Personal Finance: क्या राजस्थान में खत्म हो रहा OPS, क्या है ताजा अपडेट?

राजस्थान में भजनलाल सरकार ने ओल्ड पेंशन स्कीम खत्म करने की शुरूआत कर दी है. गहलोत सरकार ने 2022 में ओपीएस लागू की थी, अब फिर पलट गया फैसला.

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तस्वीर: न्यूज तक.
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वैसे तो ये डिबेट 20 साल से चल रही है कि ओल्ड पेंशन स्कीम खत्म करके नेशनल पेंशन स्कीम एनपीएस करना सही था या नहीं. ये फैसला वाजपेयी सरकार ने लिया था जिसे पहले मनमोहन सिंह की सरकार ने, फिर मोदी सरकार ने बरकरार रखा. सरकारी कर्मचारी भूलने लगे कि ओल्ड पेंशन भी कोई चीज होती है. राहुल गांधी ने ओल्ड पेंशन स्कीम वापस लाने का मुद्दा उठाया तो फिर ओपीएस-एनपीएस का मुद्दा गरमा गया. 

राहुल गांधी ने जैसे ही ओल्ड पेंशन स्कीम वापस लाने का वादा किया, 2022 में राजस्थान में कांग्रेस की सरकार चला रहे सीएम अशोक गहलोत ने अपने राज्य में ओल्ड पेंशन स्कीम लागू कर दी. फिर छत्तीसगढ़ में भी भूपेश बघेल की सरकार ने ओपीएस लागू कर दी. 2023 में हिमाचल में कांग्रेस की सरकार बनी तो वहां भी राज्य सरकारों को ओल्ड पेंशन स्कीम लौटा दी गई. दो गैर-कांग्रेस शासित झारखंड, पंजाब सरकारों ने भी यही किया. कुल मिलाकर 5 राज्यों में राज्य सरकारों के कर्मचारियों के लिए ओल्ड पेंशन स्कीम लागू है.

राजस्थान में अब पलटी मार रही सरकार 

राजस्थान में सरकार पलटी मार रही है. 2023 के चुनाव में राजस्थान में कांग्रेस की हार हो गई. बीजेपी की सरकार बन गई. अब राजस्थान की भजनलाल शर्मा की सरकार ने ओपीएस को खत्म करने की शुरूआत कर दी है. सवा पांच लाख से ज्यादा राज्य कर्मचारियों को फिर से एनपीएस की सुविधा मिलेगी. बुनियादी फर्क ये है कि ओल्ड पेंशन स्कीम में रिटायरमेंट के बाद फिक्स्ड पेंशन मिलती है. एनपीएस में पेंशन की कोई गारंटी नहीं होती. 

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सरकारी निगमों, बोर्ड, आयोगों और यूनिवर्सिटीज को भी ओल्ड पेंशन स्कीम खत्म करके कर्मचारियों में एनपीएस में शिफ्ट करने के लिए कहा गया है. अभी उनके लिए नियम बना है कि जो सरकारी संस्थान पेंशन का बोझ नहीं उठा सकते ओपीएस खत्म करके एनपीएस में कर्मचारियों को ले जाएं. 

2004 से लागू है NPS 

2004 से एनपीएस लागू हो गया. जिन राज्यों में सरकारों ने ओपीएस लागू किया उन्होंने 2023 में फैसले लिए. इस बीच 
19 साल तक कर्मचारियों की सैलरी से पैसे कटकर एनसीपी में जमा होते रहे. करीब 5 लाख 24,000 कर्मचारियों के कॉन्ट्रीब्यूशन से 50 हजार करोड़ का फंड इकट्ठा हो गया. 

जब राज्य सरकारों ने ओपीएस लागू किया तो Pension Fund Regulatory and Development Authority (PFRDA) ने एनपीएस में जमा पैसा लौटाने से मना कर दिया. दलील दी कि PFRDA Act, 2013 में पैसे लौटाने का कोई प्रोविजन नहीं है. राजस्थान ने फिर पहल की है कि ओपीएस खत्म हो जाएगा. एनपीएस लागू होगा जिसमें पेंशन की गारंटी नहीं है. 

पुरानी पेंशन योजना यानी ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) में  2004 से पहले ज्वाइन करने वाले कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद फिक्स पेंशन मिलती थी. पेंशनर की मौत के बाद भी परिवार को आधी पेंशन मिलती थी. एनपीएस लागू होने के बाद ये सारा सिस्टम खत्म हो गया. पेंशन की पॉलिसी केंद्र सरकार बनाती है. 20 साल से चल रहे एनपीएस के खिलाफ राहुल गांधी के भी कूदने के बाद सरकार दवाब में आई. सरकार ने बीच का रास्ता निकाला. 

इसी साल एक अप्रैल से यूनिफायड पेंशन स्कीम यूपीएस लागू की. यूपीएस में सरकार फिक्स्ड पेंशन की गारंटी दे रही है. कर्मचारियों से कहा गया कि वो चाहें तो वन टाइम एनपीएस से यूपीएस में स्विच कर सकते हैं. अब केंद्र के कर्मचारी यूपीएस में जाने को तैयार नहीं हैं. सरकार ने पहले 30 जून, फिर 30 सितंबर के बाद तीसरी डेडलाइन 30 नवंबर की है लेकिन कर्मचारियों ने बहुत कम इंटरेस्ट दिखाया है. 

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