cheque signature rules: चेक साइन करते वक्त रखें इन 7 बातों का ध्यान, वरना हो सकता है नुकसान

चेक साइन करते वक्त की गई छोटी गलती भी आपको कोर्ट-कचहरी पहुंचा सकती है. जानिए चेक बाउंस, दुरुपयोग और सिग्नेचर मिसमैच से कैसे बचें.

चेक साइन करते वक्त इन बातों का रखें ध्यान

तस्वीर: चेक साइन करता हुआ एक युवक (प्रतीकात्मक) AI

बृजेश उपाध्याय

19 May 2025 (अपडेटेड: 19 May 2025, 12:34 PM)

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चेक एक बेहद भरोसेमंद और कागजी पेमेंट सिस्टम है, लेकिन यह उतना ही संवेदनशील भी है. यदि आपने सही रकम डाला, तारीख डाली, लेकिन साइन में गलती कर दी, तो न सिर्फ आपका पेमेंट फेल हो सकता है, बल्कि आपको कानूनी मुश्किलों का सामना भी करना पड़ सकता है. 

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सागर का ATM अचानक बंद हो गया. उन्हें किसी को पेमेंट करना था. जल्दबाजी में उन्होंने चेकबुक निकाला और उसे भरकर दे दिया. जिसको पेमेंट करना था उसके खाते में रकम नहीं पहुंची. उल्टा चेक बाउंस हो गया. सागर ने जिस बैंक का चेकबुक भरा था उसमें चेक क्लीयरेंस के दिन अमाउंट पर्याप्त नहीं था. 

चेक बाउंस होना भारतीय कानून के तहत अपराध है और कई बार मामूली गलती से भी आपका नाम कोर्ट-कचहरी तक पहुंच सकता है. Personal Finance की इस सीरीज में हम बता रहे हैं कि चेक साइन करते वक्त किन-किन बातों का ध्यान रखें. इसका दुरूपयोग कैसे हो सकता है और अगर सिग्नेचर मेल न खाए तो क्या होगा?

चेक साइन करने के जरूरी नियम

  • सही सिग्नेचर करें.

  • बैंक में दर्ज आपके सिग्नेचर से मेल खाना जरूरी है.

  • ब्लैक या ब्लू पेन का इस्तेमाल करें.

  • कभी भी रेड या ग्रीन पेन का इस्तेमाल न करें.
  • ओवरराइटिंग न करें.
  • चेक पर काटछांट से वो इनवैलिड हो सकता है. 
  • पूरा नाम और रकम साफ-साफ लिखें.
  • किसी भी खाली जगह को लाइन से भर दें. 
  • ‘A/C Payee Only’ जरूर लिखें.
  • ताकि चेक किसी और के खाते में न जमा हो सके.
  • डेट जरूर डालें और पुरानी डेट से बचें.
  • 3 महीने बाद चेक 'Stale' हो जाता है. 
  • 'Bearer' शब्द काट दें.
  • ताकि कोई और उसका इस्तेमाल न कर सके.

सिग्नेचर मेल नहीं खाया तो क्या?

अगर आपने जो साइन किया वो बैंक रिकॉर्ड से मेल नहीं खाता, तो चेक रिजेक्ट कर दिया जाएगा. यह “Signature Mismatch” माना जाता है और आपको सूचना मिलती है. कई बार बैंक इससे जुड़ी पेनाल्टी भी लगाता है.

चेक बाउंस हुआ तो क्या होगा?

  • पेनाल्टी लगेगी – ₹150 से ₹750 तक.
  • कानूनी कार्रवाई संभव – 2 साल की जेल + दोगुनी रकम का जुर्माना.
  • क्रेडिट स्कोर खराब हो सकता है.
  • NI Act की धारा 138 के तहत चेक बाउंस एक क्रिमिनल ऑफेंस है.
  • चेक का दुरुपयोग कैसे होता है?
  • खाली साइन किया चेक कोई और भर सकता है.
  • चेक चोरी होने पर फ्रॉड हो सकता है.
  • गलत नाम या कट-छांट से फर्जीवाड़ा हो सकता है.

गलतियों से बचने के टिप्स

  • चेक पर 'A/C Payee' और 'Not Negotiable' लिखें.
  • ब्लैंक चेक कभी न दें.
  • सिग्नेचर और डेट चेक कर लें.
  • किसी को चेक दे रहे हैं तो करें ये 5 काम
  • पूरा नाम भरें (जैसा बैंक रिकॉर्ड में हो).
  • Amount अंकों और शब्दों में भरें.
  • खाली जगह पर लाइन खींचें.
  • “A/C Payee Only” जरूर लिखें.
  • Memo में पेमेंट का कारण भी डाल सकते हैं (Optional).

निष्कर्ष:

चेक एक भरोसेमंद लेकिन संवेदनशील दस्तावेज है. एक छोटी गलती आपको हजारों का नुकसान और कोर्ट तक खींच सकती है. इसलिए अगली बार जब भी आप चेक साइन करें, इन नियमों को जरूर याद रखें.

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