हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस पर GST जीरो हो सकती है. बुधवार को इंश्योरेंस मामलों पर गठित ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स (GoM) के कन्वीनर सम्राट चौधरी ने कहा कि हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस पर जीएसटी जीरो करने का प्रस्ताव जीएसटी काउंसिल में रखा जा सकता है.
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बिहार के डिप्टी मिनिस्टर चौधरी ने बताया कि सभी राज्यों के मंत्रियों ने GST दर घटाने पर सहमति जताई है. कुछ राज्यों ने अपने सुझाव दिए हैं. कुछ राज्यों ने इसपर चिंता भी जताई है. इस पर अंतिम फैसला काउंसिल लेगी.
इस छूट से 9,700 करोड़ के राजस्व नुकसान- मल्लू भट्टी
तेलंगाना के डिप्टी सीएम मल्लू भट्टी विक्रमार्क ने इसपर अपनी चिंता जताते हुए कहा- स्वास्थ्य और जीवन बीमा के प्रीमियम पर जीएसटी छूट से 9,700 करोड़ रुपए का राजस्व नुकसान होगा.
गौरतलब है कि मंत्री समूह केंद्र के 'अगली पीढ़ी' के जीएसटी सुधारों पर चर्चा कर रहे हैं जिसके तहत दो GST स्लैब जिसमें 5 फीसदी और 18 फीसदी रखना और 5-7 वस्तुओं पर 40 प्रतिशत के विशेष दर का प्रस्ताव शामिल है. 5-7 वस्तुओं वे हैं जो हानिकारक वस्तुओं की कटेगरी में शामिल हैं.
फिलहाल GST के 4 स्लैब
फिलहाल GST के 4 स्लैब 5, 12, 18 और 28 फीसदी हैं. खाद्य और आवश्यक वस्तुओं पर शून्य या 5 प्रतिशत की दर से जीएसटी लगता है, जबकि विलासिता और दूसरी वस्तुओं पर 28 प्रतिशत की दर से कर लगता है. इसके ऊपर एक उपकर भी लगता है.
इनकी सिफारिशें अब अगले महीने होने वाली जीएसटी काउंसिल की बैठक में रखी जाएंगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संकेत दिया है कि सुधारों को दिवाली तक लागू करने की तैयारी है.
इंश्योरेंस प्रीमियम पर GST जीरो तो कितना बेनिफिट ?
राहुल हेल्थ इंश्योरेंस पर सालाना 15,000 रुपए और लाइफ इंश्योरेंस पर 30,000 रुपए का प्रीमियम देते हैं. इनमें 18 फीसदी जीएसटी है. यदि लाइफ और हेल्थ इंश्योरेंस पर जीएसटी जीरो हो जाता है तो उन्हें हेल्थ इंश्योरेंस का प्रीमियम 12,300 रुपए और लाइफ इंश्योरेंस का 24600 रुपए देने होंगे. यानी राहुल को सालाना करीब 8000 का फायदा हो जाएगा.
बीमा कंपनियों ने किया विरोध
इधर इंश्योरेंस प्रीमियम पर GST 5 फीसदी या जीरो करने की चर्चा के बीच बीमा कंपनियों ने इसका विरोध भी करना शुरू कर दिया है. उनका तर्क है कि इससे कंपनियों को इनपुट टैक्स क्रेडिट यानी ITC की सुविधा नहीं मिलेगी. इससे बीमा कंपनियों को सेवाएं और प्रशासनिक खर्चों पर पुराने टैक्स का भार उठाना पड़ सकता है. इस भार से राहत के तौर पर कंपनियों को इनपुट टैक्स क्रेडिट मिल जाता था जो जीरो GST पर नहीं मिलने वाला.
अब आगे क्या...?
यदि सरकार ने प्रीमियम पर GST जीरो किया तो कंपनियां अलग-अलग खर्च पर लगने वाले GST का भार कम करने के लिए प्रीमियम बढ़ा सकती हैं. जिससे आम आदमी को GST जीरो या 5 फीसदी का फायदा न के बराबर या बेहद मामूली हो सकता है.
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