गोल्ड प्राइस दनादन बढ़ता जा रही है. लोग गोल्ड खरीद रहे हैं. शौक के लिए भी और फ्यूचर इन्वेस्टमेंट के लिए भी. अब इसमें नई कहानी ये है कि गोल्ड खरीदने के लिए लोग गोल्ड लोन रहे हैं. सोना खरीदने के लिए लोन लेने-देने का कोई सिस्टम नहीं है. गोल्ड गिरवी रखकर लोन लिया जा सकता है या पर्सनल लोन लेकर सोना खरीदा जा सकता है.
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आरबीआई ने गोल्ड को लेकर चौंकाने वाली खुलासा किया है. रिपोर्ट कहती है कि एक महीने में लोगों ने 12 हजार करोड़ रुपये का गोल्ड लोन ले लिया. गोल्ड गिरवी रखकर लोन लेने वालों में भारी तेजी आई है. 5 महीनों में लोगों ने करीब 98 हजार करोड़ का गोल्ड लोन ले लिया.
अभी गोल्ड लोन लेने में ज्यादा फायदा
गोल्ड लोन लेने में फायदा ये है कि अभी गोल्ड गिरवी रखने से ज्यादा पैसा मिल रहे हैं. नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल और बैंक गोल्ड की वैल्यू का लगभग 85% तक लोन देते हैं. गोल्ड की तरह गोल्ड लोन भी सिक्योर्ड होता है. आप फिजिकल गोल्ड या गोल्ड ज्वैलरी गिरवी रखकर बैंक या एनबीएफसी से लोन ले सकते हैं. देश के कई बैंक और नॉन बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनी (NBFCs) गोल्ड लोन पर कम इंटरेस्ट रेट पर लोन बांट रहे हैं. गोल्ड लोन 8.35 परसेंट से शुरू होकर 1 साल के लिए 1 लाख रुपये के लोन पर 10 परसेंट इंटरेस्ट रेट पर गोल्ड लोन दे रहे हैं.
प्वाइंटर्स में इसे समझिए
- एसबीआई का गोल्ड लोन 10 परसेंट से शुरू होता है.
- एक लाख के लोन की ईएमआई 8,792 रुपये बनती है.
- पीएनबी का गोल्ड लोन सस्ता है.
- 8.35 परसेंट से गोल्ड लोन शुरू होता है जिसकी ईएमआई एक लाख पर 8,715 रुपये बनती है.
- HDFC Bank के गोल्ड लोन का इंटरेस्ट रेट 9.3 परसेंट से शुरू होता है जिसकी ईएमआई 8,759 रुपये बनती है.
- ICICI Bank 9.15 परसेंट इंटरेस्ट पर गोल्ड लोन देता है जिसकी 8,752 रुपये बनती है.
गोल्ड लोन गिरवी है, जिसमें जितना फिजिकल गोल्ड देते हैं उसकी मार्केट वैल्यू का 85 परसेंट लोन अमाउंट मिलता है. बैंक को ऐसा लोन देने में रिस्क नहीं होता. अगर लोन रीपे नहीं भी हुआ तो जब्त करने के लिए गोल्ड होता है. सवाल ये है कि इतना धड़ल्ले से लोग अगर गोल्ड गिरवी पर रखकर लोन ले रहे हैं तो क्यों?
लोन लेना है तो गोल्ड लोन ही क्यों?
एक थ्योरी ये है कि पर्सनल लोन से बहुत ज्यादा ज्यादा सस्ता पड़ता है गोल्ड लोन. हाउसिंग लोन घर या जमीन खरीदने पर ही मिलता है. ऑटो लोन कार या बाइक खरीदने पर मिलता है. गोल्ड लोन लेने पर बैंक नहीं पूछता है कि पैसे का क्या करेंगे. लोग चाहे तो गोल्ड लोन लेकर और गोल्ड भी ले सकते हैं या घर, कार या कोई जरूरत पूरी कर रहे हो. जिस पीरियड में इतनी तूफानी रफ्तार से गोल्ड लोन लिया गया उसी पीरियड में एजुकेशन, ऑटो या हाउसिंग लोन की डिमांड नहीं रही. यानी लोग तरह-तरह की जरूरतों के लिए घर में रखे गोल्ड की गिरवी रखकर पैसे उठा रहे हैं. जब पैसे हो जाएंगे तो गिरवी रखा गोल्ड छुड़ाकर वापस भी घर ला सकते हैं.
