अक्सर कर्ज लेते समय लोग ये सोचते हैं कि ठीक है चुका देंगे. कब वे खर्च के दबाव में दबते चले जाते हैं, उन्हें पता भी नहीं चल पाता. कर्ज चुकाने के लिए दूसरे कर्ज लेने पड़ते हैं और लगातार आर्थिक दबाव में सही फैसले नहीं ले पाते हैं. ऐसा ही हाल मोहन (काल्पनिक) का भी है. मोहन एक निजी कंपनी में काम करते हैं. उनकी मासिक सैलरी टेक होम 80,000 रुपए है. उन्होंने बैंक से 5 लाख का कर्ज लिया है. वहीं दोस्तों और रिश्तेदारों से 5 लाख का कर्ज ले चुके हैं जिसे चुका नहीं पा रहे हैं. मोहन कर्ज से परेशान हैं और सटीक फाइनेंशियल प्लानिंग नहीं कर पा रहे हैं.
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ऐसे में हम एक बेहतर फानेंशियल प्लानिंग बताने जा रहे हैं. इस प्लानिंग पर डिसीप्लीनरी वे में चलकर मोहन एक समय बाद कर्ज से मुक्त हो सकते हैं. इसके लिए मोहन को एक व्यवस्थित रणनीति अपनानी होगी. मोहन को ऐसे करना चाहिए अपने मंथली बजट की प्लानिंग...
बजट और खर्चों का रिव्यू करें
- सबसे पहले एक मासिक बजट बनाएं.
- आवश्यक खर्च (मकान किराया, बच्चों की फीस, घरेलू खर्च, इंश्योरेंस आदि).
- गैर-जरूरी खर्च (घूमना-फिरना, महंगे गैजेट, गैर-जरूरी शॉपिंग).
- अब गैर-जरूरी खर्चों को 20-30 फीसदी तक घटाएं.
- इससे बचे हुए पैसे कर्ज चुकाने में मददगार होंगे.
- ये पैसे किसी जानकार/दोस्त/रिश्तेदार से लिए कर्ज को चुकाने में मददगार होगा.
ऐसे बना सकते हैं मंथली बजट
- राम का मंथली बजट प्लान (80,000 रुपए टेक-होम सैलरी के मुताबिक)
- बैंक की मंथली EMI 10,000 रुपए के मुताबिक.
जरूरी खर्च
- लोन की EMI: ₹10,000
- राशन, किराया, बिल वगैरह: ₹25,000
- पेट्रोल/ट्रांसपोर्ट वगैरह: ₹5,000
- मेडिकल और इमरजेंसी फंड: ₹5,000
- कुल: ₹45,000
कर्ज चुकाने की ये है रणनीति
- अलग-अलग लोगों से लिया ₹5 लाख का कर्ज जल्द से जल्द चुकाना प्राथमिकता होनी चाहिए.
- इसके लिए हर महीने ₹20,000 तक इस कर्ज की अदायगी में लगाने की जरूरत होगी.
- यदि संभव हो तो, बैंक से टॉप-अप लोन लेकर इस व्यक्तिगत कर्ज को चुका सकते हैं, जिससे कम ब्याज दर पर EMI तय होगी.
बचत और निवेश
- इमरजेंसी फंड: ₹5,000 (ताकि भविष्य में कर्ज से बचे रहें)
- SIP/म्यूचुअल फंड: ₹5,000
- EPF/PPF/NPS या अन्य निवेश: ₹5,000
- कुल: ₹15,000
महत्वपूर्ण बात
- दोस्तों और रिश्तेदारों से लिए कर्ज को चुकाने की प्राथमिकता दें.
- हर महीने 25,000 रुपए अलग-अलग लोगों को वापस करें. ये कर्ज 20 महीनों में खत्म हो जाएगा.
- कोशिश करें कि बैंक से कम ब्याज पर लोन लेकर ये पैसे पहली फुर्सत से चुका दें.
- इसके बाद एक फिक्स EMI बनवाकर वे इस पैसे को चुकाते रहें.
- इससे दोस्तों रिश्तेदारों से व्यवहार बना रहेगा और एक मुश्त के लिए दबाव नहीं बनेगा.
- इसके लिए अपने बचत में कटौती न करें.
अतिरिक्त आय के सोर्स भी तलाशें
- ऐसे कर्ज से निपटने और जल्द से जल्द रिलैक्स होने के लिए अतिरिक्त आय के सोर्स भी तलाशने चाहिए. इसके लिए फ्रीलान्सिंग, ओवर टाइम काम कर सकते हैं.
- क्रेडिट कार्ड से लोन न लें, यहां ब्याज की दर बहुत ज्यादा होती है.
- समय पर EMI देकर अपना क्रेडिट स्कोर ठीक रखें ताकि भविष्य में विषम परिस्थिति में बैंक से कर्ज मिल सके.
- बैंक के दरवाजे खुले होने पर दोस्तों/रिश्तेदारों के सामने हाथ नहीं फैलाना पड़ेगा.
- बैंक एकमुश्त कर्ज देने के बाद उसे EMI के रूप में वापस लेगा पर लोगों द्वारा लिए कर्ज को एक मुश्त देने का दबाव रहेगा.
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