पानीपत: स्कूल में बच्चे को लटकाकर पीटने के मामले में शिक्षा मंत्री ने लिया एक्शन, प्रिंसिपल-ड्राइवर गिरफ्तार

पानीपत के एक स्कूल में बच्चों को उल्टा लटका कर पीटने के मामले में हरियाणा के शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा ने कड़ी कार्रवाई की है. स्कूल को बंद कर दिया गया है और प्रिंसिपल व ड्राइवर को गिरफ्तार किया गया है.

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न्यूज तक डेस्क

29 Sep 2025 (अपडेटेड: 29 Sep 2025, 02:55 PM)

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पानीपत के एक स्कूल में पढ़ रहे छात्रों को सजा देने के नाम पर उल्टा लटका कर मारपीट करने का मामला सामने आया है. इस घटना को लेकर हरियाणा के शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा ने कड़ा रुख अपनाया है. उन्होंने बताया कि विभाग ने इस अमानवीय कृत्य पर तुरंत कार्रवाई करते हुए स्कूल को नोटिस भेजकर बंद कर दिया है.

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शिक्षा मंत्री ने कहा कि बच्चों को स्कूल पढ़ाई के लिए भेजा जाता है न कि उनके साथ इस तरह का बुरा व्यवहार करने के लिए. उन्होंने साफ शब्दों में कहा, "यह इंसानियत नहीं है."

प्रिंसिपल-ड्राइवर गिरफ्तार

इस मामले में स्कूल की प्रिंसिपल और ड्राइवर को गिरफ्तार भी कर लिया गया है. मंत्री महिपाल ढांडा ने बताया कि विभाग इस तरह के मामलों को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करेगा और आगे भी बच्चों की सुरक्षा के लिए कड़े कदम उठाए जाएंगे.

यह घटना समाज में चर्चा का विषय बनी हुई है और लोगों ने शिक्षा मंत्री की इस सख्त कार्रवाई की जमकर तारीफ की है. बच्चों के साथ हो रहे दुर्व्यवहार को रोकना हर किसी की जिम्मेदारी होनी चाहिए.

शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा का यह कदम बच्चों के हक में एक मजबूत संदेश है कि उनकी सुरक्षा और भलाई सबसे ऊपर है.

क्या है मामला 

एक वीडियो में दूसरी कक्षा के 7 साल के एक बच्चे को होमवर्क न करने के कारण स्कूल ड्राइवर अजय ने रस्सी से बांधकर खिड़की से उल्टा लटका कर पीटा. अजय ने इस बर्बरता का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर भी अपलोड कर दिया. 

वहीं दूसरे वीडियो में स्कूल की प्रिंसिपल रीना बच्चों के सामने ही कुछ छात्रों को थप्पड़ मारती दिख रही हैं. प्रिंसिपल ने इसे बच्चों के अनुशासन सुधार का दावा किया है, जबकि इस व्यवहार को शिक्षा मंत्रालय के निर्देशों के खिलाफ माना गया है. 

आरोप है कि बच्चों को सजा के तौर पर टॉयलेट साफ करने के लिए भी मजबूर किया गया. पीड़ित छात्र के परिवार ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद आरोपी ड्राइवर अजय के खिलाफ बाल संरक्षण कानून और अन्य गंभीर धाराओं में केस दर्ज किया गया. स्कूल प्रशासन ने दावा किया कि अजय को शिकायतों के बाद अगस्त में ही नौकरी से निकाला जा चुका था. यह घटना बाल सुरक्षा और शिक्षा संस्थानों की जवाबदेही पर गंभीर सवाल उठाती है.

इनपुट- प्रदीप रेडू
 

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