नौकरी हो या बिजनेस, हर किसी का सपना होता है एक अपना घर. पर क्या EMI का डर आपको रोक रहा है? 36 साल के आकाश मेट्रो सिटी में एक प्राइवेट कंपनी में काम करते हैं. उनकी सबसे बड़ी चिंता थी- "कहीं EMI की वजह से मेरी मंथली जिंदगी पर बोझ न आ जाए!" लेकिन थोड़ी सी फाइनेंशियल समझदारी और सही प्लानिंग से आकाश ने इस डर को हरा दिया.
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घर खरीदने से पहले क्या सोचें?
विक्टर की मंथली टेक होम सैलरी है ₹80,000 और सालाना इनकम ₹9.60 लाख है. वे कितने तक की प्रॉपर्टी खरीदें जिससे उनके ऊपर EMI का बड़ा बोझ न पड़े और दैनिक जीवन भी बिना किसी टेंशन के चलता रहे. पैसों की इतनी कमी न हो कि रोजमर्रा के जीवन में उन्हें दूसरे कर्ज लेने पड़ें.
पहले ये फार्मूला लगाए
आकाश ने सबसे पहले अपनी मंथली टेक होम पर एक फॉर्मूला लगाया. वो है सैलरी का 4 गुना. इसे 5 गुना भी कर सकते हैं. आकाश ने अपने घर का बजट सैलरी के 5 गुना रखा. यानी आकाश ने 40 लाख के फ्लैट का चुनाव किया.
घर का लोकेशन और EMI भी महत्वपूर्ण
आकाश ने केवल बजट ही नहीं बनाया बल्कि घर का लोकेशन भी एक पैरामीटर पर परखा. देखें:
- स्कूल, अस्पताल, बाजार पास में.
- सड़क कनेक्टिविटी शानदार हो.
- भविष्य में रेंटल वैल्यू भी अच्छी हो.
EMI के लिए ये फार्मूला सटीक
आकाश के सामने ये चुनौती थी कि उन्हें अपनी EMI कितनी रखनी चाहिए जो बजट के हिसाब से सटीक हो. मासिक बजट पर बड़ा इम्पैक्ट न डालता हो. इसके लिए सही रेंज है सैलरी का 35-40% EMI रख सकते हैं. यही काम आकाश ने किया. उनके पास डॉऊन पेमेंट के लिए ₹20 लाख तैयार थे. उन्होंने ₹28 लाख का लोन 15 साल के लिए लिया. EMI बनी ₹26,600 प्रति माह, जो उनकी सैलरी का लगभग 33.25% है.
अब लोन के लिए CIBIL भी चेक करना जरूरी
जब आकाश लोन लेने बैंक गए तो उनका CIBIL स्कोर चेक किया गया. अब सवाल ये आया कि होम लोन लेने के लिए आइडियल सिबिल स्कोर कितना होना चाहिए, जिसस कम ब्याज दर पर लोन मिले. आकाश का सिबिल स्कोर 750+ था. ऐसे में बैंक से कम ब्याज दर पर लोन दे दिया.
इमर्जेंसी फंड की भी तैयारी की
आकाश को जॉब इनसिक्योरिटी भी थी. आजकल के दौर में प्राइवेट सेक्टर में ये डर सभी को रहता है. इसलिए उन्होंने 6 महीने की EMI यानी ₹1.60 लाख का इमर्जेंसी फंड पहले ही तैयार किया. और बेहतर सुरक्षा के लिए उन्होंने इसे ₹3.20 लाख (1 साल) तक बढ़ाने की योजना बनाई.
आकाश का मंथली बजट
खर्च का प्रकार | राशि |
EMI | 26600 |
घर का जरूरी खर्च | 20000 |
बिजली, पानी, गैस | 3000 |
मोबाइल इंटरनेट | 2000 |
हेल्थ/इंश्योरेंस/मनोरंजन | 8000 |
ट्रांसपोर्ट | 3000 |
इमर्जेंसी फंड | 8000 |
बचत/निवेश | 10000 |
सैलरी टेक होम (80,000) | 80,000 |
EMI देने के बाद भी विक्टर हर महीने ₹10,000 की बचत और ₹8,000 का इमर्जेंसी फंड (सेविंग) कर पा रहे हैं. ये पैसा आगे चलकर लॉन्ग टर्म SIP, गोल्ड या म्यूचुअल फंड में लगाया जा सकता है.
निष्कर्ष
सपनों का घर लेना डर का सौदा नहीं, प्लानिंग का खेल है. अगर आप सैलरी, EMI और इमर्जेंसी फंड की सही प्लानिंग कर लें- तो बिना टेंशन के घर भी ले सकते हैं और बाकी खर्च भी संभाल सकते हैं.
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