क्या इस बार बिहार में प्रशांत किशोर की पार्टी को जीत मिलेगी? खान सर ने दिया इस सवाल का जवाब

प्रशांत किशोर बिना किसी दाग के नई राजनीति की शुरुआत कर रहे हैं, लेकिन बिहार की जातिवादी राजनीति में बदलाव आसान नहीं होगा. खान सर के अनुसार, जब जनता पैसा कमाना और सोच बदलना सीखेगी, तभी असली बदलाव संभव है.

Khan Sir
Khan Sir

न्यूज तक

11 Jul 2025 (अपडेटेड: 11 Jul 2025, 02:03 PM)

follow google news

बिहार की राजनीति में इस समय एक नाम खूब चर्चा में है और वो है प्रशांत किशोर. चुनावी रणनीतिकार से नेता बने प्रशांत किशोर अब खुद राजनीति के मैदान में उतर चुके हैं. उन्होंने साफ कहा है कि शिक्षा, रोजगार और व्यवस्था में बदलाव लाना उनकी प्राथमिकता है. लेकिन क्या उनकी ये बातें वोट में बदलेंगी? क्या इस विधानसभा चुनाव में प्रशांत किशोर की पार्टी जीत कर सत्ता में आ पाएगी? इस सवाल पर बिहार के मशहूर शिक्षक Khan Sir ने अपनी बेबाक राय दी है.

Read more!

इंडिया टुडे के तक चैनल्स के मैनेजिंग एडिटर मिलिंद खांडेकर ने खान सर से बातचीत की. इस इंटरव्यू में उन्होंने बिहार के मुद्दों पर कई सवाल पूछें. वहीं प्रशांत किशोर के सवाल का जवाब देते हुए खान सर कहते हैं,

"प्रशांत किशोर की सबसे बड़ी ताकत यह है कि उनका पिछला कोई राजनीतिक बैकग्राउंड नहीं है. मतलब, अब तक उन पर कोई भ्रष्टाचार या घोटाले का दाग नहीं है. वो पहले सिर्फ सलाहकार और रणनीतिकार के तौर पर काम कर रहे थे. अब जब उन्होंने सीधा राजनीति में कदम रखा है, तो लोग उन्हें शक की निगाह से कम और उम्मीद की नजर से ज़्यादा देख रहे हैं."

बिहार की राजनीति में काम की बात करने वाली पार्टी

खान सर मानते हैं कि प्रशांत किशोर के पास मौका है क्योंकि उन्हें विरासत में कुछ नहीं मिला, वो अपनी मेहनत से आगे बढ़े हैं. लेकिन एक बड़ा सवाल उठता है कि क्या बिहार की मौजूदा जातिवादी राजनीति में कोई ऐसा नेता उभर सकता है जो सिर्फ काम की बात करे?

खान सर ने तंज कसते हुए कहा कि "उस इंसान में अगर कोई कमी निकाली गई, तो बस यही कि वह 'पांडे' है."यानी जाति ही उसकी सबसे बड़ी 'कमजोरी' बताई जा रही है. उन्होंने ये भी कहा कि अगर ISRO का वैज्ञानिक भी यहां से चुनाव लड़ेगा तो लोग उसकी जाति निकाल लेंगे और हरवा देंगे.

बात यहीं नहीं रुकती. खान सर ने बिहार के सामाजिक और सांस्कृतिक हालात पर भी तीखी टिप्पणी की. उन्होंने बताया कि बिहार का माहौल ऐसा बना दिया गया है कि युवा मेहनत और पढ़ाई की बजाय फालतू गानों और YouTube के शो में ही मशगूल हैं.

उनका कहना है कि जब तक बिहार के लोग खुद पैसे कमाना नहीं सीखेंगे, तब तक उनका मानसिक बदलाव नहीं होगा. उन्होंने साफ कहा – "यहां फैक्ट्री इसलिए नहीं लगाई जाती क्योंकि अगर लोग कमाने लगेंगे तो जात-पात से ऊपर उठ जाएंगे."

तो क्या प्रशांत किशोर की पार्टी को जीत मिलेगी?

खान सर सीधे तौर पर जीत या हार की भविष्यवाणी तो नहीं करते, लेकिन इतना जरूर कहते हैं कि अगर बिहार के लोग सच में बदलाव चाहते हैं, तो उन्हें जाति से ऊपर उठकर सोचना होगा. अगर ऐसा हुआ, तो प्रशांत किशोर जैसे नए चेहरे को मौका मिल सकता है.

ये भी पढ़ें: खान सर को किस पार्टी से मिला विधानसभा चुनाव लड़ने का ऑफर, राजनीति में एंट्री के सवाल पर दिया जवाब

    follow google newsfollow whatsapp