छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले के भिलाई स्टील प्लांट परिसर स्थित मैत्रीबाग जू में सफेद बाघों के परिवार से एक सदस्य कम हो गया है. यहां सुबह के समय केज में जया नामक एक बाघिन मरी हुई मिली. इससे जू में मौजूद कर्मचारियों के बीच हड़कंप मच गया. घटना की जानकारी तुरंत उच्चाधिकारियों को दी गई. इसके बाद दुर्ग वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और स्थिति का जायजा लिया.
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वन विभाग के अधिकारियों ने अंदेशा जाताया है कि बाघ मौत उसके पेट में इंफेक्शन की वजह से हुई है. हालांकि, उन्होंने कहा कि मौत का सही कारण पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आने के बाद ही पता चल पाएगा. वहीं, दोपहर के समय दुर्ग डीएफओ की मौजूदगी में बाघिन का पोस्टमार्टम करा दिया गया. इसके बाद में उसका अंतिम संस्कार मैत्रीबाग परिसर में किया गया.
जंगल सफारी रायपुर से लाई गई थी जया
बताया जा रहा है कि 10 साल की जया को डेढ़ साल पहले रायपुर के जंगल सफारी से मैत्रीबाग में लाया गया गया था. विशेषज्ञों का मानना है कि सफेद बाघ काफी संवेदनशील प्रजाति के होते है और मौसम बदलने पर उनकाे विशेष देखभाल की जरूरत होती है. ऐसे में ठंड बढ़ने के बाद जू प्रबंधन ने उनकी डाइट और गर्माहट की व्यवस्था में विशेष सावधानी बरतनी शुरू कर दी थी.
मैत्रीबाग में सफेद बाघों की संख्या घटी
आपको बता दें कि मैत्रीबाग सफेद बाघों के संरक्षण केन्द्र के रूप में देशभर में प्रसिद्ध है. वर्ष 1990 में ओडिशा के नंदनकानन जू से यहां सफेद बाघों की पहली जोड़ी लाई गई थी. इसके बाद इनकी संख्या बढ़कर 19 तक पहुंच गई थी. इनमें से कई बाघों को गुजरात, यूपी, झारखंड, मध्यप्रदेश और रायपुर भेजा जा चुका है. जया की मौत के बाद अब मैत्रीबाग जू में सफेद बाघों की संख्या घटकर 5 रह गई है.
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