बिहार विधानसभा चुनाव से पहले SIR की प्रक्रिया ने पूरे राज्य में हलचल तेज कर रखी है. 1 अगस्त को जारी हुई एसआईआर की पहली ड्राफ्ट लिस्ट में नाम जोड़ने या हटाने के लिए दावा-आपत्ति दर्ज करने की आज यानी 1 सितंबर को अंतिम तिथि है. चुनाव आयोग से मिली जानकारी के अब तक कुल 33,326 लोगों ने नाम जोड़ने के लिए आवेदन दिया है, तो वहीं 2,07,565 लोगों ने नाम हटाने के लिए आवेदन दिया है.
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भाकपा-माले ने दिए 118 आवेदन
SIR की प्रक्रिया में नाम जुड़वाने और हटवाने के लिए कुल 128 आवेदन मिले है. इस लिस्ट में सबसे ज्यादा दावे-आपत्ति करने वाले पार्टी भाकपा-माले रही है, जिसने कुल 118 आवेदन सौंपे है. इसमें अजीब बात यह है कि 118 में सिर्फ 15 आवेदन नाम जोड़ने के लिए दिए गए है, बाद बाकी 103 आवेदन नाम काटने के लिए दिए गए है.
वहीं इस प्रक्रिया का पुरजोर विरोध करने वाली बिहार की सबसे बड़ी पार्टियों में से एक राजद ने कुल 10 आवेदन दिए है. यह सारे आवेदन नाम जोड़ने से संबंधित है. इसके अलावा किसी भी राजनीतिक दल से कोई दावे-आपत्ति दर्ज नहीं कराई गई है.
यहां देखें इलेक्शन कमीशन का ट्विट
7.24 करोड़ वोटर्स का सत्यापन
1 अगस्त को SIR का पहला ड्राफ्ट जारी हुआ था जिसमें की दावे और आपत्ति दर्ज कराने के लिए 1 सितंबर तक का मौका दिया गया था. चुनाव आयोग से मिली जानकारी के अनुसार राज्य के 7.24 करोड़ मतदाता में से 99.11 फीसदी लोगों ने अपने डॉक्यूमेंट को सत्यापन के लिए जमा कर दिया है.
पॉलिटिकल पार्टी और लोगों को चुनाव कानून के तहत यह अधिकार है कि वो वोटर लिस्ट में शामिल उन लोगों के नाम पर आपत्ति दर्ज करा सकते हैं जो उन्हें लगता है कि गलत तरीके से मतदाता बने हुए है. इसी तरह, जिनका नाम सूची में नहीं है लेकिन वो खुद को पात्र मानते है, वो भी इस लिस्ट में नाम जुड़वाने के लिए दावा कर सकते है.
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