छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में एक हृदय विदारक घटना ने पूरे इलाके को स्तब्ध कर दिया है. नंदनी थाना क्षेत्र के भिलाई इस्पात संयंत्र (बीएसपी) टाउनशिप में एक मां ने अपनी सात वर्षीय बेटी के साथ घर के भीतर ही आत्मदाह कर लिया. इस दर्दनाक मंजर ने न सिर्फ पड़ोसियों को हिला दिया है, बल्कि कई अनसुलझे सवाल भी छोड़ दिए हैं.
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घटना सोमवार सुबह की है, जब 35 वर्षीय जागेश्वरी साहू अपनी बेटी दिव्यांशी के साथ घर में अकेली थीं. उनके पिता सुबह की सैर पर निकले हुए थे. बताया जाता है कि सुबह करीब 6 बजे अचानक घर से धुआं उठने लगा. जब पिता वापस लौटे और घर से धुआं निकलता देखा, तो उनके होश उड़ गए. उन्होंने तुरंत पड़ोसियों को मदद के लिए बुलाया. स्थानीय लोगों की मदद से जब घर का दरवाजा तोड़ा गया, तो अंदर का दृश्य बेहद भयावह था. मां-बेटी के अधजले शव कमरे के भीतर पड़े थे.
कमरे का दरवाजा अंदर से था बंद
सूचना मिलते ही नंदनी थाना पुलिस मौके पर पहुंची और जांच शुरू की. पुलिस के अनुसार, कमरे का दरवाजा अंदर से बंद था, जिससे यह मामला प्रथम दृष्टया आत्महत्या का लग रहा है. हालांकि, मौके से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है, जो जांच को और जटिल बना रहा है. शवों को पोस्टमार्टम के लिए मेडिकल कॉलेज कचंदूर भेज दिया गया है.
पड़ोसियों और स्थानीय लोगों से मिली जानकारी के अनुसार, जागेश्वरी साहू पिछले चार-पांच वर्षों से अपने पति रामकृष्ण साहू से अलग रह रही थीं. पति-पत्नी के बीच तलाक का मामला धमतरी जिला न्यायालय में लंबित था. बताया जा रहा है कि पारिवारिक विवाद और तनाव ही इस दुखद कदम की वजह हो सकते हैं. एएसपी पद्मश्री तवर ने बताया कि पुलिस सभी पहलुओं से जांच कर रही है कि यह वास्तव में आत्महत्या है या इसके पीछे कोई और वजह है.
बंद दरवाजे के पीछे छिपी कहानी
इस शांत स्वभाव वाले परिवार के साथ घटी इस त्रासदी ने पूरे मोहल्ले में शोक की लहर फैला दी है. हर कोई इस घटना से सदमे में है और इस दुखद अंत के कारणों को समझने की कोशिश कर रहा है. बंद दरवाजे के पीछे छिपी इस दर्दनाक कहानी ने पूरे दुर्ग को झकझोर कर रख दिया है.
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