Gold Silver Price Update: सोने और चांदी की कीमतें साल के आखिरी महीने में एक बार फिर छलांग लगाती नजर आ रही हैं. 10 दिसंबर को MCX पर कारोबार शुरू होते ही चांदी के दाम नए रिकॉर्ड हाई पर पहुंच गए. शुरुआती कारोबार में ही चांदी की कीमत 2700 रुपये उछल गई. चांदी में तेजी का अंदाजा आप इसी से लगा सकते हैं कि इसी हफ्ते के बीते दो कारोबारी दिनों में चांदी की कीमत 10 हजार रुपये प्रति किलोग्राम उछल चुकी है. चांदी की कीमतों में लगातार तेजी देखने को मिल रही है और इसी बीच चांदी पर एक बड़ी भविष्यवाणी सामने आई है. सोना-चांदी के इस खास एपिसोड में आइए जानते कि क्या चांदी आपको मालामाल करने वाली है और चांदी की कीमतें कहां तक जा सकती है?
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चांदी ने बनाया नया रिकॉर्ड
चांदी ने आज फिर एक नया इतिहास लिख दिया है. MCX पर सिल्वर की कीमतें शुरुआती कारोबार में 2% उछलकर ₹1,92,000 प्रति किलो के नए रिकॉर्ड हाई पर पहुंच गईं. इसी के साथ गोल्ड भी चमका और MCX गोल्ड फरवरी कॉन्ट्रैक्ट्स ने सुबह ₹1,30,502 का लेवल छू लिया. स्पॉट मार्केट में तो चांदी का हाल और भी गजब है. इस साल अब तक स्पॉट सिल्वर 108% से ज्यादा चढ़ चुकी है और सोना भी 68% उछल गया है. पिछले साल 31 दिसंबर को स्पॉट सिल्वर सिर्फ ₹85,851 प्रति किलो थी और 9 दिसंबर को ये बढ़कर ₹1,78,861 प्रति किलो हो चुकी है. इसी तरह, घरेलू सोना 2024 में ₹75,913 प्रति 10 ग्राम था और अब ये ₹1,27,762 पर पहुंच गया है.
क्यों बढ़ रहे भाव?
सोना-चांदी के अचानक भाव बढ़ने के पीछे कई वजह बताए जा रहें है. इनमें बढ़ता भू-राजनीतिक तनाव, ट्रेड वॉर का डर, सेंट्रल बैंकों की भारी खरीदारी, और ETF में बड़े पैमाने पर पैसा आना शामिल है. लगातार बढ़ते भाव के देखकर एक सवाल सामने आता है कि क्या इस दिसंबर में चांदी ₹2 लाख तक जा सकती है? तो जानकारों का कहना है कि चांदी ₹2 लाख ही नहीं, ₹2,10,000 तक भी जा सकती है.
एक्सपर्ट्स ने बताई भाव बढ़ने की वजहें
एक्सपर्ट्स का कहना है कि लगातार मांग बढ़ रही है और सप्लाई टाइट है. भारत खरीद रहा है और चीन एक्सपोर्ट कर रहा है. ऐसे में दिसंबर के अंत तक सिर्फ ₹2 लाख नहीं, ₹2.10 लाख भी संभव है. हालांकि FIIs साल के अंत में अपनी बुक क्लोजिंग के चलते मुनाफा वसूली कर सकते हैं, लेकिन मार्केट का मूड अब भी पॉजिटिव है.
गोल्ड-टू-सिल्वर रेशियो क्या कहता है?
गोल्ड-टू-सिल्वर रेशियो अभी 68 से 69 के बीच है जो कि पिछले 3 से 4 साल में सबसे कम है. कम रेशियो का मतलब होता है, चांदी सोने से ज्यादा तेजी वाली स्थिति में है. यानी ये भी संकेत देता है कि चांदी की कीमत और ऊपर जा सकती है.
फेडरल रिजर्व का क्या-कुछ रहेगा रोल?
US Federal Reserve पर सबकी नजरें टिकी हुई हैं. जानकारों के मुताबिक, अगर फेड अगले साल 3 बार रेट कट करता है, तो सोना-चांदी दोनों और चढ़ेंगे. लेकिन अगर 'डॉट प्लॉट' में सिर्फ 1 से 2 रेट कट दिखे, तो मार्केट तेजी से करेक्शन भी दिखा सकता है.
एक्सपर्ट्स के मुताबिक, डोनाल्ड ट्रंप के नए फैसलों, नए फेड चेयर की घोषणा और 2026 में संभावित 3 रेट कट इन सबके चलते चांदी अगले साल $65 डॉलर तक भी जा सकती है. इतनी तेज रैली के बाद मुनाफा-वसूली तो कभी भी हो सकती है. अंतरराष्ट्रीय स्पॉट सिल्वर इस साल 112% उछल चुकी है, तो इसे देखते हुए एक्सपर्ट्स का कहना है कि 20% से 40% का करेक्शन भी संभव है. लेकिन भारतीय निवेशकों के लिए अच्छी खबर यह है कि जो लोग अब तक चांदी नहीं खरीद पाए वो करेक्शन आते ही भारी खरीदार कर सकते हैं. यानी लंबी अवधि का ट्रेंड अभी भी पॉजिटिव है और चांदी ऊपर की ओर जाती हुई दिखाई दे रही है.
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