Personal Finance: ये 10 आदतें मंथली बजट का बजा देती हैं बैंड, इनकम बढ़ने के बाद भी रहती है तंगी

मंथली खर्च का बजट हमेशा क्यों बिगड़ जाता है? जानिए वो 10 गलत आदतें जो आपकी जेब ढीली कर रही हैं और बचत रोक रही हैं. इनसे बचकर आप अपना फाइनेंशियल प्लान मजबूत बना सकते हैं.

monthly budget tips, save money habits, financial mistakes India, personal finance guide, money saving tips, मंथली बजट
तस्वीर: न्यूज तक.

बृजेश उपाध्याय

• 12:56 PM • 19 Aug 2025

follow google news

आपने अक्सर ऐसा लोगों को कहते देखा होगा कि इनकम बढ़ती है फिर भी पैसे नहीं बढ़ रहे. हो सकता है आप भी इसी समस्या से घिरे हों. इनकम बढ़ती है, उससे पहले ही खर्चे बढ़ जाते हैं. पैसे कहां चले जाते हैं समझ नहीं आता. न सेविंग हो रही है और न ही निवेश हो पा रहा है. ऐसी ही परेशानी से सोहित भी घिरे हुए हैं. सोहित NCR में पत्नी और दो बच्चों के साथ रहते हैं और निजी कंपनी में काम करते हैं. 

Read more!

आज से तीन साल पहले सोहित की सैलरी 70,000 रुपए महीने थी. अब उनकी सैलरी 95 हजार मंथली है. बावजूद इसके पैसे नहीं बच रहे थे और अब भी नहीं बच पा रहे हैं. Personal Finance की इस सीरीज में हम वो 10 आदतें बताने जा रहे हैं जो व्यक्ति को हमेशा तंगहाली में रखते हैं. 

1. बिना बजट प्लानिंग के खर्च

अक्सर देखा जाता है कि लोग बिना प्लानिंग के खर्च करते रहते हैं. वे अपने अकाउंट में पड़े बैलेंस को भी चेक नहीं करते हैं. वे इस बात का रिव्यू नहीं करते हैं कि उनके बकेट में इस महीने के लिए कितने पैसे हैं और उन्हें किन खर्चों को प्रायोरिटी पर रखना है. किन्हें इग्नोर या अगले मंथ के बकेट में डालना है. 

2. छोटे-मोटे खर्चों को अनदेखा करना

कई सिमकार्ड, घर में वाईफाई समेत कई दूसरे OTT के मंथली रिचार्ज, फ्री एप के चक्कर में बड़े मंथली पैक, OTT के रिचार्ज ऑटो मोड पर रखकर भूल जाना. भले ही आप इसका इस्तेमाल नहीं कर पा रहे हों पर ये हर मंथ आपके अकाउंट से ऑटोडेबिट हो जाते हैं. घर के इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को बिना जरूरत चलते छोड़ना और भारी-भरकम बिजली का बिल पे करना जैसी आदते भी मंथली बजट पर असर डालती हैं. 

3. ज्यादा क्रेडिट कार्ड इस्तेमाल

क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करते वक्त सोहित ये नहीं देखते कि जो पैसे अगले महीने क्रेडिट कार्ड के पे होंगे क्या उससे मंथली बजट बिगड़ेगा? कई बार क्रेडिट कार्ड के कर्ज ही हर महीने कुछ न कुछ बढ़ते जाते हैं. आप इस महीने खर्च कर अगले मंथ पर डाल देते हैं. 

जैसे पहले महीने आपने क्रेडिट कार्ड से 5000 रुपए खर्च किया तो 10 महीने बाद ये रकम बढ़कर 25000 रुपए तक पहुंच जाती है. यानी अब साल के अंत तक करीब 30,000 रुपए के कर्ज में पहुंच जाते हैं. ध्यान न देने पर ये रकम और बड़ी हो सकती है. 

