राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में फैले प्रदूषण को कम करने के लिए दिल्ली सरकार का क्लाउड सीडिंग(आर्टिफिशियल रेन) कराने का प्लान पूरी तरह से फेल हो गया है. इसके फेल होती है राजनीति अपनी चरम पर आ गई और आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने रेखा सरकार पर जमकर निशाना साधना शुरू कर दिया है. अरविंद केजरीवाल ने इस सरकार को ही फेल बताया तो सौरभ भारद्वाज ने क्लाउड सीडिंग नहीं होने पर कटाक्ष करते हुए कहा है कि इंद्र देवता भी बीजेपी सरकार के साथ नहीं हैं. वहीं दिल्ली सरकार में मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि इस पर आप पार्टी की ओर से गलत सियासत की जा रही है.
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अरविंद केजरीवाल ने ट्विट कर साधा निशाना
दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने क्लाउड सीडिंग फेल होने पर सरकार को घेर लिया है. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X(पहले ट्विटर) पर एक पोस्ट लिखा कि "दरअसल इस सरकार के सारे इंजन ही फेल हैं. ये सरकार ही पूरी तरह से फेल है."
यहां देखें पोस्ट
सौरभ भारद्वाज ने किया कटाक्ष
आम आदमी पार्टी यहीं नहीं रुकी और उनके दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष सौरभ भारद्वाज ने एक वीडियो रिकॉर्ड कर आर्टिफिशियल रेन न होने पर जमकर कटाक्ष किया. उन्होंने कहा कि इंद्र देवता भी बीजेपी सरकार के साथ नहीं हैं. सौरभ भारद्वाज ने कहा कि,
"जो एक-दो बादल थे वो भी इन्होंने उड़ा दिए. दोस्तों इनके साथ इंद्र देवता भी नहीं हैं, बिल्कुल नहीं है. कल शाम को थोड़ी-थोड़ी बारिश छठ जब लोग बना रहे थे तो हो रही थी. आपने देखा था? थोड़ी सी. इन्होंने सोचा कि बारिश होने वाली है. हम इसके अंदर तड़का मार देते हैं कि हम अपनी आर्टिफिशियल रेन करा रहे हैं. और इन्होंने जब से कहा है कि आर्टिफिशियल रेन हम आज कराएंगे जो बादल थे वो भी चले गए."
भारद्वाज ने कटाक्ष करते हुए कहा कि अब बीजेपी सरकार इंद्र का क्रेडिट चुराकर कहेगी कि उन्होंने बारिश करा दी, "क्योंकि इंद्र कराएंगे वर्षा और सरकार करेगी खर्चा."
मनजिंदर सिंह सिरसा ने किया पलटवार
वहीं बीजेपी नेता और दिल्ली सरकार में मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने AAP के आरोपों पर पलटवार करते हुए कहा कि दिल्ली सरकार के इस प्लान की असफलता पर आम आदमी पार्टी की ओर से की जा रही सियासत गलत है. सिरसा ने साफ कहा कि आम आदमी पार्टी ने कभी क्लाउड सीडिंग के लिए आवश्यक परमिशन अप्लाई ही नहीं की थी.
उन्होंने दावा किया कि आईआईटी कानपुर ने ही सारी परमिशन ली थी, क्योंकि उन्हें इस काम में एक्सपर्टाइज हासिल है. सिरसा ने यह भी जानकारी दी कि आईआईटी कानपुर 50% से कम नमी वाले बादलों पर भी कामयाबी हासिल करने को लेकर आत्मविश्वास से भरी है.
क्या कहते हैं एक्सपर्ट?
यह प्रयोग ऐसे समय में फेल हुआ है जब दिल्ली प्रदूषण के गंभीर स्तर से जूझ रही है और आर्टिफिशियल रेन को अंतिम उपाय के तौर पर देखा जा रहा था. यूनिवर्सिटी ऑफ रीडिंग के रिसर्च साइंटिस्ट डॉ. अक्षय देवरास का मानना है कि क्लाउड सीडिंग के लिए यह समय सही नहीं है. उन्होंने कहा कि यह तकनीक केवल उन्हीं बादलों से बारिश करा सकती है जिनमें पहले से पर्याप्त नमी मौजूद हो. यह साफ आसमान से बारिश नहीं करा सकती.
क्या है क्लाउड सीडिंग?
क्लाउड सीडिंग एक ऐसी तकनीक है जिसमें विमान के जरिए बादलों के भीतर सिल्वर आयोडाइड, सोडियम क्लोराइड या कैल्शियम क्लोराइड जैसे रसायन छोड़े जाते हैं. ये रसायन जलवाष्प को छोटी बूंदों में इकट्ठा होने में मदद करते हैं, जिससे बारिश होती है.
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