साल 2022 में इंदौर पुलिस कंट्रोल रूम के बाहर घटी एक सनसनीखेज घटना का दुखद अंत हुआ है. यह मामला प्रेम-प्रसंग, ब्लैकमेलिंग और लालच की एक ऐसी कहानी थी जिसने पुलिस की छवि को धूमिल कर दिया. इस मामले में शामिल महिला एएसआई रंजना खांडे को अब सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है.
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क्या है मामला
यह घटना साल 2022 में हुई थी जब भोपाल के श्यामला हिल्स थाने के तत्कालीन टीआई हाकम सिंह पवार इंदौर कंट्रोल रूम परिसर में महिला एएसआई रंजना खांडे के साथ कॉफी पी रहे थे. दोनों के बीच अचानक किसी बात को लेकर विवाद हुआ और टीआई पवार ने अपनी सर्विस रिवाल्वर से रंजना पर गोली चला दी.
पहली फायरिंग में गोली एएसआई रंजना खांडे के कान को छूते हुए निकल गई, जिससे वह बेहोश हो गईं. उनके बेहोश होने के बाद टीआई को लगा कि उनकी मौत हो गई है और उन्होंने एक और फायरिंग कर दूसरी गोली चलाई और यह गोली उन्होंने खुद को गोली मार ली और उनकी मौके पर ही मौत हो गई.
वहीं दूसरी तरफ गोली की आवाज सुनकर पुलिसकर्मी मौके पर पहुंचे और दोनों को लहूलुहान पाया. शुरुआत में पुलिस को लगा कि किसी बाहरी व्यक्ति ने दोनों को गोली मारी है, लेकिन टीआई की रिवाल्वर पास पड़ी मिलने और रंजना के होश में आने के बाद पूरे मामले की जांच एसआईटी को सौंपी गई.
जांच में सामने आई चौंकाने वाली हकीकत
इस घटना की एसआईटी की जांच की तो कई चौंकाने वाले फैक्ट सामने आए. पता चला कि टीआई हाकम सिंह पवार और एएसआई रंजना खांडे के बीच प्रेम-संबंध थे, जबकि टीआई पहले से ही तीन शादियां कर चुके थे. जांच में यह भी सामने आया कि रंजना खांडे, टीआई हाकम सिंह को ब्लैकमेल कर रही थीं.
ब्लैकमेलिंग की वजह
जांच से पता चला की रंजना कथित तौर पर टीआई से बंगला और ऐशो-आराम के लिए पैसे ऐंठ रही थीं और उन्हें परेशान कर रही थीं. उनके पास टीआई के कुछ अश्लील वीडियो भी थे, जिनका इस्तेमाल वह ब्लैकमेलिंग के लिए कर रही थीं.
इस मसले को सुलझाने के लिए टीआई हाकम सिंह पवार इंदौर आए थे, जहां दोनों के बीच विवाद और भी ज्यादा बढ़ गया और उन्होंने गोली चला दी.
3 साल बाद रंजना खांडे बर्खास्त
इस मामले में टीआई हाकम सिंह पवार के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने (धारा 306) का मामला दर्ज कर चालान कोर्ट में पेश किया गया, जिस पर विचार जारी है.
हालांकि, एएसआई रंजना खांडे के खिलाफ विभागीय जांच की शुरुआत हो गई थी. इस जांच में पाया गया कि उनपर जो भी आरोप लगे थे वो सब सही हैं. इस मामले में पहले तो उन्हें एक साल की वेतन वृद्धि रोकने का दंड दिया गया था, लेकिन बाद में पूरे मामले की समीक्षा की गई.
उच्चाधिकारियों ने पाया कि उन्हें जो दंड दिया गया है वो उनके अपराध के अनुपात में कम है. सभी तथ्यों और विभागीय जांच में प्रमाणित आरोपों के आधार पर, एएसआई रंजना खांडे को अब नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया है.
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