Delhi Weather Update: दिल्ली में बुधवार को सीजन की सबसे ठंडी सुबह दर्ज होने के बाद गुरुवार 27 नवंबर को भी ठंड का असर जारी रहेगा. भारतीय मौसम विभाग (IMD) के अनुसार राजधानी में आज न्यूनतम तापमान 8–10 डिग्री सेल्सियस के बीच रहने का अनुमान है, जबकि अधिकतम तापमान 23–25 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच सकता है. यानी तापमान में बड़ा बदलाव नहीं होगा, लेकिन सुबह की ठंड पहले से ज्यादा महसूस होगी. IMD ने 27 नवंबर की सुबह के लिए हल्का से मध्यम कोहरा की चेतावनी जारी की है, जिससे सुबह के समय विजिबिलिटी प्रभावित हो सकती है. बुधवार को दिल्ली में आसमान साफ था, लेकिन आज हल्का धुंधलापन बना रहेगा.
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सीजन का सबसे ठंडा दिन
26 नवंबर को दिल्ली का न्यूनतम तापमान 8 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ, जो पिछले तीन साल में नवंबर का सबसे कम तापमान है. यह सामान्य तापमान से लगभग 3.3 डिग्री सेल्सियस कम था. 2022 में नवंबर का सबसे कम तापमान 7.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ था. मौसम विभाग का कहना है कि पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव और साफ आसमान के कारण रात में तेजी से ठंड बढ़ रही है। आने वाले दिनों में सुबह की ठंड और घनी धुंध बढ़ने की संभावना है.
आज कैसा रहेगा?
दिल्ली में 27 नवंबर को ठंड का असर जारी रहेगा. आज राजधानी का न्यूनतम तापमान 8 से 10 डिग्री सेल्सियस के बीच रह सकता है, जबकि दिन का अधिकतम तापमान 23 से 25 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचने का अनुमान है. सुबह के समय हल्का से मध्यम कोहरा छाया रहेगा, जिससे विजिबिलिटी में कमी आ सकती है, जबकि दिन में आसमान साफ रहने की संभावना है. हवा की रफ्तार भी बेहद धीमी रहेगी और उत्तर दिशा से करीब 0 से 10 किमी प्रति घंटे की गति से चलेगी. हवा कमजोर होने के कारण प्रदूषण के कण ऊपर नहीं उठ पाते, इसलिए आज भी दिल्ली में AQI बढ़ने और हवा की गुणवत्ता खराब होने की संभावना बनी हुई है.
लगातार बढ़ रहा प्रदूषण
ठंड के साथ राजधानी की हवा भी लगातार जहरीली बनी हुई है. नवंबर के पूरे महीने में अब तक 20 दिनों से वायु गुणवत्ता 'बहुत खराब'(Very Poor) कैटेगरी में बनी हुई है. बुधवार को दिल्ली के बवाना इलाके में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 382 दर्ज किया गया, जो 'बहुत खराब' स्तर में आता है. विशेषज्ञों के अनुसार, यह लगातार प्रदूषण की दूसरी सबसे लंबी अवधि बन सकती है अगर हालात रविवार तक ऐसे ही बने रहें. इस महीने 6 नवंबर से AQI लगातार 300 से ऊपर दर्ज किया जा रहा है, जो अप्रैल 2019 के बाद पांचवीं सबसे लंबी 'बहुत खराब' वायु गुणवत्ता की अवधि है.
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