Red Fort Blast: कहते हैं जिंदगी कभी भी करवट बदल सकती है कभी ऊंचाइयों पर ले जाती है तो कभी अंधेरों में धकेल देती है. लखनऊ की डॉ. शाहीन शाहिद की कहानी भी कुछ ऐसी ही है. शाहीन, जो कभी मेडिकल कॉलेज की स्टार स्टूडेंट थी, डॉक्टरों के लिए प्रेरणा थी, वही एक दिन आतंक के रास्ते पर चली गई और बन गई जैश-ए-मोहम्मद की महिला कमांडर.
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शाहीन शाहिद का सफर शुरू हुआ प्रयागराज के मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज से. इसी कॉलेज से उसने एमबीबीएस की पढ़ाई की. इसके बाग शाहीन ने फार्माकोलॉजी में एमडी की डिग्री भी हासिल की थी.
साल 2006 में यूपी लोक सेवा आयोग (UPPSC) के जरिए उनका चयन कानपुर मेडिकल कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर के रूप में हुआ. सबकुछ एकदम सही चल रहा था. उसके पास के बेहतरीन करियर था, एक सम्मानजनक पहचान भी थी.
साल 2015 में हुआ तलाक
साल 2015 में उनकी जिंदगी में ऐसा मोड़ आया जिसने सब कुछ बदल दिया. दरअसल इस साल उसका तलाक हो गया. शाहीन के पति महाराष्ट्र के नेत्र रोग विशेषज्ञ थे और उनका नाम है डॉ. जफर हयात. इस तलाक ने शाहीन को भीतर तक तोड़ दिया. इसी दर्द से निकलने के दौरान ही उनकी मुलाकात फरीदाबाद की अल-फलाह यूनिवर्सिटी में पढ़ रहे डॉ. मुजम्मिल शकील से हुई.
शुरुआत में दोनों के बीच दोस्ती का रिश्ता था लेकिन धीरे-धीरे दोनों के बीच नजदीकियां बढ़ीं और शाहीन उस नेटवर्क के संपर्क में आ गईं जिसने उनकी सोच, दिशा और पूरी जिंदगी बदल दी. मुजम्मिल ने ही उन्हें अल-फलाह यूनिवर्सिटी में मेडिकल फैकल्टी की नौकरी दिलाई. यहीं उसकी मुलाकात जैश-ए-मोहम्मद के महिला विंग जमात-उल-मोमिनात से हुई.
एजेंसियों की मानें तो इसी संगठन ने शाहीन को धीरे-धीरे ''महिला कमांडर'' के रूप में तैयार किया. मेडिकल पहचान के सहारे वह दिल्ली-NCR, हरियाणा और जम्मू-कश्मीर के बीच घूमती रहीं और आतंकी नेटवर्क को सुरक्षित रास्ते, फंडिंग और लॉजिस्टिक सपोर्ट मुहैया कराती रही.
भाई के भी शामिल होने का शक
उनका भाई, डॉ. परवेज अंसारी जो लखनऊ के इंटीग्रल मेडिकल कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर था, हाल ही में नौकरी छोड़ चुका था. एटीएस को शक है कि वह भी इसी नेटवर्क से जुड़ा था और शाहीन की मदद से आतंकियों को आर्थिक सहायता और संसाधन उपलब्ध करा रहा था.
11 नवंबर को जब एटीएस और जम्मू-कश्मीर पुलिस की टीम ने लखनऊ के लालबाग स्थित शाहीन के घर पर छापा मारा तो उन्हें वहां कई चौंकाने वाले सुराग मिले. शाहीन के पिता सईद अंसारी हेल्थ डिपार्टमेंट से रिटायर्ड अधिकारी हैं. उन्हें यकीन नहीं हुआ की उनकी बेटी इस तरह के कामों में जुड़ी हुई है. उन्होंने कहा, ''मेरी बेटी टॉपर थी, वो ऐसा नहीं कर सकती. उसने हमेशा मरीजों की सेवा की है.''
कई सबूत हुए बरामद
हालांकि जांच एजेंसियों के पास अब पुख्ता सबूत हैं. जांच के दौरान उन्हें शाहीन की कार से एके-47 राइफल जैसी दिखने वाली किंक्रोब राइफल, पिस्टल और भारी मात्रा में कारतूस मिले हैं. ये सब देखकर अब शक की कोई गुंजाइश नहीं बची.
6 डॉक्टरों की गिरफ्तारी
दिल्ली ब्लास्ट और शाहीन की गिरफ्तारी ने मेडिकल प्रोफेशन में छिपे एक नए आतंकी मॉड्यूल की पोल खोल दी है. अब तक इस नेटवर्क से छह डॉक्टरों की गिरफ्तारी हो चुकी है. जिनका संबंध फरीदाबाद, सहारनपुर और जम्मू-कश्मीर से बताया जा रहा है.
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