PLI Yugal Suraksha Scheme: एक प्रीमियम पर पति-पत्नी दोनों का 50 लाख का बीमा और सरकार की फुल गारंटी भी, जानें डिटेल

युगल सुरक्षा योजना (Yugal Suraksha) पोस्टल लाइफ इंश्योरेंस की पति-पत्नी के लिए संयुक्त जीवन बीमा पॉलिसी है. इसमें कम प्रीमियम पर उच्च बोनस और सरकारी गारंटी के साथ जीवन सुरक्षा मिलती है.

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तस्वीर: न्यूज तक.

बृजेश उपाध्याय

04 Aug 2025 (अपडेटेड: 04 Aug 2025, 12:44 PM)

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बात जब इंश्योरेंस की आती है तो तमाम योजनाओं के बीच कन्फ्यूजन बढ़ना लाजिमी है. उसमें भी कपल को अलग-अलग बीमा कराना पड़ता है और प्रीमियम भी अलग-अलग जाता है. 'प्यार साझा हो सकता है तो जीवन बीमा क्यों नहीं?' कुछ इसी सोच के साथ इंडिया पोस्ट ने ये अपनी खास बीमा योजना युगल सुरक्षा लॉन्च की थी. 

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पहले ये बीमा योजना गर्वनमेंट और सेमी गर्वनमेंट वालों तक सीमित थी. अब इसका दायरा बढ़ा दिया गया है. अब ये ग्रामीण इलाकों तक किसान-मजदूरों तक के लिए भी उपलब्ध है. Personal Finance की इस सीरीज में इंडिया पोस्ट की सरकार द्वारा समर्थित  और Ministry of Communications (Department of Posts) द्वारा संचालित पर्सनल लाइफ इंश्योरेंस (PLI) की पूरी डिटेल बताने जा रहे हैं. 

भारत की सबसे पुरानी जीवन बीमा योजना है

PLI भारत की सबसे पुरानी जीवन बीमा योजना है. 1 फरवरी 1984 पोस्टल कर्मचारियों के लिए ये शुरू की गई थी. फिर 1888 में टेलीग्रॉफ विभाग में भी इसे इंट्रोड्यूज किया गया. पीएलआई ने तत्कालीन पी एंड टी विभाग की महिला कर्मचारियों को 1894 में बीमा कवर देना शुरू किया, जब कोई अन्य बीमा कंपनी महिलाओं के जीवन को कवर नहीं करती थी. 

खास बातें 

  • ये स्कीम कम प्रीमियम में अधिक बोनस देती है. 
  • 3 साल बाद इसपर लोन पर भी लेने की सुविधा है. 
  • इसके पति या पत्नी में से कोई एक PLI के पात्र होने चाहिए. 
  • युगल सुरक्षा योजना में न्यूनतम कवर राशि 20000 होनी चाहिए.
  • अधिकत बीमित राशि 50 लाख होगी. 
  • दंपत्ति की आयु 21 वर्ष से 45 वर्ष के बीच होनी चाहिए।
  • वरिष्ठ पॉलिसीधारक की अधिकतम आयु 45 वर्ष से अधिक न हो.  
  • पॉलिसी की न्यूनतम अवधि 5 वर्ष और अधिकतम 20 वर्ष होनी चाहिए. 
  • 3 साल के बाद पॉलिसी सरेंडर भी कर सकते हैं. 
  • 5 साल पूरे होने से पहले सरेंडर करने पर बोनस नहीं मिलता है. 
  • बोनस- प्रति वर्ष ₹ 1000 बीमित राशि पर ₹ 52 रुपए है. 

पॉलिसी को समय से पहले सरेंडर करने पर...

अगर आप पॉलिसी को समय से पहले सरेंडर कर देते हैं, तो आपको पूरी रकम पर नहीं बल्कि जितनी बीमा राशि बनी है, उस पर हिसाब लगाकर बोनस दिया जाता है. 

जीवन क्षति पर पॉलिसी बनेगी सहारा

  • पॉलिसी धारक पति या पत्नी में किसी के जीवन क्षति पर दूसरे को डेथ बेनिफिट मिलता है. 
  • इसमें बीमा राशि और अर्जित बोनस दिया जाता है. 

