हरियाणा के ADGP वाई पूरन कुमार के सुसाइड नोट में 8 IPS और 2 IAS के नाम, क्या लगे आरोप? सामने आई डिटेल 

आईपीएस अधिकारी वाई पूरन कुमार ने चंडीगढ़ में आत्महत्या कर ली. उनके 8 पन्नों के सुसाइड नोट में 8 आईपीएस और 2 आईएएस अधिकारियों पर उत्पीड़न और भेदभाव का गंभीर आरोप है. नोट में जातिवाद, गलत पोस्टिंग और प्रशासनिक अनदेखी का जिक्र है.

ADGP Y Puran Kumar
ADGP Y Puran Kumar

न्यूज तक डेस्क

• 01:23 PM • 08 Oct 2025

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Haryana: हरियाणा पुलिस के वरिष्ठ IPS अधिकारी और ADGP वाई पूरन कुमार की आत्महत्या ने पूरे प्रशासनिक और पुलिस महकमे में हड़कंप मचा दिया है. 2001 बैच के अधिकारी ने चंडीगढ़ में अपने सरकारी आवास में सर्विस रिवॉल्वर से खुद को गोली मारकर जीवन समाप्त कर लिया. उनके पास से मिले 8 पेज के सुसाइड नोट में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं. नोट में उन्होंने 8 IPS और 2 IAS अधिकारियों पर मानसिक उत्पीड़न और प्रशासनिक दबाव का आरोप लगाया है. साथ ही अपनी सारी संपत्ति अपनी पत्नी अमनीत कौर के नाम कर दी है.

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सुसाइड नोट में क्या लिखा?

पूरन कुमार ने अपने सुसाइड नोट में करियर के दौरान हुए उत्पीड़न का जिक्र किया है. उन्होंने पूर्व DGP हरियाणा सहित कई वरिष्ठ अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए. नोट में जातिगत भेदभाव, गलत पोस्टिंग, ACR (वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट) में अनियमितता, सरकारी आवास न मिलने और शिकायतों की अनदेखी जैसे मुद्दों का ज्रिक किया है. उन्होंने लिखा कि कुछ अधिकारियों ने उन्हें लगातार परेशान किया और प्रशासनिक दबाव में रखा.

7 अक्टूबर की सुबह चंडीगढ़ के सेक्टर-11 में उनके सरकारी आवास से गोली चलने की आवाज सुनाई दी. पुलिस के पहुंचने पर पूरन कुमार खून से लथपथ पाए गए. उनकी जेब से सुसाइड नोट बरामद हुआ. उस समय उनकी पत्नी अमनीत कौर मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के साथ जापान दौरे पर थीं. पुलिस ने घटनास्थल की वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी की है. फॉरेंसिक टीम ने सबूत जुटाए और परिवार व अन्य लोगों से पूछताछ शुरू की.

कौन थे वाई पूरन कुमार?

वाई पूरन कुमार हरियाणा कैडर के 2001 बैच के IPS अधिकारी थे. पूरन अपने कठोर और निष्पक्ष रवैये के लिए जाने जाते थे. अपने करियर में उन्होंने कई अहम जिम्मेदारियां संभालीं, जिनमें IGP (रोहतक रेंज), IGP (कानून-व्यवस्था), IG (दूरसंचार) और हाल ही में IG, पुलिस ट्रेनिंग सेंटर (PTC) सुनारिया, रोहतक शामिल हैं. 2025 में उन्हें रोहतक रेंज से हटाकर PTC सुनारिया भेजा गया था, जिसे कई लोग सजा के तौर पर तबादला मान रहे थे.

विवादों से भरा रहा करियर

पूरन कुमार का करियर हमेशा विवादों और संघर्षों से घिरा रहा. वे प्रशासनिक अनियमितताओं और भेदभाव के खिलाफ खुलकर बोलते थे. 2020 में उन्होंने तत्कालीन DGP मनोज यादव पर व्यक्तिगत रंजिश और जातिगत भेदभाव का आरोप लगाया था. गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजीव अरोड़ा पर भी पक्षपातपूर्ण जांच का इल्जाम लगाया. उन्होंने हरियाणा हाईकोर्ट में कई याचिकाएं दायर कीं, जिनमें पोस्टिंग, आवास आवंटन और नए पुलिस पदों के सृजन की वैधता पर सवाल उठाए. 2024 में DGP शत्रुजीत कपूर के खिलाफ शिकायत दर्ज की, जिसमें अस्थायी ट्रांसफर नियमों के उल्लंघन का जिक्र था.

रिश्वत का मामला आया सामने

पुलिस जांच में उनके PSO सुशील कुमार का नाम भी सामने आया. सुशील ने कबूल किया कि उन्होंने पूरन कुमार के कहने पर शराब कारोबारी प्रवीण बंसल से मंथली राशि मांगी थी. बंसल ने रोहतक में FIR दर्ज कराई, जिसमें बताया कि IG ऑफिस से कॉल कर धमकाया गया और 2.5 लाख रुपये की मांग की गई. सुशील को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया. एक ऑडियो क्लिप भी सामने आई, जिसमें सुशील पैसे की मांग करता सुनाई दे रहा है.

छुट्टी पर थे पूरन कुमार

सूत्रों के अनुसार, 29 सितंबर को पूरन कुमार को रोहतक रेंज के IG पद से हटाकर PTC सुनारिया भेजा गया था. तब से वे छुट्टी पर थे. इस तबादले को कई लोग सजा के तौर पर देख रहे थे.

 पुलिस पूर् मामले की गहन जांच जुट गई है. सुसाइड नोट में लगाए गए आरोपों की सत्यता की जांच के लिए एक विशेष टीम गठित की गई है. चंडीगढ़ के IGP और अन्य वरिष्ठ अधिकारी मामले की निगरानी कर रहे हैं.

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