Mock Drill in Delhi: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव को देखते हुए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने देशभर में 7 मई को व्यापक सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल आयोजित करने के निर्देश दिए हैं. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में इस मॉक ड्रिल की तैयारियों के तहत सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत कर दिया गया है. दिल्ली पुलिस ने शहर के प्रमुख इलाकों में गश्त बढ़ा दी है और संवेदनशील स्थानों पर विशेष निगरानी शुरू कर दी है.
ADVERTISEMENT
कहां-कहां होगी मॉक ड्रिल?
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में इस मॉक ड्रिल की तैयारियों के तहत सुरक्षा व्यवस्था को अभेद्य कर दिया गया है. दिल्ली-एनसीआर के इलाके जैसे नई दिल्ली, दिल्ली कैंट क्षेत्र और गाजियाबाद में ये मॉक ड्रिल होगा. दिल्ली पुलिस ने शहर के प्रमुख इलाकों, जैसे कनॉट प्लेस, इंडिया गेट, जनपथ, यशवंत पैलेस, गोल मार्केट, पालिका बाजार, खान मार्केट और सरकारी भवनों के आसपास के क्षेत्रों में गश्त बढ़ा दी है. इन स्थानों पर मॉक ड्रिल के दौरान बम निरोधक दस्ते (BDS) और श्वान दस्तों (डॉग स्क्वॉड) की तैनाती होगी, साथ ही एंटी-सैबोटाज जांच (तोड़फोड़-रोधी जांच) भी की जाएगी, ताकि किसी भी संभावित खतरे को रोका जा सके.
दिल्ली में सुरक्षा के कड़े इंतजाम
दिल्ली पुलिस ने 7 मई 2025 को प्रस्तावित मॉक ड्रिल से पहले राष्ट्रीय राजधानी में सुरक्षा व्यवस्था को अभेद्य बनाने के लिए व्यापक कदम उठाए हैं. कनॉट प्लेस, इंडिया गेट, जनपथ जैसे प्रमुख इलाकों में दिन-रात पैदल और मोटरसाइकिल गश्त बढ़ाई गई है, जिसमें विशेष गश्ती दलों की तैनाती की गई है. प्रमुख एंट्री-एग्जिट पॉइंट्स पर वाहनों की बारीकी से जांच हो रही है, जिसमें किराये के वाहनों और बिना पंजीकरण वाले वाहनों पर विशेष निगरानी रखी जा रही है.
घनी आबादी वाले और संवेदनशील स्थानों पर चेकपोस्ट और पिकेट स्थापित किए गए हैं. बीट अधिकारियों को दुकानदारों, निवासियों और स्थानीय संगठनों के साथ संवाद कर सतर्कता बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं, जिससे 'इंटरएक्टिव पुलिसिंग' के जरिए आम लोगों की चिंताओं को प्राथमिकता दी जा रही है. इसके अतिरिक्त, दिल्ली-हरियाणा और दिल्ली-उत्तर प्रदेश सीमाओं पर अर्धसैनिक बलों और दिल्ली पुलिस की तैनाती को भी मजबूत किया गया है, ताकि किसी भी संभावित खतरे को रोका जा सके.
क्या है मॉक ड्रिल और इसका उद्देश्य?
मॉक ड्रिल एक अभ्यास है, जिसका उद्देश्य आपातकालीन स्थिति जैसे आतंकी हमले, युद्ध या प्राकृतिक आपदा के लिए सुरक्षा बलों और नागरिकों को तैयार करना है. 7 मई को होने वाली इस ड्रिल में हवाई हमले की चेतावनी सायरन, ब्लैकआउट उपाय, और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का अभ्यास शामिल होगा. इसका मुख्य लक्ष्य सिविल डिफेंस तंत्र की तैयारियों का आकलन करना और आपात स्थिति में त्वरित प्रतिक्रिया सुनिश्चित करना है.(पूरी डिटेल यहां पढ़ें)
पुलिस अधिकारियों का बयान
पूर्वी जिले के डीसीपी अभिषेक धनिया ने कहा,
"नागरिकों की सुरक्षा और कानून-व्यवस्था बनाए रखना हमारी प्राथमिकता है. हम प्रमुख स्थानों पर वाहनों की गहन जांच कर रहे हैं और नागरिकों से सहयोग की अपील करते हैं."
दक्षिण-पश्चिम जिले के डीसीपी सुरेन्द्र चौधरी ने बताया,
"पैदल गश्त के जरिए हम सामुदायिक पुलिसिंग को मजबूत कर रहे हैं, ताकि लोगों का भरोसा बढ़े और कानून-व्यवस्था बनी रहे."
नागरिकों से अपील
दिल्ली पुलिस ने नागरिकों से अपील की है कि वे मॉक ड्रिल के दौरान घबराएं नहीं और प्रशासन का सहयोग करें. यह ड्रिल केवल तैयारियों का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य आपात स्थिति में सुरक्षा सुनिश्चित करना है.
यह खबर भी पढ़ें: 'War मॉक ड्रिल' में सायरन बजने के अलावा क्या-क्या होगा? क्या करें क्या न करें? जानें सबकुछ
ADVERTISEMENT