सोने की चाल में हलचल होने लगी है. 21 नवंबर को सोने की कीमतें अचानक फिसल गईं. ग्लोबल बाजार में माहौल सुस्त और निवेशक पूरी तरह "वेट एंड वॉच" मोड दिखने लगे. आखिर किस बड़े डेटा ने सोने की चाल बदल दी है? ग्लोबल गोल्ड मार्केट में हल्की गिरावट के पीछे क्या वजह है? आगे आने वाले दिनों में सोने-चांदी के भाव को लेकर माहौल कैसा रहने वाला है? जाने सबकुछ...
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21 नवंबर 2025 को अंतरराष्ट्रीय बाजार में स्पॉट गोल्ड 0.1% फिसलकर 4,072.87 डॉलर प्रति औंस पर पहुंच गया, जबकि अमेरिकी गोल्ड फ्यूचर्स मामूली बढ़त के साथ 4,071.90 डॉलर पर टिके रहे. साफ है कि निवेशक अब पूरी तरह "wait-and-watch" मोड में हैं.
इस सुस्ती की वजह क्या है?
इस सुस्ती की सबसे बड़ी वजह है अमेरिका की मजबूत सितंबर NFP रिपोर्ट. अमेरिकी अर्थव्यवस्था ने सितंबर में 1,19,000 नौकरियां जोड़ीं] जो अनुमान से दोगुना से भी ज्यादा है, लेकिन बेरोजगारी दर बढ़कर 4.4% पहुंच गई, जो अक्टूबर 2021 के बाद सबसे ऊंचा स्तर है. इस डेटा ने दिसंबर में फेड द्वारा ब्याज दरें घटाने की उम्मीदों को झटका दे दिया है. बाजार अब सिर्फ 30-40% की संभावना देख रहा है, जबकि एक हफ्ता पहले यह 50% के ऊपर थी.
फेड की अक्टूबर बैठक के मिनट्स भी यही बता रहे हैं कि नीति निर्माता जल्दबाजी में कटौती के मूड में नहीं हैं. शिकागो फेड के अध्यक्ष ऑस्टन गूल्सबी ने आक्रामक दर कटौती के खतरे की चेतावनी भी दे दी है. ऊपर से अमेरिकी सरकार की लंबी शटडाउन स्थिति अनिश्चितता को और बढ़ा रही है.
अक्टूबर का रोजगार डेटा रद्द कर दिया गया है, और अब अक्टूबर-नवंबर का संयुक्त जॉब्स डेटा जारी होगा. वहीं GDP डेटा भी पीछे खिसक गया है, जिससे बाजार और ज्यादा अस्थिर हो गया है. डॉलर इंडेक्स एक महीने के सबसे मजबूत साप्ताहिक प्रदर्शन की ओर बढ़ रहा है और शुक्रवार सुबह 100.09 पर स्थिर था. मजबूत डॉलर विदेशी खरीदारों के लिए सोने को महंगा बना देता है, जिससे गोल्ड पर और दबाव बढ़ा है.
अब घरेलू बाजार का हाल
भारत में खुदरा सोने की कीमतें अभी भी ऊंचे स्तर पर बनी हुई हैं. एमसीएक्स पर दिसंबर 2025 गोल्ड फ्यूचर्स ₹375 या 0.31% गिरकर ₹1,22,352 प्रति 10 ग्राम पर बंद हुए. फरवरी 2026 कॉन्ट्रैक्ट भी ₹334 टूटकर ₹1,24,000 पर पहुंच गया. सिल्वर में भी कमजोरी जारी रही. दिसंबर सिल्वर फ्यूचर्स 1.40% गिरकर ₹1,51,997 प्रति किलोग्राम और मार्च 2026 कॉन्ट्रैक्ट 1.52% टूटकर ₹1,55,004 पर बंद हुआ.
कॉमेक्स मार्केट में भी दिसंबर गोल्ड 0.17% फिसलकर 4,053.26 डॉलर और सिल्वर 1.85% गिरकर 49.37 डॉलर प्रति औंस पर रही. तकनीकी मोर्चे पर, सोने को 4,032-4,000 डॉलर के बीच मजबूत सपोर्ट मिल रहा है, जबकि ऊपर की तरफ 4,110-4,140 डॉलर का कड़ा रेजिस्टेंस है.
मोतीलाल ओसवाल के मनाव मोदी का कहना है कि मजबूत जॉब्स डेटा, डॉलर की मजबूती और रूस-यूक्रेन शांति की संभावनाओं ने सेफ-हेवन डिमांड को थोड़ा कमजोर किया है.
आगे का आउटलुक देखें तो दिसंबर फेड बैठक तक सोना 4,000-4,140 डॉलर के दायरे में रह सकता है. अब बाजार की नजर अमेरिकी PMI, यूनिवर्सिटी ऑफ मिशिगन कंज्यूमर सेंटिमेंट और संयुक्त अक्टूबर-नवंबर जॉब्स रिपोर्ट पर है. जब तक कोई बड़ा संकेत नहीं मिलता, सोने में रेंज-बाउंड कारोबार और हल्की अस्थिरता बनी रह सकती है.
कुल मिलाकर, फिलहाल गोल्ड पर दबाव जरूर है, लेकिन भू-राजनीतिक तनाव और लंबी अवधि की महंगाई की चिंताएं इसे ज्यादा नीचे गिरने नहीं दे रही हैं. मिड-टर्म में अगर सोना 4,000 डॉलर के नीचे जाता है, तो वहां से तेज खरीदारी उभरने की पूरी संभावना है.
यहां देखें सोने-चांदी के आज के भाव
IBJA (इंडियन बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन) 21 नवंबर 2025 के शाम 5 बजे तक के ताजा रेट्स. (ये 23 नवंबर तक वैलिड).
| सोना | प्रति 10 ग्राम |
| 24 कैरेट | 1,23,146 रुपए |
| 22 कैरेट | 1,22,653 रुपए |
| चांदी | 1,51,129 रुपए (1 किलो) |
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