Chhattisgarh liquor scam: छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बड़ा कदम उठाते हुए पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल को गिरफ्तार किया है. यह कार्रवाई 18 जुलाई 2025 को धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के तहत की गई. चैतन्य को रायपुर के विशेष पीएमएलए कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें 22 जुलाई 2025 तक पांच दिनों की ईडी हिरासत में भेज दिया गया. आइए, जानते हैं चैतन्य पर क्या है आरोप और विस्तार से समझते है इस पूरी कहानी को.
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शराब घोटाले का पर्दाफाश
ईडी ने छत्तीसगढ़ में 2019 से 2022 के बीच हुए कथित शराब घोटाले की जांच शुरू की थी. यह जांच रायपुर की एसीबी/ईओडब्ल्यू द्वारा दर्ज प्राथमिकी पर आधारित थी, जिसमें भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं का उल्लंघन पाया गया.
जांच में सामने आया कि इस घोटाले से राज्य के खजाने को 2500 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ. इस दौरान आपराधिक गतिविधियों से अर्जित धन (प्रोसीड्स ऑफ क्राइम- पीओसी) ने कई लोगों की जेबें भरीं.
चैतन्य बघेल पर क्या हैं आरोप?
ईडी की जांच में पता चला कि चैतन्य बघेल को शराब घोटाले से 16.70 करोड़ रुपये की आपराधिक आय प्राप्त हुई थी. उन्होंने इस धन को अपनी रियल एस्टेट फर्मों के जरिए मिलाने (लॉन्ड्रिंग) का काम किया. इस राशि का इस्तेमाल उनकी रियल एस्टेट परियोजनाओं, खासकर "विट्ठलपुरम प्रोजेक्ट" में किया गया. ईडी का दावा है कि चैतन्य ने ठेकेदारों को नकद भुगतान और बैंक प्रविष्टियों के जरिए इस धन का उपयोग किया.
इसके अलावा, चैतन्य ने त्रिलोक सिंह ढिल्लों के साथ मिलकर एक सुनियोजित योजना के तहत 5 करोड़ रुपये अप्रत्यक्ष रूप से हासिल किए. यह राशि उनके प्रोजेक्ट में फ्लैट खरीदने की आड़ में ली गई थी. बैंकिंग रिकॉर्ड्स से पता चला कि त्रिलोक सिंह ढिल्लों को उसी दौरान शराब सिंडिकेट से उनके खातों में भुगतान मिला था.
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1000 करोड़ रुपये से अधिक की आपराधिक आय का खेल
ईडी ने यह भी खुलासा किया कि चैतन्य बघेल पर शराब घोटाले से उत्पन्न 1000 करोड़ रुपये से अधिक की आपराधिक आय को संभालने का आरोप है. वह अनवर ढेबर और अन्य लोगों के साथ मिलकर छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के तत्कालीन कोषाध्यक्ष को यह धन हस्तांतरित करते थे. इस धनराशि को बघेल परिवार के करीबी सहयोगियों को निवेश के लिए सौंपा गया, जिसकी जांच अभी जारी है.
पहले भी हो चुकी हैं गिरफ्तारियां
इस मामले में ईडी पहले ही कई बड़े नामों को गिरफ्तार कर चुकी है, जिनमें पूर्व आईएएस अनिल टुटेजा, अरविंद सिंह, त्रिलोक सिंह ढिल्लों, अनवर ढेबर, अरुण पति त्रिपाठी (आईटीएस) और तत्कालीन आबकारी मंत्री कवासी लखमा शामिल हैं. इन गिरफ्तारियों ने छत्तीसगढ़ की सियासत में भूचाल ला दिया है.
भूपेश बघेल का जवाब
चैतन्य की गिरफ्तारी पर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कड़ा रुख अपनाया है. उन्होंने कहा, "ईडी और ईओडब्ल्यू उन लोगों को धमका रहे हैं, जिन्होंने पहले ही कोर्ट में बयान दे दिए हैं. उनका एकमात्र निशाना मैं और मेरा बेटा हैं. ईडी सिर्फ कहानियां गढ़ रही है." उन्होंने यह भी बताया कि चैतन्य की गिरफ्तारी के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी सहित कई नेताओं ने उनसे संपर्क किया और समर्थन जताया.
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