ऐसा नहीं है कि भारत में ही गोल्ड के दाम बढ़ रहे हैं. दुनिया भर में गोल्ड की कीमतें आसमान छू रही हैं. बहुत सारे एक्सपर्ट इसे बबल मान रहे हैं और ये आशंका जता रहे हैं कि कभी भी ये बबल फूट सकता है. भारत में 10 ग्राम गोल्ड अभी 1 लाख 25 हजार से 1 लाख 30 हजार की रेंज में मिल रहा है. महंगाई में तो गोल्ड की शॉपिंग घट जानी चाहिए, लेकिन यहां मामला उल्टा चल रहा है. दस साल में गोल्ड की कीमतें चार गुना से ज्यादा बढ़ चुकी हैं.
इतना महंगा हो चुका है सोना-चांदी
इस साल गोल्ड 51 हजार 471 और सिल्वर 77 हजार 233 रुपये महंगा हुआ. 31 दिसंबर 2024 को 10 ग्राम 24 कैरेट सोना 76 हजार 162 रुपए का था, जो अब सवा लाख के आसपास है. 31 दिसंबर 2024 को एक किलो सिल्वर की कीमत 86,017 रुपए थी, जो अब 1,63,250 रुपए प्रति किलो हो गई है. गोल्ड और सिल्वर में बेसिक डिफरेंस ये है कि गोल्ड की डीलिंग 10 ग्राम में होती है. सिल्वर की डीलिंग किलो में होती है. 10 ग्राम गोल्ड सवा लाख का और एक किलो सिल्वर करीब पौने दो लाख में मिल रहा है.
बाजार में चार तरह का गोल्ड
बाजार में चार तरह का गोल्ड खरीदा बेचा जाता है. 14 कैरेट का गोल्ड करीब 74 हजार, 18 कैरेट गोल्ड 95 हजार 725, 22 कैरेट 1 लाख 16 हजार और 24 कैरेट का गोल्ड 1 लाख 27 हजार प्रति 10 ग्राम मिल रहा है. जेवर में सबसे ज्यादा 18 और 22 कैरेट का इस्तेमाल होता है. भारत में गोल्ड 24, 22, 18 और यहां तक कि 14 कैरेट का भी मिलता है.
कैरेट का क्या है मतलब?
कैरेट मतलब जो गोल्ड खरीद रहे हैं उसमें गोल्ड की प्योरिटी या गोल्ड की शुद्धता कितनी है. 24 कैरेट गोल्ड में 99.9% गोल्ड होता है. कुछ और मिक्स नहीं होता. 22 कैरेट गोल्ड में 91.67% प्योर गोल्ड होता है. 8.3 परसेंट मिक्स मेटल होता है. इसीलिए 24 कैरेट से कम कुछ सस्ता मिलता है 22 कैरेट का गोल्ड.
ऐसे बनती है ज्वैलरी
आईआईएफएल फाइनेंस के मुताबिक चूंकि गोल्ड बहुत सॉफ्ट मेटल होता है इसलिए 22, 18 , 14 कैरेट वाले गोल्ड को जेवर, सिक्के को मजबूत और टिकाऊ बनाने के लिए जिंक, कॉपर और सिल्वर मिक्स किया जाता है. 18 कैरेट वाले गोल्ड में 75 परसेंट गोल्ड, बाकी मिक्सिंग होती है. फिर भी सब कहलाता गोल्ड ही है.
जूलरी बनाने के लिए ज्यादातर 22 कैरेट गोल्ड का यूज होता है. गोल्ड कॉइन, या गोल्ड बिस्किट या गोल्ड ब्रिक्स में ज्यादा पॉपुलर 24 कैरेट का गोल्ड है. 99.9% गोल्ड का होना इसे सॉफ्ट या नाजुक बनता है. जूलरी बनती तो है लेकिन कम. 22 कैरेट वाला मिक्स होने से ही स्ट्रॉन्ग बन पाता है. थोड़ी मिक्सिंग हो जाने से जूलरी डिजाइनिंग का स्कोप बढ़ जाता है.
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