RBI Repo rate News: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने आज आम लोगों को बड़ी राहत देते हुए रेपो रेट में 25 बेसिस प्वॉइंट्स यानी 0.25% की कटौती की है. इससे अब यह दर 6.25 फीसदी से घटकर 6 फीसदी हो गई है. बता दें कि इस साल अब तक आरबीआई रेपो रेट (RBI Repo rate) में 0.50 फीसदी की कटौती कर चुका है. इसके साथ ही आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने वित्त वर्ष 2026 (FY26) के लिए देश की जीडीपी ग्रोथ रेट और महंगाई दर को लेकर नए अनुमान जारी किया है.
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कटौती का होम लोन की EMI पर असर!
आरबीआई के गवर्नर संजय मल्होत्रा के रेपो रेट में 0.25 फीसदी घटाने के बाद से होम लोन और ऑटो लोन सस्ते हो सकते हैं. हालांकि, इसका लाभ सिर्फ उन्हीं लोगों को मिलेगा, जिन्होंने लोन फ्लोटिंग रेट पर लिया है.
स्टॉक मार्केट में कोई हलचल नहीं
RBI के इस ऐलान के बाद शेयर बाजार पर इसका कुछ खास हलचल नहीं दिखी. हालांकि, बाजार में बिकवाली को लेकर दबाव बना हुआ है. रेपो रेट के कम होने का बाजार पर कोई खास असर नहीं पड़ा. जानकारों का मानन है कि ऐसा इसलिए भी हुआ क्योंकि बाजार पहले से ही रेपो रेट को लेकर 0.25 फीसदी का अनुमान लगा चुका था और इसके हिसाब से मार्केट एडजस्टमेंट हो गया था.
अनिश्चितता का आर्थिक ग्रोथ पर प्रभाव
प्रेस कॉन्फ्रेंस में RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा ने बताया कि अनिश्चितता के कारण ग्रोथ प्रभावित होती है. गवर्नर ने कहा कि वैश्विक व्यापार तनाव से ग्लोबल ग्रोथ पर जो असर होगा, उससे घरेलू ग्रोथ भी प्रभावित होगी. उन्होंने बताया कि ऊंचे टैरिफ रेट का एक्सपोर्ट पर नेगेटिव असर पड़ेगा.
इस साल दूसरी बार कटौती
बता दें कि इस साल यानी 2025 में रेपो रेट लगातार दूसरी बार घटाया गया है. RBI ने इससे पहले फरवरी में अपनी मॉनेटरी पॉलिसी (Monetary Policy) में रेपो रेट में 25 बेसिस प्वाइंट्स की कमी का घोषणा की थी. 2025 में आरबीआई के द्वारा अब तक रेपो रेट में 0.50 फीसदी की कटौती की जा चुकी है. ऐसे में यह 6.50 फीसदी से कम होकर 6 फीसदी पर आ गई है.
FY26 में 6.5% जीडीपी ग्रोथ रेट का अनुमान
भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक के दौरान गवर्नर संजय मल्होत्रा ने वित्त वर्ष 2026 (FY26) के लिए देश की जीडीपी ग्रोथ रेट को लेकर नया अनुमान जारी किया है. उन्होंने बताया कि इस वर्ष भारत की आर्थिक विकास दर थोड़ी धीमी होकर 6.5 प्रतिशत रह सकती है, जबकि पहले इसका अनुमान 6.7 प्रतिशत था.
तिमाही आधार पर भी अनुमान में बदलाव किया गया है. पहली तिमाही (Q1FY26) में ग्रोथ रेट 6.7% से घटाकर 6.5% कर दी गई है, जबकि दूसरी तिमाही (Q2FY26) का अनुमान 7.0% से घटाकर 6.7% किया गया है. तीसरी तिमाही (Q3FY26) में मामूली बढ़त के साथ यह 6.5% से बढ़ाकर 6.6% कर दिया गया है, वहीं चौथी तिमाही (Q4FY26) में यह 6.5% से घटाकर 6.3% कर दी गई है. कुल मिलाकर, आरबीआई ने FY26 में देश की जीडीपी ग्रोथ में थोड़ी नरमी आने की संभावना जताई है.
महंगाई दर को लेकर आरबीआई का अनुमान
भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक में गवर्नर संजय मल्होत्रा ने महंगाई दर को लेकर नए अनुमान जारी किए हैं. उन्होंने बताया कि वित्त वर्ष 2026 (FY26) में देश की औसत महंगाई दर घटकर 4 प्रतिशत रह सकती है, जबकि पहले इसका अनुमान 4.2 प्रतिशत लगाया गया था. तिमाही आधार पर बात करें तो पहली तिमाही (Q1FY26) में महंगाई दर 4.5% से घटाकर 3.6% कर दी गई है.
दूसरी तिमाही (Q2FY26) का अनुमान 4.0% से घटकर 3.9% किया गया है. तीसरी तिमाही (Q3FY26) का अनुमान पहले की तरह 3.8% पर बरकरार है, जबकि चौथी तिमाही (Q4FY26) में महंगाई दर बढ़कर 4.4% रहने का अनुमान जताया गया है, जो पहले 4.2% था. कुल मिलाकर, आरबीआई को उम्मीद है कि आने वाले समय में महंगाई पर नियंत्रण बना रहेगा और यह औसतन 4% के स्तर पर टिकेगी.
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