पंचकूला में 7 लोगों की मौत के मामले में सामने आया चश्मदीद, जानें उस दिन क्या हुआ था?

Panchkula Case Update: हरियाणा के पंचकूला में एक कार में एक ही परिवार के 7 लोगों के मौत के मामले में अब एक चश्मदीद सामने आया है, जिसने पूरी घटना की आंखों देखी कहानी बताई है.

घटना के वक्त मौजूद चश्मदीद पुनीत राना (तस्वीर: इंडिया टुडे)

घटना के वक्त मौजूद चश्मदीद पुनीत राना (तस्वीर: इंडिया टुडे)

न्यूज तक

• 05:49 PM • 27 May 2025

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Panchkula Case Update: हरियाणा के पंचकूला में एक ही परिवार के सात लोगों द्वारा कार में ज़हर खाकर जान देने के मामले में अब एक चश्मदीद सामने आया है. चश्मदीद का नाम पुनीत राणा बताया जा रहा है. पुनीत ने इस घटना को लेकर कई हैरान करने वाले खुलासे किए हैं.

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आज तक की रिपोर्ट के अनुसार, पुनीत राणा वही व्यक्ति हैं, जिसके घर के पास यह कार खड़ी थी. पुनीत ने बताया कि उन्हें किसी ने जानकारी दी कि उनके घर के बाहर एक गाड़ी खड़ी है.

प्रवीण से चश्मदीद क्या बात हुई ?

इसके बाद जब पुनीत राणा मौके पर पहुंचे, तो उन्होंने बताया कि गाड़ी में बैठे परिवार के मुखिया प्रवीण मित्तल से उनकी बात हुई. प्रवीण ने पुनीत से कहा, "हम बाबा के प्रोग्राम में आए थे. होटल नहीं मिला, इसलिए गाड़ी में सो रहे हैं." पुनीत के अनुसार, उन्होंने प्रवीण से गाड़ी हटाने को कहा था.

"सभी लोगों ने की हुई थी उल्टी "

पुनीत ने आगे बताया कि जब उन्होंने कार के अंदर झांका, तो सभी लोगों ने उल्टी की हुई थी. इसके बाद प्रवीण मित्तल खुद कार से बाहर निकले और बताया कि उन्होंने भी जहर खा लिया है. प्रवीण ने कहा कि वे कर्ज में डूबे हैं और उनके रिश्तेदारों ने भी उनकी मदद नहीं की. इस बीच जब पुनीत ने कार में बैठे बच्चों को हिलाकर देखा, तो कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली. यहां पढ़ें क्या है पूरा मामला

एंबुलेंस को आने में कर दी देर 

पुनीत ने बताया कि पुलिस कुछ ही देर में मौके पर पहुंच गई थी, लेकिन एंबुलेंस को आने में करीब 40-45 मिनट लग गए. पुनीत ने यह भी बताया कि कार के अंदर से काफी बदबू आ रही थी और उसमें दवा की एक टैबलेट भी पड़ी हुई थी. पुनीत के मुताबिक, अगर मेडिकल सहायता समय पर मिल जाती, तो शायद कुछ जानें बच सकती थीं. थोड़ी देर बाद प्रवीण मित्तल की भी मौत हो गई.

साधारण जीवन जीता था परिवार - पड़ोसी

इस परिवार के बारे में प्रवीण मित्तल की एक पड़ोसी आराधना थापा ने बताया कि वे काफी साधारण जीवन जीते थे. मृतक की मां बीमार रहती थीं और बच्चे देहरादून के ब्लूमिंग बर्ड स्कूल में पढ़ते थे. तीन साल देहरादून में रहने के बाद यह परिवार कुछ समय पहले चंडीगढ़ शिफ्ट हो गया था.

इनपुट: अंकित शर्मा 

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