छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बीजापुर जिले में पुलिस और सुरक्षा बलों को बड़ी सफलता मिली है. जिले में 103 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा में लौटने का रास्ता चुना है. आत्मसमर्पण करने वालों में 80 पुरुष और 23 महिलाएं शामिल हैं.
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खास बात ये है कि सरेंडर करने वालों में कई बड़े नक्सली नेता भी हैं, जिन पर भारी इनाम घोषित था. कुल 49 नक्सलियों पर कुल मिलाकर 1 करोड़ 06 लाख 30 हजार रुपये का इनाम घोषित था.
कई पुलिस अधिकारी रहें मौजूद
इन नक्सलियों ने बीजापुर के पुलिस अधीक्षक (SP) और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के सामने हथियार डाले. इस दौरान IRB की 4वीं बटालियन के कमांडेंट, CRPF की 85वीं बटालियन के कमांडेंट और कई पुलिस अधिकारी भी मौजूद रहे.
पुलिस के अनुसार, आत्मसमर्पण करने वाले नक्सली दंडकारण्य विशेष जनताना सरकार, पीपुल्स कांग्रेस, ACM, DVCM, जनताना सरकार सदस्य, मिलिशिया प्लाटून, जनमिलिशिया, CNM, KAMS और DAKMS जैसे फ्रंटल संगठनों से जुड़े थे. सरकार की आत्मसमर्पण नीति के तहत इन सभी को 50-50 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि दी गई है.
अमित शाह के बस्तर दौरे से पहले बड़ी कार्रवाई
यह आत्मसमर्पण गृहमंत्री अमित शाह के बस्तर दौरे से ठीक पहले हुआ है, जिसे सरकार और सुरक्षा एजेंसियों के लिए एक बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है.
लगातार कमजोर हो रहा है नक्सल नेटवर्क
बीजापुर पुलिस ने जानकारी दी है कि 1 जनवरी 2024 से अब तक जिले में 924 नक्सली गिरफ्तार किए जा चुके हैं, 599 ने आत्मसमर्पण किया है और 195 नक्सली मुठभेड़ में मारे गए हैं. ये आंकड़े इस बात का साफ संकेत हैं कि नक्सलियों का मनोबल लगातार टूट रहा है और वे अब हिंसा छोड़कर समाज की मुख्यधारा से जुड़ना चाहते हैं.
विकास और भरोसे की जीत
पुलिस और प्रशासन का कहना है कि लगातार हो रही विकास गतिविधियां, गांव-गांव तक पहुंच रही योजनाएं और सुरक्षा बलों की सख्त कार्रवाई ने नक्सलियों को आत्मसमर्पण के लिए मजबूर किया है. बीजापुर जिले में यह आत्मसमर्पण अभियान आने वाले समय में और नक्सलियों को मुख्यधारा से जोड़ने की उम्मीद जगा रहा है.
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