योग्यता

  • केंद्रीय सरकार के कर्मचारी
  • राज्य सरकार के कर्मचारी
  • रक्षा सेवाओं (Defence Services) के कर्मचारी
  • अर्धसैनिक बल (Para Military Forces) के कर्मचारी
  • स्थानीय निकाय (Local Bodies) के कर्मचारी
  • सरकारी सहायता प्राप्त शैक्षणिक संस्थान (Government-aided Educational Institutions) के कर्मचारी.
  • भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) के कर्मचारी
  • सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम (PSU – Public Sector Undertakings) के कर्मचारी
  • वित्तीय संस्थान (Financial Institutions) के कर्मचारी
  • राष्ट्रीयकृत बैंक (Nationalized Banks) के कर्मचारी
  • स्वायत्त संस्थान (Autonomous Bodies) के कर्मचारी
  • डाक विभाग के अतिरिक्त विभागीय एजेंट (Extra Departmental Agents)
  • केंद्रीय/राज्य सरकार द्वारा अनुबंध (Contract Basis) पर नियुक्त कर्मचारी, बशर्ते अनुबंध बढ़ाया जा सकता हो
  • सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों (Scheduled Commercial Banks) के कर्मचारी
  • क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी और अन्य सहकारी सोसायटी (जो केंद्रीय/राज्य सरकार, RBI, SBI, NABARD या राष्ट्रीयकृत बैंकों द्वारा आंशिक या पूर्ण रूप से फंडेड हों और सरकार द्वारा अधिसूचित हों) इनके कर्मचारी. 
  • डीम्ड यूनिवर्सिटी और मान्यता प्राप्त निकायों (NAAC, AICTE, MCI आदि) से मान्यता प्राप्त शैक्षणिक संस्थानों के कर्मचारी
  • सभी प्राइवेट शैक्षणिक संस्थानों/स्कूलों/कॉलेजों (शिक्षक और गैर-शिक्षक कर्मचारी), जो CBSE, ICSE, राज्य बोर्ड, ओपन स्कूल आदि से मान्यता प्राप्त हों

प्रोफेशनल्स

  • डॉक्टर (Government/Private Hospitals में कार्यरत या PG डिग्री कर रहे)
  • इंजीनियर (GATE पास करने के बाद Master’s/PG कर रहे भी पात्र)
  • मैनेजमेंट कंसल्टेंट्स
  • चार्टर्ड अकाउंटेंट्स (ICAI से रजिस्टर्ड)
  • आर्किटेक्ट्स
  • वकील (Bar Council of India/States से रजिस्टर्ड)
  • बैंकर (राष्ट्रीयकृत बैंक, विदेशी बैंक, RRBs, Scheduled Banks, Private Sector Banks आदि में कार्यरत)
  • NSE (National Stock Exchange) और BSE (Bombay Stock Exchange) में सूचीबद्ध कंपनियों के कर्मचारी
  • IT, बैंकिंग और फाइनेंस
  • हेल्थकेयर/फार्मा
  • ऊर्जा/पावर
  • टेलीकॉम
  • इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर

शर्त

कर्मचारी PF/ग्रेच्युटी में कवर हों और उनकी लीव रिकॉर्ड संस्था द्वारा मेंटेन हो.  कुल मिलाकर PLI केवल सरकारी कर्मचारियों तक सीमित नहीं है. 

कैसे तय होता प्रीमियम

अक्सर ऐसा देखा जाता है कि पति-पत्नी की उम्र में अंतर होता है. ऐसे में उनका एक्विवेलेंट एज निकालना होता है. यदि पति-पत्नी की उम्र में अंतर एक साल है तो मान 1 जुड़ेगा. यदि 5 साल का अंतर है तो 3 जुड़ेगा और यदि 10 साल का अंतर है तो 6 जुड़ेगा. यदि 20 साल का फर्क है तो 14 जुड़ेगा. यदि 24 साल का फर्क है तो अपवाद ही होता है तो 24 जुड़ेगा. 

मान लीजिए की अखिलेश की उम्र 32 साल और सीमा की उम्र 27 साल है. ऐसे में दोनों एक्विवेलेंट एज होगा-सीमा की उम्र में 3 का जोड़. यानी 30 साल. अब माना कि दोनों ने 50 लाख बीमा को चुना. ऐसे में उन्हें 21,004 रुपये प्रति माह का प्रीमियम चुकाना होगा. 

निष्कर्ष

कई बार पति-पत्नी अलग-अलग बीमा कराते हैं. वे अलग-अलग उसकी किस्त भरते हैं. कई बार दोनों की बीमा के टर्म्स एंड कंडीशंस भी अलग-अलग होते हैं. अलग-अलग कागजी कार्यवाही भी करनी पड़ती है. वहीं युगल सुरक्षा बीमा योजना से एक बीमा और एक प्रीमियम पर पति-पत्नी दोनों कवर होते हैं. 

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