NCERT के सिलेबस पर भड़के आर माधवन, बोले- जानता हूं प्रॉब्लम में फंसूंगा फिर भी बोलूंगा, जानें पूरी कहानी

R Madhavan on NCERT: आर माधवन ने NCERT के इतिहास सिलेबस पर सवाल उठाते हुए कहा कि मुगलों पर 8 चैप्टर हैं लेकिन चोल साम्राज्य पर सिर्फ एक. जानिए उनके बयान से जुड़े पूरे विवाद.

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रूपक प्रियदर्शी

• 08:52 PM • 02 May 2025

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आर माधवन की जितनी चर्चा फिल्मों, एक्टिंग से होती है उतनी ही चर्चा देश के बड़े मुद्दों पर बोलने से भी होती है. हर मुद्दे पर टांग नहीं अड़ाते लेकिन जब बोलते हैं तो निर्भीक होकर बिना डरे अपनी राय रखते हैं. इसकी चिंता नहीं करते कि क्या परिणाम होंगे. अब उन्होंने फिर कुछ ऐसा ही बोला हैं जिसकी बड़ी चर्चा हो रही है. चर्चा ऐसे समय शुरू हुई है जब मोदी सरकार पर इतिहास की किताबें बदलने का आरोप लग रहा है.

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NCERT किताबों में इतिहास बदलने के आरोप

National Council of Educational Research and Training (NCERT) टेक्स्ट बुक्स छापने वाली सबसे बड़ी सरकारी संस्था है. यहीं संस्था सिलेबस फाइनल करती है वही स्कूलों, कॉलेजों में पढ़ाया जाता है. उसी के फैक्ट्स सबसे सटीक माने जाते हैं. NCERT किताबें, सिलेबस वही छापती है जो देश की सरकार की लाइन होती है. पुरानी सरकारों के वक्त NCERT की इतिहास की किताबों में मुगलों का इतिहास भरा पड़ा था. मोदी सरकार ने नई किताबें छपवाई तो मुगलों का नामो-निशान मिट रहा है. इसे मुगलों, मुसलमानों के प्रति बीजेपी की लाइन से जोड़ा जा रहा है.

नए सिलेबस से मुगलों के चैप्टर गायब

NCERT ने क्लास 7 के लिए इतिहास की जो नई किताबें छापी हैं उसको लेकर बड़ा विवाद चल रहा है. NCERT ने मुगल साम्राज्य और दिल्ली सल्तनत के चैप्टर्स हटा दिए. नए-नए चैप्टर्स बीजेपी की लाइन पर जोड़े गए. अब महाकुंभ उत्सव, मेक इन इंडिया, बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ के बारे में इतिहास में पढ़ाया जाएगा. जिसकी जैसी राजनीतिक सोच उसी हिसाब से समर्थन या आलोचना कर रहा है.

माधवन ने उठाए सिलेबस पर सवाल

माधवन NCERT के किताबों और सिलेबस पर ही बरसे हैं लेकिन उनका निशाना सिलेबस में किए गए नए बदलावों से कहीं ज्यादा पुराने सिलेबस पर रहा जिसमें मुगलों का कब्जा था. माधवन ने सवाल उठाया कि ये सिलेबस किसने तैयार किया? ये किसका नेरेटिव है? माधवन ने महसूस किया कि जो बोल रहे हैं उस पर विवाद खड़ा होगा. वो प्रॉब्लम में फंस सकते हैं, लेकिन फिर भी अड़ गए कि बोलेंगे जरूर.

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साउथ की उपेक्षा पर उठाया सवाल

न्यूज18 के इंटरव्यू में माधवन दक्षिण भारत के राज्यों, इतिहास और तमिल प्राइड की उपेक्षा को लेकर NCERT पर भड़क गए. आरोप लगाया कि दक्षिणी राज्यों की उपलब्धियों को अक्सर नजर अंदाज कर दिया गया. ब्रिटिश और मुगलों ने करीब 800 साल तक राज किया, लेकिन चोल साम्राज्य 2400 साल पुराना है. सवाल पूछा कि हमारे इतिहास का वो हिस्सा कहां है? क्यों 2400 साल तक राज करने वाले चोल साम्राज्य को एक चैप्टर में समेट दिया? दुनिया की सबसे पुरानी भाषा, संस्कृति होने के बाद भी तमिल के बारे में बताया नहीं जाता.

