Breaking: मध्य प्रदेश के शिवपुरी में वायुसेना का लड़ाकू विमान क्रैश, हादसे के बाद जलकर खाक हुआ एयरक्रॉफ्ट

मध्य प्रदेश के शिवपुरी से बड़ी खबर आ रही है. यहां पर वायुसेना का लड़ाकू विमान क्रैश हो गया है. प्रारंभिक जानकारी के मुताबिक हादसे में पायलट सुरक्षित बच गए हैं. क्रैश होने के बाद लड़ाकू विमान में आग लग गई. दूर खेतों में विमान हुआ क्रैश, वहां पर स्थानीय लोगों की भीड़ जमा हो गई है. 

शिवपुरी में एयरफोर्स का विमान क्रैश हो गया.

शिवपुरी में एयरफोर्स का विमान क्रैश हो गया.

सुमित पांडेय

06 Feb 2025 (अपडेटेड: 06 Feb 2025, 04:21 PM)

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मध्य प्रदेश के शिवपुरी से बड़ी खबर आ रही है. यहां पर वायुसेना का लड़ाकू विमान क्रैश हो गया है. प्रारंभिक जानकारी के मुताबिक, शिवपुरी जिले के बहरेटा सानी गांव के पास एयरफोर्स का फाइटर प्लेन क्रैश हो गया. हालांकि गनीमत ये रही कि हादसे में दोनों पायलट सुरक्षित बच गए हैं और उन्हें रेस्क्यू कर ग्वालियर लाया जा रहा है. क्रैश होने के बाद लड़ाकू विमान में आग लग गई. क्रैश होने के बाद विमान दूर खेतों में जा गिरा, वहां पर स्थानीय लोगों की भीड़ जमा हो गई है. स्थानीय लोगों ने विमान हादसे में घायल हुए पायलट की पूरी मदद की. उन्हें उठाकर बैठाया और पानी पिलाया.

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दुर्घटना के कारणों का पता लगाने के लिए कोर्ट ऑफ इंक्वायरी का आदेश दिए गए हैं. बताया जा रहा है कि विमान में तकनीकी खराबी की वजह से हादसा हुआ. मामले की जांच जारी है.

स्थानीय लोगों ने विमान हादसे में घायल हुए पायलट की पूरी मदद की.

बताया जा रहा है कि ये फाइटर प्लेन मिराज 2000 ने ग्वालियर से उड़ान भरी. ये विमान रुटीन ट्रेनिंग पर था. स्थानीय लोगों ने पायलट के पास पहुंचकर उसे मदद पहुंचाई. फाइटर प्लेन के क्रैश होने की जानकारी विमान के पायलट ने ही कंट्रोल रूम को दी. मामले की जांच शुरू हो गई है कि आखिर मिराट फाइटर प्लेन क्रैश कैसे हुआ.

मिराज-2000 और इसकी ख़ासियत

बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, मिराज-2000 अत्याधुनिक लड़ाकू विमान है जिसका निर्माण फ़्रांस की डासो एविएशन कंपनी ने किया है. ये वही कंपनी है जिसने रफ़ाल लड़ाकू विमान बनाया है. मिराज-2000 की लंबाई 47 फ़ीट और वज़न 7,500 किलो है. यह अधिकतम 2,000 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ़्तार से उड़ सकता है.

मिराज-2000 13,800 किलो गोला बारूद के साथ 2,336 किलोमीटर की गति से उड़ सकता है. डबल इंजन वाला मिराज-2000, चौथी पीढ़ी का मल्टीरोल लड़ाकू विमान और माक 2 है. भारत ने पहली बार इसे 80 के दशक में ख़रीदने का ऑर्डर दिया था. करगिल युद्ध में मिग-21 के साथ मिराज-2000 विमानों ने भी अहम भूमिका निभाई थी.

दो इंजन होने की वजह से क्रैश होने की संभावना कम

बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2015 में कंपनी ने अपग्रेडेड मिराज-2000 लड़ाकू विमान भारतीय वायुसेना को सौंपे. इन अपग्रेडेड विमानों में नए रडार और इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम लगे हैं, जिनसे इन विमानों की मारक और टोही क्षमता में भारी इज़ाफ़ा हो गया है. लेकिन फ़्रांस ने ये विमान केवल भारत को ही नहीं बेचा, बल्कि आज की तारीख़ में नौ देशों की वायुसेना इस विमान का इस्तेमाल करती हैं.

मिराज-2000 में जुड़वां इंजन हैं. सिंगल इंजन होने की वजह से लड़ाकू विमानों का वज़न कम होता है जिससे उनके मूवमेंट में आसानी होती है. लेकिन कई बार इंजन फेल होने से विमान के क्रैश होने की आशंका रहती है. ऐसी स्थिति में यदि लड़ाकू विमान में एक से अधिक इंजन हो तो एक इंजन फेल होने पर दूसरा इंजन काम करता रहता है. इससे पायलट और विमान दोनों सुरक्षित रहते हैं. दो इंजन होने की वजह से मिराज-2000 के क्रैश होने की संभावना बेहद कम है.

क्रैश होने के बाद पायलट को संभालते दिखे ग्रामीणा, वीडियो आया

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