीतिक गलियारों में चर्चाएं तेज हो गई है. आपको बता दें कि राहुल गांधी की यह यात्रा 16 दिनों तक बिहार में चलेगी और 1 सितंबर को गांधी मैदान में यह यात्रा समाप्त हो जाएगी. आइए विस्तार से जानते है राहुल गांधी के पोस्ट और इससे क्या होगा असर.
राहुल गांधी ने किया ये पोस्ट
राहुल गांधी ने वोट चोरी का मुद्दा उठाने के लिए बिहार की महान धरती को चुना है. राहुल ने इसकी जानकारी अपने सोशल मीडिया हैंडल X(पहले ट्विटर) पर एक वीडियो साझा करते हुए किया. राहुल गांधी ने अपने पोस्ट में लिखा-
"17 अगस्त से #VoterAdhikarYatra के साथ हम बिहार की धरती से वोट चोरी के खिलाफ सीधी लड़ाई छेड़ रहे हैं. यह सिर्फ एक चुनावी मुद्दा नहीं - यह लोकतंत्र, संविधान और ‘वन मैन, वन वोट’ के सिद्धांत की रक्षा का निर्णायक संग्राम है. हम पूरे देश में स्वच्छ मतदाता सूची बनवाकर ही रहेंगे. युवा, मज़दूर, किसान - हर नागरिक, उठो और इस जनांदोलन से जुड़ो. अब की बार, वोट चोरों की हार - जनता की जीत, संविधान की जीत."
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आखिर क्या है इस यात्रा के पीछे की वजह?
बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले राहुल गांधी की यह यात्रा राजनीतिक तौर पर बेहद अहम मानी जा रही है. बिहार में यह उनकी पहली सबसे बड़ी यात्रा होगी. मौजूदा हालात की बात करें तो बिहार में कांग्रेस अपने स्थिति और समीकरण को इस यात्रा के माध्यम से मजबूत करेगी. इसी साल के शुरुआत में दिल्ली चुनाव में करारी हार के बाद से कांग्रेस बिहार में एक्टिव मोड पर आ गई है. चुनावी नतीजे के अगले ही दिन अलका लांबा बिहार पहुंची और महिला सशक्तिकरण का मोर्चा संभाला, कन्हैया ने रोजगार यात्रा निकाला बिहार कांग्रेस के नए प्रदेश अध्यक्ष को लाया गया.
वहीं राहुल गांधी लगातार बिहार के हर छोटे बड़े मुद्दों पर कभी सोशल मीडिया से तो कभी बिहार आकर आवाज उठाते रहे. उनके लगातार दौरे से कार्यकर्ताओं का भी जोश हाई है. साथ ही दलित और अल्पसंख्यक वोटरों को साधने के लिए गांधी ने उनके अधिकार की रक्षा की मजबूती से दावे कर रहे हैं.
राहुल गांधी की इस यात्रा को भारत जोड़ो यात्रा की तरह भी देखा जा रहा जिस तरह राहुल की भारत जोड़ो यात्रा ने लोकसभा चुनाव में बीजेपी को अपने दम पर सरकार बनाने से वंचित कर दिया, उसी तरह उनकी बिहार में 16 दिन की यात्रा कांग्रेस की किस्मत बिहार में भी बदल सकती है.
16 दिनों तक बिहार में चलेंगे राहुल गांधी
राहुल गांधी अपने वोटर अधिकार यात्रा के दौरान 16 दिनों तक बिहार में चलेंगे. उनकी यात्रा 17 अगस्त से सासाराम से शुरू होगी और 1 सितंबर को गांधी मैदान में वोटर अधिकार रैली के साथ खत्म होगी. 16 दिनों तक चलने वाली इस यात्रा में 31 अगस्त को एक दिन का ब्रेक होगा. इस यात्रा में राहुल गांधी के साथ तेजस्वी यादव समेत विपक्ष के तमाम नेता बारी -बारी से मौजूद रहेंगे. राहुल गांधी की वोटर अधिकार यात्रा संजीवनी का काम करती है या नहीं ये तो चुनावी परिणाम के बाद ही पता चलेगा.
राहुल की यात्रा पर पप्पू यादव का बयान
पप्पू यादव ने बुधवार को पटना में मीडिया से बात करते हुए कहा, "हर नेता को अपनी बात रखने का अधिकार है. महागठबंधन के सभी नेताओं में लड़ने की ताकत है. राहुल गांधी ने जनता के बीच जाने का फैसला किया है. 17 अगस्त से हम मताधिकार के समर्थन, बिहार के गरीबों की सुरक्षा और संविधान की रक्षा के लिए आगे बढ़ेंगे."
एसआईआर विवाद और डबल एपिक नंबर मामले पर पप्पू यादव ने कहा, हमारे लीडर (राहुल गांधी) ने कहा है कि 'वोट की चोरी' करके बीजेपी सत्ता में आई है. उन्होंने आगे कहा चुनाव आयोग बीजेपी से मिला हुआ है वो ना तो सीसीटीवी फुटेज देने को तैयार है और न ही वोटर लिस्ट देने को तैयार है और ना ये बता रहा है कि 65 लाख वोट किसके काटे हैं और क्यों काटे हैं.
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