4. बिना प्रॉपर कैलकुलेशन के लोन लेना

अक्सर लोग घर, कार या महंगे गजेट्स की डील करते समय अपनी सैलरी और फाइनेंशियल कंडीशन को नजरअंदाज कर देते हैं. प्रॉपर्टी या कार के रेट को सैलरी के हिसाब से जज करने के फार्मूले होते हैं. जैसे घर खरीदना हो Home loan फार्मूला आपको बताएगा कि आपके घर का मैक्सिमम बजट कितना हो सकता है. वहीं कार खरीदनी हो तो Car loan फार्मूला बताएगा आप कितनी महंगी या नई या सेकेंड हैंड कार ले सकते हैं. 

5. सेविंग्स को आखिरी प्राथमिकता देना

ज्यादातर लोग पहले खर्च करते हैं और फिर बचत करते हैं. सोचते हैं पहले महीना निकल जाए. यदि पैसे बचेंगे तो सेविंग में डाल दूंगा. पर ऐसा होता नहीं है.  सही तरीका ये है कि पहले सेविंग और निवेश करें, फिर खर्च करे.  

6. बार-बार बाहर खाना खाना 

बाहर खाने की आदत भी आपकी सेविंग्स के प्लान की बैंड बजाता है. बार-बार रेस्टोरेंट में महंगे फूड ऑर्डर करना या वहां जाकर खाना, बात-बात पर पार्टी की योजना बनाना जैसी आदतें भी आपके स्वास्थ्य और बजट दोनों पर प्रभाव डालती हैं. कहने को तो ये बड़ी रकम नहीं है पर पूरे महीने में जोड़कर इतना हो जाता है जितना आप SIP वगैरह में निवेश का अपने भविष्य के लिए एक बड़ा फंड जुटा सकते हैं. जैसे सोहित हर महीने ऐसी गतिविधियों पर 3-4 हजार रुपए खर्च करते हैं. यदि वे 4000 महीने SIP में निवेश करे तो 25 साल बाद उसके पास 70 लाख के करीब बड़ा फंड बना सकता है. 

7. कैश फ्लो को ट्रैक न करना 

अक्सर लोग अपने कैश फ्लो को ट्रैक नहीं करते हैं. यदि पिछले महीने पैसे कम पड़ गए जो अगले महीने उसका रिव्यू नहीं करते हैं. ये जानने की कोशिश नहीं करते हैं कि पैसे कहां खर्च हुए और किन खर्चों को रोका जा सकता था. उसकी लर्निंग के साथ अगले महीने का बजट नहीं बनाते हैं. 

8. हेल्थ इश्योरेंस न लेना 

कई लोग ऐसे होते हैं जो हेल्थ इंश्योरेंस को बेवजह समझते हैं. ये एक ऐसा निवेश है जो आपको सुरक्षा देता है. अचानक किसी बीमारी पर बड़ा खर्च आ जाए तो आप कर्ज में चले जाते हैं. आजकल इलाज के खर्चे इतने हैं कि आपको मुसीबत में पड़ सकते हैं. 

9. फिजूल यात्रा और पेट्रोल-डीजल पर अनर्गल खर्च 

फैमिली या दोस्तों के साथ आप अचानक घूमने की योजना बना लेते हैं. उस ट्रिप पर होने वाले खर्च और अपने बजट के साथ ताल-मेल बैठाकर नहीं देखते हैं. आपको हर महीने टूरिज्म के नाम पर एक छोटा अमाउंट निकालना चाहिए. फिर 3 या 6 महीने में एक बजट के हिसाब से ट्रिप प्लान करना चाहिए. बेवजह कार लेकर घूमना, कैब बुक कर कहीं जाना या अचानक ट्रिप प्लान करना भी आपके मंथली बजट की बैंड बजा देता है. 

10. सेल्स और ऑफर का लालच 

अक्सर लोग सेल्स और ऑफर के लालच में महंगी और गैरजरूरी शॉपिंग कर लेते हैं, जो उनकी प्रायोरिटी लिस्ट में नहीं होता है. ऐसी शॉपिंग अक्सर क्रेडिट कार्ड से ही लोग करते हैं. ये उनके कर्ज को बढ़ाते हैं. यदि डेबिट कार्ड या कैश में किया तो उस महीने के बजट गड़बड़ होता है जिसका इम्पैक्ट अगले महीने भी दिखता है. 

यह भी पढ़ें: 

घर खरीदना या किराए पर लेना क्या है सही ? इस पैरामीटर पर परखें, कभी फंसेंगे नहीं
 

    follow google news