सोना फिर से तेज हो गया है. सोने का भाव कहां जाकर रुकेगा ये हर निवेशक जानना चाहता है. कीमतें ऊपर जाना निवेशकों के लिए तो ठीक है, लेकिन ग्राहक नीचे जाने के इंतजार में हैं. हालांकि अभी सोने के भाव में नीचे जाने की गुंजाइश नहीं दिख रही है] बल्कि ऊपर जाने के चांस ज्यादा दिख रहे हैं. सोने के चमक को बढ़ाने का काम सेंट्रल बैंक्स कर रहे हैं. सेंट्रल बैंकों की खरीद अभी भी जारी है. सोने की चमक की कहानी को आगे बढ़ाएंगे पहले सोने की कीमतों पर नजर डाल लेते हैं.
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MCX पर सोने का भाव 1 लाख 30 हजार रुपये प्रति तोले (10 ग्राम) को पार कर गया है. MCX पर चांदी 1 लाख 83 हजार प्रति किलो पर पहुंच गई है. सोने का भाव तो ऑल टाइम हाई के करीब ही पहुंच गया है. हो सकता है अगले कुछ दिनों में में सोना नया ऑल टाइम हाई बना दे. अब सवाल ये है कि सोने की चमक क्यों दिनों दिन बढ़ रही है. क्यों सोना बीते 2 साल में सबसे ज्यादा रिटर्न देने वाली एसेट बना हुआ है. साल 1979 के बाद 2025 ऐसा साल है जब पूरी दुनिया ने सोने पर भरोसा दिखाया है.
- पीपल्स बैंक ऑफ चाइना ने नवंबर में 30,000 ट्रॉय औंस यानी करीबन 0.93 टन गोल्ड खरीदा.
- इस तरह चीन अब लगातार 13 महीनों से गोल्ड खरीद रहा है.
- नवंबर में चीन का गोल्ड रिज़र्व 74.12 मिलियन ट्रॉय औंस पहुंच गया है.
इसे टन में देखें दो चीन का गोल्ड रिजर्व 2,304 टन हो गया है. अब सवाल ये है कि चीन सोना क्यों खरीद रहा है.
- डॉलर की पकड़ कमजोर करना
- युआन को ग्लोबल करेंसी बनाना
- अमेरिकी प्रतिबंधों के रिस्क को कम करना
- डिजिटल करेंसी को बैकअप देना
सबसे मजेदार बात- चीन अब दूसरे देशों के लिए गोल्ड का स्टोरेज भी ऑफर कर रहा है. कंबोडिया जैसे छोटे देश अपना गोल्ड चीन के वॉल्ट में रख रहे हैं. ये एक साइलेंट आर्थिक पावर-प्ले है. जिसके जरिए चीन गोल्ड इकोसिस्टम का बैंक ऑफ द वर्ल्ड बनना चाहता है. चीन ही नहीं दुनिया के दूसरे देश भी जमकर सोना खरीद रहे हैं. वर्ड्स गोल्ड काउंसिल के मुताबिक...
- पोलैंड ने अक्तूबर 2025 में 16 टन सोना खरीदा.
- ब्राज़ील ने 16 टन सोना खरीदा है.
- उज्जबेकिस्तान ने 9 टन.
- इंडोनेशिया ने 4 टन.
- तुर्की ने 3 टन.
- चेक रिपब्लिक ने 2 टन सोना खरीदा है.
सिर्फ रूस ही ऐसा देश है जिसने अक्तूबर महीने में 3 टन सोना बेचा है. फिर भी रूस दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा गोल्ड होल्डर है. रूस के पास 2327 टन सोने का रिजर्व है. दुनिया के सेंट्रल बैंक्स को लग रहा है अगर कोई ग्लोबल दिक्कत आई तो गोल्ड ही बचा सकता है. जब सेंट्रल बैंक खरीदते हैं मार्केट में दो चीजें होती हैं.
- पहली गोल्ड की सप्लाई कम हो जाती है
- बाजार में पैनिक बाइंग आती है
यानी निवेशकों के लिए गोल्ड एक recession protection shield बन जाता है. बाजार के जानकार मानते हैं कि अमेरिका ब्याज दरें कम करेगा तो डॉलर कमजोर होगाऔर दुनिया recession के साए में आएगी ऐसे में सोने में एतिहासिक उछाल देखने को मिल सकता है.
कई इंटरनेशनल ब्रोकरेज और बैंक ये अनुमान दे चुके हैं. 2026 के लिए गोल्डमैन सैक्स और जेपी मॉर्गन ने गोल्ड का 5000 हजार डॉलर प्रति औंस का टारगेट दिया है
अगर ब्रोकरेजेज हाउसेंज का टारगेट हिट हो गया तो भारत में सोने का भाव डेढ़ लाख रुपरे प्रति तोले को पार कर जाएगा...कुल मिलाकर ये कहा जा सकता है कि सोने का भविष्य सुनहरा है.
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