"इतिहास में मुगलों पर 8 चैप्टर, दक्षिण पर सिर्फ एक"

माधवन ने उस इतिहास का जिक्र किया जिसकी पढ़ाई उन्होंने की थी. कहा कि जब मैंने स्कूल में इतिहास पढ़ी तो मुगलों पर आठ चैप्टर, हड़प्पा-मोहनजोदड़ो सभ्यताओं पर दो, ब्रिटिश शासन-स्वतंत्रता संग्राम पर चार, और दक्षिणी राज्यों - चोल, पांड्य, पल्लव और चोल पर सिर्फ एक चैप्टर था. मुगलों ने इतिहास की किताबों को घेरा हुआ था. पहले के इतिहास के सिलेबस में जैन, हिंदू और बौद्ध धर्म को भी पर्याप्त जगह नहीं मिली.

केसरी 2 पर भी माधवन की खुलकर राय

अक्षय कुमार की फिल्म केसरी भी ऐतिहासिक घटना पर बनी थी. अक्षय कुमार माधवन और अनन्या पांडे को लेकर सीक्वल केसरी 2 लेकर आए जिसकी कहानी 1919 के जलियावाला नरसंहार की नई कहानी पेश करती है. माधवन ने केसरी 2 को इतिहास में बदलाव की तरफ एक कदम बताया है. केसरी 2 को बीजेपी वाले खूब पसंद कर रहे हैं. दिल्ली में स्क्रीनिंग हुई तो बीजेपी के कई बड़े नेता पहुंचे.

बॉलीवुड से लेकर तमिल तक का लंबा सफर

आर माधवन साउथ के ऐसे एक्टर हैं जिन्होंने जितनी पापुलिरिटी तमिल फिल्में करके हासिल की उतनी ही हिंदी फिल्मों से. थ्री इडियट, तनु वेड्स मनु, रंग दे बसंती, रहना है तेरे दिल में उनकी सबसे बड़ी हिंदी फिल्में बनी. हालांकि बहुत पुराने और शानदार एक्टर का टैग लगने के बाद भी माधवन कभी बॉलीवुड के सुपर स्टार नहीं कहलाए. 54 साल के माधवन अब तो हिंदी में ही ताबड़तोड़ काम कर रहे हैं और अलग-अलग मिजाज के किरदार निभा रहे हैं. 2022 के बाद उन्होंने तमिल से कहीं ज्यादा हिंदी में काम किया. द रेलवे मैन, राकेट्री, शैतान, हिसाब बराबर. साथ ही टेस्ट के बाद नया प्रोजेक्ट लाए हैं केसरी 2.

एक्टिंग करियर से पहले ट्रेनर थे माधवन

माधवन उस दौर के एक्टर हैं जब दूरदर्शन पर सीरियल्स का दौर शुरू हुआ था. दूरदर्शन के कई सीरियल्स सी हॉक्स, बनेगी अपनी बात, घर जमाई से एक्टर के तौर पर पहचान बनाई. हिंदी फिल्मों से कहीं आसान हुआ तमिल फिल्मों में घुसना. पहला ब्रेक ही मणिरत्नम जैसे डायरेक्टर ने दिया. तमिल में लॉन्चिंग के साथ ही हिंदी में भी फिल्म "रहना है तेरे दिल में". दोनों इंडस्ट्रीज में हिट के साथ माधवन लॉन्च हुए. तमिल में तो लीड हीरो बन गए लेकिन बॉलीवुड में मेन हीरो नहीं बन सके.

निजी जीवन भी रहा चर्चा में

तमिल ब्राह्मण परिवार के माधवन का जन्म जमशेदपुर में हुआ, पिता रंगनाथन टाटा स्टील में काम करते थे. मां सरोजा बैंक ऑफ इंडिया में मैनेजर थीं. परवरिश और पढ़ाई-लिखाई सब हिंदी भाषी जमशेदपुर में हुई. माधवन पब्लिक स्पीकिंग का कोर्स करने के बाद ट्रेनर बन गए. उसी दौरान उनकी सरिता बिरजे से मुलाकात हुई जो एयर होस्टेस बनने के लिए पब्लिक स्पीकिंग का कोर्स करने वहां आई थी. कोर्स करते-कराते दोनों के बीच प्यार हुआ जो आगे चलकर एक रिश्ते में बदल गया और दोनों शादी के बंधन में बंध गए. फिल्मी करियर शुरू होने से पहले माधवन और सरिता शादी कर चुके थे. माधवन के बेटा वेदांत भी चर्चित चेहरा हैं. वेदांत माधवन एक इंडियन स्विमर हैं जिन्होंने भारत के लिए कई टूर्नामेंट में मेडल जीते हैं.

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