जब से दिल्ली में भाजपा की सरकार बनी है, तभी से यहां की राजनीति गरमाई हुई है. आम आदमी पार्टी को जैसे ही कोई मौका मिलता है तो वह पार्टी के पीछे पड़ जाती है और जवाब तलब कर देती है. दिल्ली में भाजपा सरकार बनने के बाद कई तरह बदलाव हुए है. इसी कड़ी में दिल्ली की रेखा सरकार ने एक और ऐतिहासिक फैसला लिया है. रेखा गुप्ता की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में यह फैसला हुआ है कि अब दिल्ली में 13 जिले और 39 सब-डिविजन होंगे.
ADVERTISEMENT
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने इस फैसले के बाद कहा कि, दिल्ली के प्रशासनिक ढांचे को मजबूत करने के लिए यह फैसला सालों से लंबित था, जिसे किसी भी सरकार ने पूरा करने का काम नहीं किया. लेकिन हमारी सरकार ने 10 महीने के भीतर ही इस काम को कर दिखाया है. यह सब पीएम नरेंद्र मोदी जी के सुशासन के विजन के तहत ही हुआ है. रेखा सरकार का यह फैसला लोगों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है कि इस फैसले के पीछे आखिर सरकार की मंशा क्या है? आइए विस्तार से समझते हैं पूरी कहानी.
क्यों लिया गया यह फैसला?
सीएम रेखा गुप्ता ने इस फैसले की वजह खुद ही बताई है. उन्होंने कहा कि, जिला प्रशासन किसी भी शासन का सेंटर पॉइंट होता है और जनता के लिए सरकार की सबसे नजदीकी सीढ़ी है. दिल्ली में जिस तरीके से आबादी बढ़ रही है और डेवलपमेंट हो रहा है तो नागरिकों को किसी भी प्रकार की परेशानी ना हो इसलिए यह फैसला समय ने लेना जरूरी था.
उन्होंने आगे कहा कि, दिल्ली जैसे महानगर में आसानी से सेवाएं मिले, परेशानियों का जल्द समाधान होने के साथ-साथ निगरानी के लिए प्रशासनिक रूप से सशक्त जिलों का गठन जरूरी था. इन्हीं वजहों से अब दिल्ली में 11 की जगह 13 जिले बनाए गए है.
सीमाओं की समस्या भी होगी खत्म
सीएम ने बताया कि, बहुत ही लंबे समय से दिल्ली के राजस्व जिलों की सीमाएं नगर निगम जोन, NDMC और कैंटोनमेंट बोर्ड की सीमाओं से मेल नहीं खाती थी. इसके वजह से सेवा-सुविधा में देरी के साथ-साथ कई परेशानियां होती थी. लेकिन नए फैसले के बाद अब 13 जिलों की सीमाएं पूरी तरह से नगर निगम, NDMC और दिल्ली कैंटोनमेंट बोर्ड की सीमाओं के अनुरूप होगी, जिससे की समस्या खत्म होगी और सही से सुविधाओं का लाभ भी मिलेगा.
जिलों के साथ सब-डिविजन की संख्या भी बढ़ी
इस फैसले में जिलों की संख्या के साथ-साथ सब-डिविजन की संख्या को बढ़ाने की बात सामने आई है. अब 33 की जगह दिल्ली में 39 सब-डिविजन होंगे. इससे संबंधित अधिकारियों पर वर्क लोड कम होगा और नागरिकों का काम जल्द ही होगा.
इसके साथ ही सीएम रेखा गुप्ता ने घोषणा की है कि, दिल्ली के सभी 13 जिलों में आधुनिक मल्टी डिपार्टमेंटल 'मिनी सचिवालय' की भी स्थापना होगी. यहां लोगों को ही एक ही जगह पर राजस्व, एसडीएम, एडीएम, तहसील, उप-पंजीयत ऑफिस समेत कई और सुविधाएं उपलब्ध होंगी.
सब-रजिस्ट्रार कार्यालयों की संख्या भी बढ़ी
मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन को सही और पारदर्शी बनाने के लिए सब-रजिस्ट्रार कार्यालयों की संख्या भी बढ़ा दी गई है. अब राज्य में सब-रजिस्ट्रार कार्यालयों की संख्या 22 से बढ़ाकर 39 हो गई. इससे लैंड रिकॉर्ड मैनेजमेंट और डिजिटलाइजेशन में भी फायदा मिलेगा. साथ ही नागरिकों को अब दूर-दूर जाकर पंजीकरण नहीं कराना पड़ेगा.
नए जिलों से आम जनता को क्या होगा फायदा?
अब जिले की संख्या तो बढ़ गई लेकिन सवाल आता है कि इससे आम जनता को क्या कुछ फायदा मिलेगा? जो आम जनता को निम्नलिखित फायदे मिलेंगे:
- आसानी से समय पर सुविधाएं मिलेगी
- पुलिस और नागरिक के बीच कनेक्शन बढ़ेगा
- समस्याओं का जल्द ही सॉल्यूशन मिलेगा
- अधिकारियों पर लोड कम होने से जनता का काम जल्दी होगा
- सीमाओं को लेकर कंफ्यूजन दूर होगा
- लोगों को साफ होगा कि वे किस एरिया में आते हैं.
साथ ही सीएम ने कहा है कि, दिल्ली की प्रशासनिक व्यवस्था को 21वीं के मुताबिक ढालने के लिए एक ऐतिहासिक कदम है. इससे जनता को भी सीधा लाभ पहुंचेगा.
दिल्ली के नए 13 जिलों के नाम
- South East (दक्षिण-पूर्वी दिल्ली)
- Old Delhi (पुरानी दिल्ली)
- North (उत्तर दिल्ली)
- New Delhi (नई दिल्ली)
- Central (केंद्रीय दिल्ली)
- Central North (मध्य उत्तर दिल्ली)
- South West (दक्षिण-पश्चिम दिल्ली)
- Outer North (बाहरी उत्तर दिल्ली)
- North West (उत्तर-पश्चिम दिल्ली)
- North East (उत्तर-पूर्व दिल्ली)
- East (पूर्व दिल्ली)
- South (दक्षिण दिल्ली)
- West (पश्चिम दिल्ली)
यह खबर भी पढ़ें: Delhi Air Quality: दिल्ली में सांस लेना मुश्किल, आनंद विहार 'सीवियर', जहांगीरपुरी में AQI 400 पार
ADVERTISEMENT

